Friday, November 22, 2024
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क्या वर्तमान में कांग्रेस की टेंशन बढ़ चुकी है?

राज्यसभा चुनाव के बाद वर्तमान में कांग्रेस की टेंशन बढ़ चुकी है! लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी कांग्रेस की जमीन को मजबूत करने के लिए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हैं। लेकिन ज्यों ज्यों राहुल का कारवां आगे बढ़ रहा है, राहुल गांधी को एक के बाद एक बड़े-बड़े झटके लग रहे हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस के कद्दावर नेताओं का मोह भंग हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का जोश ठंडा होता जा रहा है। गठबंधन से दलों के छिटकने का सिलसिला जारी है। नीतीश कुमार और जयंत चौधरी एनडीए का दामन थाम छोड़ चुके हैं। कुछ और दलों के एनडीए में जाने की अटकलें भी तेज हैं। ऐसे में कांग्रेस और राहुल गांधी की टेंशन काफी बढ़ गई है। उधर बीजेपी लोकसभा चुनाव के रण में उतरने को तैयार है। बीजेपी ने इस बार 400 से ज्यादा का टारगेट सेट कर रखा है। पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जोश हाई है। राहुल गांधी जहां एक तरफ ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हैं। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वह अपने सांसद बेटे नकुलनाथ के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। इस बीच मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा सांसद (MP) नकुलनाथ के अपने ‘एक्स’ हैंड के बायो से कांग्रेस का नाम और लोगो भी हट गया है। कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के भी कांग्रेस छोड़ने की चर्चा है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, मनीष तिवारी लगातार बीजेपी के संपर्क में हैं। अगर कयास सही हुए तो कांग्रेस को अशोक चव्हाण के बाद फिर बड़ा झटका लग सकता है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी कुछ दिन पहले बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वे कांग्रेस के नौवें मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पिछले 10 सालों में बीजेपी का रुख किया। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए 10 पूर्व मुख्यमंत्रियों में सिर्फ एक ही नेता पार्टी में घर वापसी की। बाकी नेता कांग्रेस में नहीं लौटे। महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने को बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। दो बार खुद लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन चुके अशोक चव्हाण को राज्य के मराठवाडा क्षेत्र का बड़ा नेता माना जाता था।

कांग्रेस के सामने पार्टी से छिटक रहे नेताओं को रोकने के अलावा इंडिया गठबंधन से अलग हो रहे राजनीतिक दलों को रोकने की भी चुनौती है। दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन को सबसे बड़ा झटका नीतीश कुमार ने दिया है।नीतीश ने हाल ही में एनडीए का दामन थाम लिया है। जेडीयू ने बिहार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के टूटने के लिए कांग्रेस की हठ और अहंकार को जिम्मेदार ठहराया। जेडीयू ने कहा कि कांग्रेस नेता अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगे थे, विपक्षी गठबंधन को नहीं। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें ‘इंडिया’ और ‘महागठबंधन’ में चीजें ठीक नहीं लग रही थीं, इसलिए उन्होंने बीजेपी के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का निर्णय लिया।

हाल ही में राष्ट्रीय लोकदल आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी भी एनडीए में शामिल हो गए। बीते कई दिनों से उनके बीजेपी के साथ जाने की अटकलें थीं। चौधरी चरण सिंह को केंद्र सरकार की ओर से भारत रत्न की घोषणा के बाद से ये तय माना जा रहा था कि जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ देंगे और एनडीए के साथ चले जाएंगे। जयंत चौधरी आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ खड़े दिखाई देंगे। इसे लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि मैंने अपने सारे विधायकों से बात कर ली है। हमें अल्प समय में यह फैसला लेना पड़ा क्योंकि परिस्थितियां ऐसी थीं। उन्होंने कहा कि हमारे सभी विधायक और कार्यकर्ता इस फैसले में हमारे साथ हैं।

चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका देते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ममता ने कहा है कि वह बंगाल में अकेली चुनाव लड़ेंगी। ममता बनर्जी ने पहले कांग्रेस को दो सीटें देने को कहा था लेकिन अब ममता ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस को एक भी सीट नहीं देंगी। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटे हैं और ममता बनर्जी ने सभी 42 सीटों पर एकला चलो के साथ आगे बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि टीएमसी के गढ़ बीरभूम जिले में ममता बनर्जी ने एक बंद कमरे में संगठनात्मक बैठक की। इस दौरान ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं से अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि वह बंगाल में सीटों के बंटवारे का मसला सुलझा लेगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी पंजाब में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। भगवंत मान ने कहा कि वो पंजाब की 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। वो किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। पंजाब में आप 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। हम समझौता नहीं करेंगे। ममता बनर्जी का अपना फैसला है और हमारा अपना। भगवंत मान ने कहा कि हमने 40 उम्मीदवारों की लिस्ट बना ली है। इन्हीं 40 में से 13 उम्मीदवारों को शार्ट लिस्ट किया जाएगा। भगवंत ने वहीं पंजाब की 13 जीतने का दावा किया। भगवंत मान ने कहा कि इस बार पंजाब में 13-0 से जीतेगी।

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