योग हमारे जीवन शैली को सुदृढ़ बनाते हैं! स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में ज्यादातर बीमारियों का प्रमुख कारण जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी होना है। यही कारण है कि एक दशक पहले तक जो स्वास्थ्य समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ हुआ करती थीं, उनसे अब कम उम्र में भी लोग शिकार हो रहे हैं। गठिया, पीठ-कमर और रीढ़ में दर्द की दिक्कतें इसका उदाहरण हैं। जीवनशैली में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता और एक स्थान पर लगातार बैठे रहने की आदत आपको धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बनाती जा रही है। इन विकारों से बचे रहने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करने की आदत आपके लिए विशेष मददगार हो सकती है।
शोध बताते हैं कि अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं तो गठिया और रीढ़ से संबंधित समस्याओं से आसानी से बचाव किया जा सकता है। योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना इसमें आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। कई तरह के योगासनों को रक्त के संचार को बढ़ाने, मांसपेशियों को स्वस्थ रखने और उम्र के साथ होने वाली शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में काफी फायदेमंद पाया गया है।
योग विशेषज्ञों के मुताबिक वीरभद्रासन योग का नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ रखने में काफी मददगार हो सकता है। हाथ, पैर और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाने के साथ गठिया की समस्याओं से राहत दिलाने में इस योग को काफी कारगर माना जाता है। जिन लोगों को फ्रोजन शोल्डर की दिक्कत होती है, वह भी इस योग का नियमित अभ्यास करके लाभ पा सकते हैं। हालांकि किसी भी योग को करने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुरूप विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें, वरना इससे नुकसान हो सकता है।
वृक्षासन योग या ट्री पोज का नियमित अभ्यास सिर से लेकर पैर तक की बेहतर स्ट्रेचिंग, रक्त के संचार को बढ़ाने, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने और जोड़ों की समस्याओं से राहत दिलाने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। शारीरिक संतुलन में सुधार करने के साथ पैरों और पीठ को मजबूत करने में भी इस योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकती है। वृक्षासन योग आपकी एकाग्रता, शारीरिक संतुलन और समन्वय को ठीक रखने का सबसे कारगर योगाभ्यास माना जाता है।
ब्रिज पोज योग पीठ की मांसपेशियों, छाती, गर्दन और रीढ़ को स्ट्रेच करने का सबसे सुलभ योगासभ्यास है। जिन लोगों को पीठ या कमर दर्द की परेशानी होती है, उनके लिए नियमित रूप से ब्रिज पोज योग करने के लाभ हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हड्डियों से संबंधित ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव के लिए भी इस योग के अभ्यास की आदत आपको लाभ दे सकती है। यह आसन शरीर में रक्त के संचार को बेहतर रखने में सहायक है जिससे मांसपेशियों को स्वस्थ रखने और अंगों के कार्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है।