क्या नूह हिंसा में मोनू मानेसर का है बड़ा हाथ?

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एक खबर के अनुसार मोनू मानेसर नूह हिंसा में बड़ा हाथ है! पिछले पांच-छह महीनों में हरियाणा और राजस्थान में एक नाम बार-बार चर्चा में है और ये नाम है मोनू मानेसर, लेकिन पिछले तीन दिनों में तो ये हर न्यूज़ चैनल और अखबार की सुर्खी बना हुआ है। हरियाणा के अलग-अलग जिलों में पिछले तीन दिनों से हिंसा भड़की हुई है। चप्पे-चप्पे में पुलिस बल तैनात है, इलाके में शांति कायम करने की कोशिश की जा रही है और अब इसी हिंसा से नाम जुड़ रहा है मोनू मानेसर का। हम आपको बताएंगे क्यों मोनू मानेसर का नाम नूंह और दूसरे जिलों में हुई हिंसा से जोड़ा जा रहा है, लेकिन उससे जान लीजिए ये मोनू मानेसर है कौन? मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। ये मानेसर गांव का रहने वाला इसलिए इसने अपने निक नेम के साथ मानेसर जोड़ लिया है और बन गया है मोनू मानेसर। साल 2015 में हरियाणा सरकार ने गौरक्षा कानून लागू किया था और एक गौरक्षा के लिए एक सीमित बनाई थी। तब ही मोनू मानेसर उस समिति का हिस्सा बन गया था।

मोनू मानेसर सोशल मीडिया में काफी एक्टिव है। वो अक्सर गौ रक्षा से जुड़े वीडियो अपने फेसबुक यूट्यूब अकाउंट में डालता रहता है। गायों की तस्करी करने वालों के खिलाफ अक्सकर तीखे बयान भी देता रहता है। यूट्यूब में इसके 2 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं जबकि फेसबुक में भी 80 हजार से ज्यादा लोग इसे फॉलो करते हैं। इसकी एक-एक पोस्ट को हजारों लाइक मिलते हैं। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये कभी गायों के साथ फोटो डालता है तो कभी हथियारों के साथ। बड़े-बड़े अधिकारियों और लोगों के साथ भी इसकी तस्वीरें अक्सर सामने आती हैं।

इसी साल 15 फरवरी को मोनू मानेसर पर बेहद संगीन आरोप लगे। आरोप थे अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों नासिर और जुनैद की हत्या के। ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे और इन दोनों की जली हुई लाश एक कार से बरामद की गई। दोनों के परिवार वालों ने मोनू मानेसर समेत पांच अन्य गौ रक्षकों पर हत्या का केस दर्ज करवाया। ये केस राजस्थान में दर्ज हुआ और पुलिस मोनू की तलाश में जुट, लेकिन केस फाइल होने के बाद मोनू फरार हो गया। तब से लेकर कई बार पुलिस इसे पकड़ने की कोशिश कर चुकी है कि लेकिन ये फरार है। हालांकि इस बीच भी ये अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव रहा था।

अब जान लीजिए नूंह मामले में मोनू मानेसर पर क्या आरोप लग रहे हैं। खबरों के मुताबिक सोमवार को जब नूंह हिंसा भड़की उससे एक दिन पहले मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक बयान डाला था। उस बयान में इसने कहां था कि वो सोमवार से शुरू होने वाली ब्रज मंडल यात्रा में शामिल होगा। साथ ही उसने लोगों से बड़ी संख्या में इस शोभा यात्रा का हिस्सा बनने की अपील की थी। एक थ्योरी के मुताबिक नासिर और जूनैद के हत्या के आरोपी मोनू मानेसर के इस बयान के बाद एक समुदाय के लोग भड़क गए और उसके बाद अगले दिन से ये हिंसा शुरू हो गई। वैसे मोनू मानेसर फरार है लेकिन इस हिंसा के बाद उसका एक बयान सोशल मीडिया के जरिए सामने आ चुका है जिसमें वो कह रहा है कि उसपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि यात्रा के साथ अर्पायप्त सुरक्षा बल था, जिसकी वजह से यह हिंसा हुई. मोनू मानेसर से हमारा कोई नाता नहीं है. कोई भी युवा अपने आप को बजरंग दल का सदस्य कह सकता है, लेकिन जब तक वो संयोजक नहीं बन जाता है तब तक कोई बजरंग दल का कार्यकर्ता नहीं हो सकता है. इसलिए उससे हमारा कोई नाता नहीं है, ना ही वह बजरंग दल का हिस्सा है. जो इंसान संविधान के खिलाफ बात करता है वो बजरंग दल का हिस्सा हो ही नहीं सकता है.”! हरियाणा के नूंह में झड़प से एक दिन पहले मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह शोभा यात्रा में भाग लेगा. उसने वीडियो में यात्रा में लोगों से बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने के लिए कहा था. हालांकि पुलिस ने मोनू मानेसर को रोक दिया और वह धार्मिक जुलूस में शामिल नहीं हुआ. मोनू मानेसर इस साल फरवरी में भिवानी में दो कथित गाय तस्करों की हत्या का आरोपी है!