सामान्य तौर पर माउथवॉश के रूप में सुपारी का प्रयोग किया जाता है! जो लोग पान खाते हैं या पूजा-पाठ के लिए पान को प्रयोग में लाते हैं, वे सुपारी के बारे में भी जरूर जानते होंगे। पान के साथ-साथ सुपारी का प्रयोग गुटखा-तंबाकू आदि के लिए भी किया जाता है। सच यह है कि अधिकांश लोग सुपारी को केवल इन्हीं चीजों के उपयोग के लिए जानते होंगे, लेकिन असलियत सिर्फ इतना नहीं है। आयुर्वेदिक किताबों के अनुसार, सुपारी एक गुणी औषधि है। आप सुपारी के फायदे भिन्न-भिन्न रोगों की रोकथाम या इलाज में ले सकते हैं। शायद आप भी सुपारी खाने के फायदे के बारे में नहीं जानते होंगे।
पतंजलि में अनुसार, सुपारी एक जड़ी-बूटी है, जिसके इस्तेमाल से रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है। सुपारी के इस्तेमाल से कई बीमारियों को इलाज भी किया जा सकता है। आइए सुपारी के फायदे के बारे में जानते हैं।
सुपारी क्या है?
सुपारी एक जड़ी-बुटी है। देश और भिन्नता के आधार पर सुपारी कई प्रकार की होती हैं। इसकी मुख्यतः दो प्रमुख प्रजातियां प्रचलित हैं, जो ये हैंः-साधारण सुपारी
लाल सुपारी
सुपारी का वृक्ष, ताड़ एवं नारियल के समान ऊंचा होता है। इसका तना सीधा, चिकना, छल्लेदार होता है। इसके पत्ते बड़े, नारियल के पत्तों के समान लम्बे होते हैं। इसके फल चिकने, नारंगी रंग के होते हैं। पक जाने पर फल, गहरे नारंगी रंग का और अण्डाकार होता है। इसी फल के अन्दर सुपारी होती है।
सुपारी के फायदे
मुंह में छाले होने पर सुपारी, तथा बड़ी इलायची की भस्म बना लें। उसमें शहद मिलाकर मुंह में लगाएं। इससे मुंह के छाले की परेशानी में लाभ होता है।सोंठ, सुपारी, अथवा मरिच, गोमूत्र, और नारियल के जल से काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के रोग जैसे अधिजिह्वादि में लाभ होता है।
पेट में कीड़े होने पर 10-30 मिली सुपारी के फल का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।इसी तरह, 5 मिली सुपारी के फल का रस पीने से भी पेट की बीमारी ठीक होती है। पेट की गंदगी मल द्वारा बाहर निकल जाती है।अनेक लोगों को आंतों से जुड़ी परेशानी होती रहती है। आंतों के रोग को ठीक करने के लिए, 1-4 ग्राम सुपारी के चूर्ण को छाछ के साथ सेवन करें। इससे आंतों के रोग में फायदा होता है।
दांत दर्द कर रहा हो, तो बराबर-बराबर मात्रा में सुपारी, खदिर, पिप्पली, तथा मरिच का भस्म बना लें। इसे दांतों पर मलें। इससे दांतों का दर्द, मसूड़ों का दर्द, और जीभ के दर्द से राहत मिलती है।सुपारी के चूर्ण को दांतों पर मलने से भी दांतों के विकारों ठीक होते हैं।
सुपारी खाने के फायदे दस्त में भी मिलते हैं। इसके लिए पांच हरे सुपारी फल को धीमी आग में पकाएं। जब अन्दर की ओर जलने लगे, तब इसे निकालकर, काटकर प्रयोग करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
बराबर-बराबर भाग में अपांप्म, सुपारी, और कुछ कम मात्रा में स्फटिक को मिला लें। इन्हें नींबू के रस में घोल लें। इसे रस को एक-एक बूंद आंखों में डालने से आंखों की लालिमा की परेशानी ठीक होती है।जो महिलाएं मासिक धर्म संबंधी विकार से पीड़ित हैं, उन्हें सुपारी पाक का सेवन करना चाहिए। इससे मासिक धर्म के विकारों में राहत मिलती है।
मूत्र रोग जैसे पेशाब रुक-रुक आना, बार-बार पेशाब आना, या पेशाब में चीनी आना आदि में सुपारी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए सुपारी, तथा खदिर की छाल का काढ़ा बना लें। काढ़ा के 10-30 मिली मात्रा में शहद मिलाकर पिलाने से मूत्र रोग में लाभ होता है।
शुक्राणु रोग में भी सुपारी खाने के फायदे मिलते हैं। इसमें 6 ग्राम सुपारी के फूल के चूर्ण में, 3 ग्राम चीनी मिलाकर दूध के साथ सेवन करें। इससे शुक्राणु रोग में लाभ होता है।सुपारी के चूर्ण को सिफलिस के घाव पर लगाने से घाव तुरंत ठीक हो जाता है। इस दौरान आपको रोज घाव पर सुपारी के फल के पेस्ट का लेप करना जरूरी है। इस उपाय के दौरान जौ से बने भोजन का सेवन करना है।
एक्जिमा में सुपारी की भस्म में थोड़ा तिल का तेल मिला लें। इसमें थोड़ा घी मिला लें, और बीमार अंग पर लगाएं। इससे एक्जिमा में लाभ होता है।
अगर त्वचा लाल हो गई हो, तो रात को सुपारी को उबलते हुए जल में भिगों दें। सुबह उस जल से त्वचा की लाली को धोएं। इससे त्वचा रोगों में लाभ होता है।
गंजापन बहुत लोगों की समस्या है, जिसके लिए लोग बहुत सारे उपाय आजमाते हैं। गंजेपन में सुपारी का इस्तेमाल लाभ पहुंचाता है। इसके लिए बराबर-बराबर भाग में नीलकमल, बहेड़ा फल मज्जा, तिल, तथा अश्वगंधा लें। इसमें आदा भाग प्रिंगु फूल, तथा सुपारी की छाल मिलाकर, पीस लें। इससे लेप करने से गंजेपन की समस्या में लाभ होता है।