मुलेठी में अपने आप एक खुशबू पाई जाती है, जिसकी वजह से यदि ड्रग्स उसमें ले जाया जाए, तो उसे जल्दी से पहचाना नहीं जा सकता! मुलेठी खाने के फायदे तो आप जानते ही होंगे। खांसी आने या सर्दी में बड़े-बुजुर्ग इसे चूसकर खाने की सलाह देते हैं। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है। लेकिन यहां इस सूखी लकड़ी की कहानी बिल्कुल अलग है। जैसे-जैसे जांच एजेंसियों ने आधुनिक तकनीक की मदद से गैरकानूनी काम करने वालों का पर्दाफाश करना शुरू किया तो हेरोइन जैसे मादक पदार्थ का काला कारोबार करने वालों ने भी नया तरीका ढूंढ निकाला। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुंबई बंदरगाह से मुलेठी की एक बड़ी खेप जब्त की थी। आपको लगेगा कि मुलेठी क्यों जब्त की। दरअसल, मुलेठी की जड़ में 1-2 किलोग्राम नहीं पूरे 355 किलोग्राम हेरोइन लपेटी गई थी। अधिकारियों ने जब्त किए गए मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये बताई है।
मुंबई में एक कंटेनर से 355 किग्रा हेरोइन जब्त किए जाने के फौरन बाद पुलिस ने उन दो ईरानियों की तलाश शुरू कर दी जिन्हें इस मुलेठी की जड़ों से प्रतिबंधित पदार्थ निकालने के लिए भारत भेजा गया था। उनका काम जड़ों से हेरोइन को निकालकर उसे बेचने के लिए तैयार करना था। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होता है। अब तक जो हेरोइन जड़ों में चिपकी थी उसे पाउडर वाले फॉर्म में लाना होता है।
इस मामले में गिरफ्तार दो अफगान नागरिकों ने पुलिस को बताया कि इन केमिकल एक्सपर्ट को ड्रग्स की दुनिया में ‘डॉक्टर’ कहा जाता है। वे इस काम के लिए टूरिस्ट या मेडिकल वीजा पर अक्सर भारत आते हैं। केमिकल एक्सपर्ट मॉड्यूल्स द्वारा अलग-अलग राज्यों में तैयार किए गए लैब में मुलेठी की जड़ से हेरोइन निकालने की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘ये केमिकल एक्सपर्ट पहले से केमिकल डाले हुए पानी में मुलेठी की लकड़ियों को गर्म करते हैं। इसके बाद उसकी जड़ को बाहर निकाला जाता है और ‘हेरोइन वॉटर’ को सूती कपड़े की मदद से एक जार जैसे बर्तन में छान लिया जाता है। अब दूसरी प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें एक गुप्त केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पानी भाप बनकर उड़ जाता है और नीचे हेरोइन बच जाती है।’
ईरान कनेक्शन के बारे में सूत्रों ने बताया कि इस कंटेनर को Shahid Rajaei Port से किसी जलीली नामक शख्स ने भेजा था, जो यूएई के अजमान में Futuria नाम से एक फर्म चलाता है। पुलिस को शक है कि दो फरार केमिकल एक्सपर्ट भी जलीली के ही साथी हैं, जो हेरोइन के धंधे में अहमद शाह और बाबा जानी के लिए काम करता है। शाह एक अफगान नागरिक है और पाकिस्तान में रहता है। यह अपने लिंक के जरिए ईरान के रास्ते खेप की डिलिवरी में सहयोग करता है।
16 सितंबर को स्पेशल सेल को मुंबई पोर्ट पर एक कंटेनर होने का पता चला जिसमें 22 टन मुलेठी ईरान से भेजी गई थी। मुलेठी की असली जड़ों में हेरोइन के सौदागरों ने हेरोइन लपेटी गई जड़ें भी रख दी थीं। यह रिकवरी दो अफगान नागरिकों के इनपुट पर हुई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन सितंबर को दो अफगान नागरिकों मुस्तफा स्टानिकजई (23) और रहीमुल्ला रहीमी (44) को 312.5 किलोग्राम मेथामफेटामाइन और 10 किग्रा उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। लगातार सख्ती से पूछताछ के बाद इन्होंने मुलेठी की जड़ की एक खेप के बारे में बताया, जिसे मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट में छिपाकर रखा गया था।
शुरुआती जांच में पता चला कि पूरी खेप की पहले भी जांच की गई थी। उस दौरान बैग को नुकसान हुआ और मुलेठी की जड़ें कंटेनर के अंदर बिखरी हुई पाई गई। विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) एचजीएस धालीवाल ने बताया कि एक-एक जड़ की जांच करने पर पता लगा कि कुछ डंडियों का रंग दूसरों की तुलना में गहरा था। बाद में गहरे रंग की सभी जड़ों में हेरोइन का पता लगाया गया।
एक महीने के भीतर यह लगातार दूसरा नार्को-टेरर ऑपरेशन था। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस चीफ संजय अरोड़ा को इन कार्टेल पर सख्त ऐक्शन लेने और UAPA के तहत एफआईआर दर्ज करना का निर्देश दे रखा है। मुलेठी को मीठी जड़ भी कहा जाता है। इससे पहले अप्रैल के महीने में अमृतसर में अधिकारियों ने 102 किग्रा हेरोइन की खेप जब्त की थी। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 700 करोड़ रुपये बताई गई थी। अटारी चेक पोस्ट पर आए लकड़ी के गठ्ठर में इसे छिपाया गया था। इसे दिल्ली के शख्स ने अफगानिस्तान से खरीदा था। मुलेठी की एक्स-रे जांच में अंदर छिपाकर रखी गई इस चीज का पता चला।