नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग के एक मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ दिल्ली कई स्थानों पर छापेमारी की है।। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी की छापेमा सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और उनके सहयोगियों और अन्य व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे गए हैं.इन सभी पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है. सत्येंद्र जैन के राष्ट्रीय राजधानी स्थित करीब 10 ठिकानों पर ईडी सर्च अभियान चला रही है सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन व अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है जोकि इस पूरे मामले से परोक्ष या अपरोक्ष तौर पर जुड़े हैं। जिन लोगों ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद की थी उनके नाम अंकुश, वैभव , नवीन , सिद्धार्थ के नाम सामने आए हैं। ईडी का कहना है कि अंकुश जैन के ससुर योगेश कुमार जैन और लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट के लोगों ने दिल्ली के मंत्री की मदद की थी।
प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग के एक मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ दिल्ली कई स्थानों पर छापेमारी की है ईडी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में करीब आधा दर्जन से अधिक जगहों पर ईडी की छापेमारी हो रही है यहां बताना जरूरी है कि हाल ही में ईडी ने दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंद्र जैन और उनके सहयोगियों के यहां छापेमारी की थी. उस वक्त केंद्रीय एजेंसी ने कुल 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें प्रकाश ज्वैलर के यहां 2.23 करोड़ कैश मिला था और वैभव जैन के यहां से 41.5 लाख कैश 133 सोने के सिक्के मिले थेl इतना ही नहीं, प्रूडेंस स्कूल के चेयरमैन जी एस मथारू के यहां से 20 लाख कैश मिला था सत्येंद्र जैन को धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं. सत्येंद्र जैन को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 30 मई को गिरफ्तार किया था और इसके बाद 31 मई को ट्रायल कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को ईडी की हिरासत में भेज दिया था, जिसकी समयसीमा 13 जून थी. 13 जून की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया l
प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग का मामला अगस्त 2017 में सीबीआई द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद आया है. सीबीआई ने दिसंबर 2018 में एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि 2015-17 के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति का मूल्य 1.47 करोड़ रुपये था, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 217 प्रतिशत अधिक था. आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और कथित रूप से जैन से जुड़ी ‘बेनामी संपत्ति’ को कुर्क करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद इसमें ईडी की एंट्री हुई थी.