strong>नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को बुधवार को नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद से यह पद रिक्त था पद रिक्त होने के नौ महीने से अधिक समय बाद इस पर नियुक्ति की गई है वह भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। रक्षा मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया। वे भारत सरकार में सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।ले. जनरल अनिल चौहान की गोरखा राइफल से सेना में एंट्री हुई थी। वह पीओके में बालाकोट स्ट्राइक की प्लानिंग में भी शामिल थे और पिछले साल ही रिटायर हुए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर लेफ्टिनेंट जनरल चौहान की नियुक्ति की घोषणा की है जनरल रावत के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चौहान देश के दूसरे सीडीएस होंगे। नए सीडीएस का कार्यकाल उनके पद भार संभालने से लेकर सरकार के अगले आदेश तक होगा। सेना में करीब 40 साल तक विशिष्ट सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए लेफ्टिनेंट जनरल चौहान अपने करियर में कई कमांड सहित अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के बारे में आपको बता दें इन्हें साल 1981 में सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। मेजर जनरल के रैंक में चौधरी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से रिटायरमेंट होने तक इस पद पर बने रहे। जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का उन्हें व्यापक अनुभव है। चीन विशेषज्ञ चौहान (61) अपने पदभार ग्रहण करने की तारीख से और अगले आदेश तक सैन्य मामलों के विभाग में सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। वह 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के दौरान सेना के सैन्य अभियान (DGMO) के महानिदेशक थे, जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था। अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन की जिम्मेदारी संभाली। सेवानिवृत्ति के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में उनका योगदान देना जारी था। सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक आदि से सम्मानित किया जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई थी। बतौर डीजीएमओ वह ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे जिसके तहत भारतीय और म्यांमार सेना ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध समन्वित अभियान चलाया था।
पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना में निधन के बाद नए सीडीएस की नियुक्ति पर मंथन हो रहा था। आज केंद्र ने इस पर मुहर लगा दी। नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त, दोनों तरह के सैन्य अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही थी। यह पद पिछले साल आठ दिसंबर को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की एक हवाई हादसे में मौत हो जाने के बाद से खाली था। आठ दिसंबर 2021 को तमिलनाडु में खराब मौसम के चलते वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे। नीलगिरि और तमिलनाडु के बीच कुन्नूर के जंगल में हुई इस दुर्घटना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की जान चली गई थी। दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों द्वारा कैप्चर किए गए हेलीकॉप्टर के दृश्यों से पता चला था कि हेलिकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था और बादल छाए हुए थे। दुर्घटना में मारे गए 13 अन्य लोगों में बिपिन रावत के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी शामिल थे।