वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है! पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब तो आप देख रहे हैं कि पीओके में क्या हो रहा है। मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा हमको कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों पर जो जुल्म ढाया जा रहा है, वहीं से यह डिमांड उठेगी कि हमको भारत में अपने को मर्ज करना है। आपने देखा भी होगा कि वहां के लोग नारे लगा रहे हैं कि हमको भारत में विलय करो। यह कोई छोटी बात नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं पाकिस्तान की सरकार को स्पष्ट बतलाना चाहता हूं कि कश्मीर की रट लगाकर कुछ हासिल नहीं होगा, अपना घर संभालिए। जिस तरीके के हालात वहां हैं, ऐसे में कुछ भी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पीओके पर गैरकानूनी कब्जा कर लेने से पाकिस्तान को अधिकार नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि भारत की संसद में पीओके को लेकर एक सर्व सम्मत प्रस्ताव है कि वह भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। इस मंशा को लेकर संसद में एक नहीं, तीन प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। इस दौरान राजनाथ ने आतंकवाद पर मोदी सरकार की सख्त पॉलिसी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने इस देश में हजारों निर्दोष लोगों की जानें ली हैं। दुर्भाग्य से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों को सही जवाब देने में देरी हुई। देरी ही नहीं, यूपीए सरकार को जितना प्रभावी कदम उठाना चाहिए था, हो नहीं पाया और पाकिस्तान को ही आतंकवाद से प्रभावित देश मानने की हम लोगों ने एक बार गलती कर दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई शुरू की है। पहली बार दुनिया ने जाना कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या होता है। आतंकवाद ने इस देश में हजारों निर्दोष लोगों की जानें ली हैं। दुर्भाग्य से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों को सही जवाब देने में देरी हुई। देरी ही नहीं, यूपीए सरकार को जितना प्रभावी कदम उठाना चाहिए था, हो नहीं पाया और पाकिस्तान को ही आतंकवाद से प्रभावित देश मानने की हम लोगों ने एक बार गलती कर दी थी।सबको पता है कि उरी और पुलवामा की घटना के बाद हमारी सरकार ने क्या किया। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर ने आतंकवाद का दंश झेला है। यहां के लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि आतंकवाद का जहर समाज को कैसे जड़ों से खोखला कर देता है। आतंकवाद का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर में दशकों से काम कर रहा था। उसे कमजोर कर सख्त कार्रवाई की गई है।
राजनाथ ने कहा कि एक समय था जब दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका आतंकवाद को एक पॉलिटिकल वेपन राजनीतिक हथियार के तौर पर देखता था लेकिन 9/11 की घटना के बाद उसका नजरिया बदला। आतंकवाद ने इस देश में हजारों निर्दोष लोगों की जानें ली हैं। दुर्भाग्य से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों को सही जवाब देने में देरी हुई। देरी ही नहीं, यूपीए सरकार को जितना प्रभावी कदम उठाना चाहिए था, हो नहीं पाया और पाकिस्तान को ही आतंकवाद से प्रभावित देश मानने की हम लोगों ने एक बार गलती कर दी थी। अमेरिका यह मानता है कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक वैश्विक अपराध है। मुस्लिम देशों में भी यह नजरिया बन चुका है कि आतंकवाद अस्वीकार्य है। यानी भारत जो बात कई सालों से कह रहा था, वही बात अब पूरी दुनिया मानने लगी है।
राजनाथ ने चीन को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि चीन के साथ मतभेदों के बावजूद कुछ ऐसे समझौते और प्रोटोकॉल हैं जिनका दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर गश्त करते समय पालन करती हैं।आतंकवाद ने इस देश में हजारों निर्दोष लोगों की जानें ली हैं। दुर्भाग्य से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों को सही जवाब देने में देरी हुई। देरी ही नहीं, यूपीए सरकार को जितना प्रभावी कदम उठाना चाहिए था, हो नहीं पाया और पाकिस्तान को ही आतंकवाद से प्रभावित देश मानने की हम लोगों ने एक बार गलती कर दी थी। ये समझौते नरसिम्हाराव जी, अटल जी और डॉ. मनमोहन सिंह जी के समय में दोनों देशों की सहमति के आधार पर बने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पैदा हुआ क्योंकि चीन की सेना ने प्रोटोकॉल को इग्नोर किया। चीनी सेना ने एलएसी पर एकतरफा बदलाव की कोशिश की, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया।