राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब केवल छह दिन बचे हैं। 18 जुलाई को चुनाव होना है। इस बीच भाजपा की अगुआई वाली एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को दो और दलों का समर्थन मिल गया है। सोमवार को पहले आंध्र प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट डालने का एलान किया, फिर शिवसेना के उद्धव गुट ने। अब आज शिवसेना के शिंदे गुट ने भी मुर्मू का समर्थन कर दिया है। इसी के साथ मुर्मू की उम्मीदवारी और मजबूत हो गई है। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पीछे होते जा रहे हैं।
पहले जानिए द्रौपदी मुर्मू को किन-किन दलों ने दिया समर्थन?
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन में शामिल ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर सकती है। समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी मुर्मू के पक्ष में ही वोट डालने का एलान किया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जनसत्ता दल लोकत्रांत्रिक भी एनडीए प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहा है।
विपक्ष में होने के बाद भी बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर, अकाली दल, टीडीपी और बहुजन समाज पार्टी ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है। इन सभी के पास 6.70 लाख वैल्यू से ज्यादा के वोट हैं। ये आंकड़ा जीतने के लिए जरूरी संख्या से काफी ज्यादा है।
सिन्हा को कहां-कहां से मिला समर्थन?
यशवंत सिन्हा को अब तक कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम) समाजवादी पार्टी, रालोद, आरएसपी, टीआरएस, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा, आरजेडी, केरल कांग्रेस (एम) जैसे कई दलों का समर्थन मिल चुका है। यशवंत के पास अभी करीब तीन लाख 89 हजार वैल्यू के वोट हैं। केरल के छोटे-बड़े सभी दलों ने यशवंत सिन्हा को ही समर्थन दिया है। ऐसे में संभव है कि यहां से एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को यहां एक भी वोट न मिले।
सिन्हा को विपक्ष के कई दलों ने बड़ा झटका दिया है। इनमें बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर, अकाली दल, टीडीपी, बहुजन समाज पार्टी शामिल हैं।