क्या गौतम अडानी ने गिरवी रख दिए हैं दो कंपनियों के स्टॉक?

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हाल ही में गौतम अडानी ने दो कंपनियों के स्टॉक गिरवी रख दिए हैं! मुसीबत में घिरे गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की निगेटिव रिपोर्ट के बाद अपना ट्रैक बदल दिया है। उनका ग्रुप पहले तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में अपना विस्तार कर रहा था लेकिन अब उसका जोर कर्ज कम करने पर है। इस बीच अडानी फिर से अपनी दो कंपनियों के शेयर गिरवी रखने पड़े हैं। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के लोन को सपोर्ट करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा है। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक अडानी ने अडानी ट्रांसमिशन के 0.99 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी के 0.76 फीसदी शेयर एसबीआईकैप ट्रस्टी के पास गिरवी रखे हैं। मौजूदा कीमत के हिसाब से इन शेयरों की कीमत 1,670 करोड़ रुपये बैठती है। इससे एक दिन पहले ही अडानी ग्रुप ने अपनी चार कंपनियों के शेयर छुड़ाए थे। एसबीआईकैप ट्रस्टी देश से सबसे बड़े बैंक एसबीआई की एक यूनिट है। उसका कहना है कि अडानी एंटरप्राइजेज के लेंडर्स को बेनिफिट देने के लिए इन शेयरों को गिरवी रखा गया है। इसके साथ ही अडानी ट्रांसमिशन में अडानी के गिरवी शेयरों की संख्या 1.32 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन में दो फीसदी पहुंच गई है। हालांकि एसबीआईकैप ने साफ किया है कि वह केवल सिक्योरिटी के तौर पर शेयरों को रखती है। कंपनी अपने कस्टमर्स (लेंडर्स) के दिशानिर्देश पर ऐसा करती है और वह लेंडिंग के बिजनस में नहीं है। यानी वह किसी कंपनी को लोन या कर्ज नहीं देती है। हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स ने किस लोन के लिए अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं और ये किस लेंडर के लिए हैं।

पिछले महीने अडानी ने अपनी तीन कंपनियों के 1,038 करोड़ रुपये के अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे थे। तब उन्होंने अडानी ट्रांसमिशन के 0.11 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी के 0.38 फीसदी और अडानी पोर्ट्स के 0.35 फीसदी शेयर गिरवी रखे थे।इसके साथ ही अडानी ट्रांसमिशन में अडानी के गिरवी शेयरों की संख्या 1.32 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन में दो फीसदी पहुंच गई है। हालांकि एसबीआईकैप ने साफ किया है कि वह केवल सिक्योरिटी के तौर पर शेयरों को रखती है। कंपनी अपने कस्टमर्स (लेंडर्स) के दिशानिर्देश पर ऐसा करती है और वह लेंडिंग के बिजनस में नहीं है। यानी वह किसी कंपनी को लोन या कर्ज नहीं देती है। हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स ने किस लोन के लिए अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं और ये किस लेंडर के लिए हैं। तब एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी के प्रवक्ता ने कहा जब भी गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या में बदलाव होता है तो इसकी जानकारी मार्केट रेगुलेटर को देनी पड़ती है। यह केवल अतिरिक्त कोलेट्रल सिक्योरिटी थी और इसके लिए एसबीआई ने कोई फाइनेंस नहीं दिया था। 140% के जरूरी कोलेट्रल कवरेज की हर महीने के अंत में समीक्षा की जाती है और किसी भी कमी को टॉप अप के रूप में पूरा किया जाता है।

इस बीच अडानी ग्रुप ने 4,100 करोड़ रुपये के ब्रिज लोन का भुगतान कर दिया है। इसका भुगतान गुरुवार तक किया जाना था। ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक अडानी ग्रुप ने मंगलवार को ही पैसा रिलीज कर दिया था।इसके साथ ही अडानी ट्रांसमिशन में अडानी के गिरवी शेयरों की संख्या 1.32 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन में दो फीसदी पहुंच गई है। हालांकि एसबीआईकैप ने साफ किया है कि वह केवल सिक्योरिटी के तौर पर शेयरों को रखती है। कंपनी अपने कस्टमर्स (लेंडर्स) के दिशानिर्देश पर ऐसा करती है और वह लेंडिंग के बिजनस में नहीं है।यह केवल अतिरिक्त कोलेट्रल सिक्योरिटी थी और इसके लिए एसबीआई ने कोई फाइनेंस नहीं दिया था। 140% के जरूरी कोलेट्रल कवरेज की हर महीने के अंत में समीक्षा की जाती है और किसी भी कमी को टॉप अप के रूप में पूरा किया जाता है। यानी वह किसी कंपनी को लोन या कर्ज नहीं देती है। हालांकि कंपनी ने यह साफ नहीं किया कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स ने किस लोन के लिए अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं और ये किस लेंडर के लिए हैं। अडानी ग्रुप ने अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी को खरीदने के लिए यह ब्रिज लोन लिया था। एसबीआईकैप ने कहा कि अडानी ट्रांसमिशन और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर छह मार्च को गिरवी रखे गए। इससे पहले मंगलवार को अडानी ग्रुप ने 73.74 अरब रुपये करीब 90 करोड़ डॉलर के कर्ज का समय से पहले भुगतान करके अपनी कई कंपनियों के शेयर छुड़ाए थे। इससे अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्टस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के शेयर रिलीज होंगे।