क्या राम मंदिर जैसा हथियार विपक्ष के हाथ से निकल चुका है?

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वर्तमान में राम मंदिर जैसा हथियार विपक्ष के हाथ से निकल चुका है! राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के राजनीतिकरण को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच लगातार जुबानी जंग सामने आती रही है। इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर अटैक किए। एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि राम मंदिर का राजनीतिकरण किसने किया। जब हमारा जन्म भी नहीं हुआ था और हमारी पार्टी पैदा नहीं हुई थी उस समय अदालत में ये मामला निपटाया जा सकता था। समस्या का समाधान हो सकता था। भारत विभाजन हुआ, उसी समय ये तय किया जा सकता था, वो नहीं किया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि ये एक ऐसा हथियार हाथ में है जो वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए बेहद अहम दांव है। बार-बार इसको भड़काया गया। जब ये मामला कोर्ट में चल रहा था तो बार-बार कोशिश हुई कि इस पर फैसला नहीं आए। अब राम मंदिर बन गया तो उनके हाथ से ये मुद्दा ही चला गया। पीएम मोदी ने एएनआई से खास बातचीत में विपक्ष को घेरते हुए कहा कि राम मंदिर बन गया, कुछ नहीं हुआ, कहीं कोई आग नहीं लगी। अब उनके हाथ से मुद्दा चला गया, आखिर डराएंगे कैसे। सोमनाथ मंदिर से लेकर अब तक की घटनाएं देखें तो वो भारत की मूलभूत आस्थाओं के प्रति निगेटिविटी लेकर ही वो देश में अपनी बात रखते थे। सोमनाथ मंदिर को लेकर क्या प्रॉब्लम था तो उसमें सरदार पटेल थे। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को जाना था। पीएम मोदी ने इस दौरान फिर कहा कि ये तो नामदार हैं, मैं तो कामदार हूं। मैं नॉर्थ ईस्ट जाऊं, वहां के कोई मुझे कपड़े पहना दे तो मैं पहन लेता हूं, उसका भी मजाक उड़ाना। तमिलनाडु जाऊं लूंगी पहनूं तो उस पर सवाल उठाना। इतनी नफरत नहीं होनी चाहिए।उस समय न जनसंघ था, न भाजपा थी न कोई लड़ाई थी। लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था जाने को। वो परंपरा आज भी चल रही कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिले और आप से उसे ठुकरा दें।

पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टी खास तौर पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि सचमुच में आपको राम मंदिर के निर्माण पर गर्व होना चाहिए। राम मंदिर निर्माण जो भी लोग लगे जिन्होंने इसके लिए संघर्ष किया वे आपके सारे पाप भूल करके घर आकर आपको आमंत्रित कर रहे। आप उसको भी ठुकरा रहे तो लगता है कि आपके लिए वोट बैंक की मजबूरी है, इसी के चलते आप ऐसा कर रहे। किसी को नीचा दिखाना ये अपना अधिकार मानते हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान फिर कहा कि ये तो नामदार हैं, मैं तो कामदार हूं। मैं नॉर्थ ईस्ट जाऊं, वहां के कोई मुझे कपड़े पहना दे तो मैं पहन लेता हूं, उसका भी मजाक उड़ाना। तमिलनाडु जाऊं लूंगी पहनूं तो उस पर सवाल उठाना। इतनी नफरत नहीं होनी चाहिए।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए जब मुझे बुलाया गया तो पहले मैंने 11 दिन का अनुष्ठान किया। मैंने तय किया कि एक राम भक्त की तरह मैं इसे करना चाहता हूं। पीएम मोदी ने बताया कि इसके लिए मैंने अध्ययन किया, जमीन पर सोया, प्रभु राम जहां-जहां गए थे, मैं वहां गया। मैंने कंब रामायण का पाठ किया। मेरे लिए ये कोई इवेंट नहीं था, भारत विभाजन हुआ, उसी समय ये तय किया जा सकता था, वो नहीं किया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि ये एक ऐसा हथियार हाथ में है जो वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए बेहद अहम दांव है। बार-बार इसको भड़काया गया। जब ये मामला कोर्ट में चल रहा था तो बार-बार कोशिश हुई कि इस पर फैसला नहीं आए। अब राम मंदिर बन गया तो उनके हाथ से ये मुद्दा ही चला गया। पीएम मोदी ने एएनआई से खास बातचीत में विपक्ष को घेरते हुए कहा कि राम मंदिर बन गया, कुछ नहीं हुआ, कहीं कोई आग नहीं लगी।आस्था का विषय था। राम मंदिर के पीछे 500 साल का एक संघर्ष, लाखों लोगों का बलिदान, भाजपा थी न कोई लड़ाई थी। लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था जाने को। वो परंपरा आज भी चल रही कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिले और आप से उसे ठुकरा दें।लंबी न्यायिक प्रक्रिया शामिल थी। इसमें ASI की खुदाई, हिंदुस्तान के लोगों का धन, जिन्होंने अपने पैसे से इस मंदिर को बनवाया। ये मंदिर सरकारी खजाने से नहीं बना है। ये मंदिर भारत की आने वाली पीढ़ी को बहुत बड़ी प्रेरणा देगा।