कभी कबार आपने देखा होगा कि आपकी आंखों की पलकें सूज जाती है! आंखें शरीर का एक बहुत ही नाजुक और महत्वपूर्ण अंग। इनकी उचित देखभाल लम्बे समय तक आंखों की रौशनी को अच्छा बनाए रखने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसलिए आंखों के हर हिस्से से जुड़ी तकलीफ पर ध्यान देना जरूरी है। कई बार संक्रमण गंभीर रूप लेकर आंखों को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है। आंखों का ऐसा ही एक हिस्सा है आईलिड या पपोटे। यानी वह हिस्सा जहां से पलकें जुड़ी होती हैं। ये हिस्सा एक तरह से आंखों की सुरक्षा के लिए कवर या पर्दों की तरह काम करता है। बाहरी धूल, धुएं, कचरे और हानिकारक कणों को आंखों के भीतर जाने से रोकने में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कई बार इस हिस्से में सूजन, लाली, फुंसी या अन्य समस्याएं पनप जाती हैं। इन समस्याओं का समय पर और सही तरीके से निदान और उपचार जरूरी है!
आंखों के आस पास जो त्वचा होती है उसमें बहुत कोमल टिशूज होते हैं। जब किसी कारण से इन टिशूज में तरल पदार्थ भर जाता है तो ये हिस्सा फूल जाता है। इसमें कई बार खुजली, दर्द और जलन भी हो सकती है। ये स्थिति कई समस्याओं का संकेत हो सकती है। जैसे-
कोई एलर्जी
ब्लेफेराइटिस
आंख आना या पिंक आई
शिंगल्स
आंखों के पपोटों में किसी तेल ग्रंथि में कोई रुकावट आ जाना
आईलिड यानी पपोटों की त्वचा पर फुंसी हो जाना
आई सॉकेट के आस पास कोई संक्रमण होना
थायराइड संबंधी कोई अनियमितता
आंखों पर दिन में दो बार एक साफ कॉटन का गीला कपड़ा 10-15 मिनिट्स के लिए रखें। इससे आंखों के आस पास की ग्रन्थियों में जमा अतिरिक्त तेल को हटाने और पलकों पर जमा पपड़ी को हटाने में मदद मिलेगी।
संक्रमण हो या फुंसी, कभी भी आंखों को मसलें या रगड़ें नहीं। इसकी बजाय कॉटन के साफ और मुलायम कपड़े, रुमाल या रुई से एकदम हल्के हाथों से आंखों को साफ करें। साफ और गुनगुने पानी या एंटीसेप्टिक का उपयोग डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है। लेकिन इसे आंखों के भीतर न जाने दें।
कोशिश करें कि संक्रमण या फुंसी या सूजन के दौरान आंखों पर स्ट्रेस कम से कम हो। मोबाइल, किताब, टीवी, लैपटॉप आदि का प्रयोग कम करें और हो सके तो आंखें मूंदकर लेट जाएं।
मेकअप, कॉन्टैक्ट लेंस या किसी भी आई एक्सेसरी का उपयोग करने से बचें।
अगर ड्राय आइज़ की समस्या है तो इसके लिए उपाय करें।
यदि एक-दो दिन में सूजन में आराम न हो, आंखों से पानी आये, जलन या खुजली हो तो डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करें।
आप जब सुबह सोकर उठते हैं, तो कई बार आपकी आंखें सूजी होती हैं। कई बार यह अस्थायी होता है और आपकी आंखें अपने आप ठीक हो जाती हैं। लेकिन कई बार मामला थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आंखों के आसपास सूजन किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है। यह सूजन एडेमा की वजह से होती है, जिसमें ऊतकों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है।आमतौर पर आंखों के आसपास सूजन सोने और रोने की वजह से भी हो सकती है। कई बार यह सूजन अपने आप चली जाती है, लेकिन कभी-कभी इसका इलाज कराना बेहद जरुरी हो जाता है। सूजी हुई आंखों की वजह से आपको खुजली या दर्द भी हो सकता है।
कई बार आंखें गुलाबी रंग की हो जाती है। इसकी वजह बैक्टीरिया, वायरल संक्रमण या एलर्जी भी हो सकती है। इसकी वजह से आपकी आंख की सतह पर सूजन आ सकती है। यह एक आंख से शुरू होकर दोनों में फैल सकती है। इसमें मवाद या एक चिपचिपा द्रव पलकों और आंखों के कोनों पर दिखाई देता है।
इसके लिए आप अपनी पलकों को गर्म पानी और रुई से साफ कर सकती हैं। इस समस्या में आंख अपने आप ठीक हो सकती है, हालांकि इसमें 2 से 3 सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस दौरान अपनी आंखों को छूने से बचें। इसके लिए आई कॉस्मेटिक्स और कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बंद करें।
आई स्टाई के उपचार के लिए आप सिंकाई कर सकती हैं। ऐसा दिन में तीन से पांच बार करें। इसके लिए कभी-कभी डॉक्टर ड्राप या मलहम लगाने की सलाह देते हैं। कई बार इसे निकालने के लिए ऑपरेशन की जरुरत पड़ सकती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए मेकअप का उपयोग करने से बचना चाहिए।
आंखों के आसपास की स्किन पर संक्रमण हो जाता है। इसे सेल्युलाइटिस की प्रॉब्लम कहा जाता है। इसमें आपकी आंख के आसपास की स्किन लाल हो जाएगी और चोट लग सकती है। इसे ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जरुरत पड़ती है। कई सेल्युलाइटिस की समस्या गंभीर हो सकती है।
आंखों की समस्या कभी कभी गंभीर भी हो सकती है। इस वजह से कुछ लोग तुरंत चिकित्सा उपचार लेना पसंद करते हैं। डॉक्टर्स उन्हें जरुरी एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं। अगर 1 सप्ताह के बाद भी आपकी गांठ या सूजन में सुधार नहीं होना शुरू हो या सूजन बिगड़ रही हो तो हमेशा डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। इन परिस्थितियों में डॉक्टर से मिलना चाहिए –
आपकी आंख में तेज दर्द।
धुंधला दिखाई देने पर।
रोशनी खराब होने पर।
आंखों के अंदर कुछ फंस गया हो।