देश की अर्थव्यवस्था के लिए एकमात्र चिंता का विषय बनी हुई है भारतीय रुपए की गिरती कीमतें , बृहस्पतिवार को कारोबार में रुपया पर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है । कल रुपए डॉलर के मुकाबले पहली बार 79.06 के लेवल पर आ गया । विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने कुछ कदम उठाए जिसके बाद यह गिरावट सीमित रही ।विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.05 पर खुला और फिर 12 पैसे की गिरावट के साथ 79.06 पर आ गया । जिसकी वजह से भारतीय रुपए में पिछले बंद भाव के मुकाबले 9 पैसे की गिरावट देखने को मिली।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुद्ध रूप से 2149.56 करोड़ रुपए के शेयर बेचे । वहीं अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले 105. 14 पर था ।
दुनिया की बात की जाए तो रूसी रूबल बड़ी मुद्राओं में 1 साल में डॉलर के मुकाबले ज्यादा मजबूत होने वाली करेंसी है। रूसी रूबल पिछले 1 साल में 27% मजबूत हुई है। भारतीय रुपए के मुकाबले अन्य एशियाई देशों की मुद्राएं भी कमजोर हुई है, जिसके हिसाब से भारतीय रुपए का प्रदर्शन बेहतर रहा है आपको बता दें कि यूके पाउंड 12 / हांगकांग डॉलर 1.04 / इंडोनेशियाई रुपिया 3.32 / सिंगापुर डॉलर 3.55 / और चीनी युआन 3.65 / पर रही इसके अलावा यूरोपियन यूरो 12.6 / में मजबूती के साथ खड़ी रही और सऊदी अरब की मुद्रा रियाल में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला।
भारतीय रुपया गिरने का कारण विदेशी मुद्रा खर्च करना बताया जा रहा है जिसमें भारत को कच्चे तेल ,गैस, खाद्य तेल के लिए भारी विदेशी मुद्रा चुकानी पड़ रही है । रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल ,गैस और खाद्य तेल साथ ही फर्टिलाइजर के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा देनी पड़ रही है । फरवरी 2022 में अमेरिका फेडरल बैंक ने 0.25 की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, वहीं अमेरिका ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए साल 2018 के बाद पहली बार ब्याज दरें बढ़ाई।
रूस यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 40 बिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है । डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को 79.11 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार को यूक्रेन रूस युद्ध के बाद जारी इस गिरावट से निपटने के लिए उसे बेचना शुरू कर दिया।
आरबीआई गवर्नर माइकल डी पात्रा ने पिछले हफ्ते भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन तुलनात्मक रूप से कम हुआ है ऐसा कहा है। जिसके बाद उन्होंने आरबीआई द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में कहा कि हम बाजार में हैं हम रुपए की स्थिति के लिए प्रयास करेंगे लेकिन हम रुपए की कीमत में स्थिरता नहीं आने देंगे हमारे मन में कोई तोड़ नहीं है ।
बता दे कि इंफोसिस बजाज फींसर्व और आईसीआईसीआई बैंक में एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच शेयरों में बढ़त के चलते सेंसेक्स मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 328 अंक पर चढ़ गया था । इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसआई सूचकांक 328 अंक बढ़कर 53,562.83 पर पहुंच गया । दूसरी ओर एन एस आई निफ़्टी 99.7 अंक चढ़कर 15935.05 पर था । वहीं अगर वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल का दाम देखें तो यह 0.0 3% से गिरकर 113.47 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2149.56 करोड रुपए शेयर बेचे। गौरतलब हो कि सेंसेक्स में बजाज सर टेक महिंद्रा एनटीपीसी टाटा स्टील इंफोसिस आईसीआईसीआई बैंक पावर ग्रिड और भारतीय स्टेट बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।