क्या देश के लिए खतरा बन चुके हैं खालिस्तानी?

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खालिस्तानी अब देश के लिए खतरा बन चुके हैं! ऐसे समय में जब देश में अगले लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ रही हैं, मोदी सरकार जनता के बीच जाने से पहले रिपोर्ट कार्ड मजबूत कर रही है, वैश्विक मोर्च पर नई चुनौती आ खड़ी है। जी हां, कई देशों में खालिस्तानियों ने भारत विरोधी हरकतें शुरू कर दी हैं। विदेश मंत्री होने के नाते एस. जयशंकर के सामने यह सबसे बड़ी परीक्षा है। मंत्री बनने से पहले वह विदेश सचिव और कई देशों में भारत के राजदूत रहे हैं। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे जयशंकर को सामरिक मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। ऐसे वह नहीं चाहेंगे कि अगले चुनाव में जाने से पहले उनके कार्यकाल पर किसी तरह के सवाल खड़े हों। दरअसल कनाडा, यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों का दुस्साहस बढ़ रहा है। कनाडा में तो खालिस्तानियों ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव की तस्वीरें और नाम वाला पोस्टर दिखाया। इसमें भारतीय राजनयिकों को खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ हरदीप सिंह निज्जर के ‘किलर्स’ के रूप में दिखाया गया है। कुछ हफ्ते पहले कनाडा में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खालिस्तानी इसके लिए भारत पर जहर उगल रहे हैं। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मिशन में आगजनी की कोशिश की गई। दुनिया के कई देशों में भारत विरोधी भावनाएं भड़कती देख विदेश मंत्री जयशंकर ने दो टूक कह दिया है कि कट्टरपंथी खालिस्तानी सोच को बढ़ावा दिया जाना द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से ठीक नहीं हैं। यह मैसेज कनाडा से लेकर ऑस्ट्रेलिया के लिए भी है।

कुछ महीने पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उस दौरान इंडिया हाउस में खालिस्तानियों ने तिरंगे झंडे को हटाने का प्रयास किया था। बाद में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हुए विशाल तिरंगा लहराया गया। कनाडा में खालिस्तानियों की हरकत नई नहीं है लेकिन ताजा घटनाक्रम को देख कुछ देशों में भारतीय मिशनों के प्रमुख अधिकारियों की सुरक्षा की समीक्षा करनी पड़ रही है। कनाडा में तैनात दो भारतीय राजनयिकों के नाम और तस्वीरें शेयर किए जाने के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार बेहद गंभीर है।

जयशंकर ने बताया है कि सरकार कनाडा में खालिस्तानियों के पोस्टर का मुद्दा वहां की सरकार के समक्ष उठाएगी। विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों से आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो न दें क्योंकि उनकी चरमपंथी-अतिवादी सोच न तो हमारे लिए, न ही उनके लिए और न ही उन देशों से हमारे संबंधों के लिए ठीक है। इन्हीं देशों में खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम पोस्टर के मुद्दे को कनाडा सरकार के साथ उठाएंगे। अब तक ऐसा किया भी जा चुका होगा।’

जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को जगह दिया जाना वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित लगता है। कुछ दिन पहले भी जब उनसे इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा था, ‘कनाडा खालिस्‍तान के मुद्दे से जिस तरह निपट रहा है वह हमारे लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित लगता है।’

इधर, ताजा मामले पर कनाडा ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के पूर्व रिपोर्टर टेरी मिल्वस्की ने ट्वीट कर कहा, ‘यह बेहद खतरनाक है। खालिस्तानी भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाकर गुस्सा भड़का रहे हैं और उन्हें हरदीप निज्जर का ‘हत्यारा’ कह रहे हैं जबकि 18 जून को सरे बीसी में निज्जर को गोली मार दी गई थी। इसमें किसी तरह से भारत के शामिल होने का कोई सबूत नहीं है।’

इधर, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आगजनी की कोशिश की। कुछ महीने पहले भी ऐसा हुआ था। खालिस्तान समर्थकों ने 2 जुलाई 2023 का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें कुछ लोगों को आगजनी की कोशिश करते देखा जा सकता है। इधर, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आगजनी की कोशिश की। कुछ महीने पहले भी ऐसा हुआ था। खालिस्तान समर्थकों ने 2 जुलाई 2023 का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें कुछ लोगों को आगजनी की कोशिश करते देखा जा सकता है। वीडियो में ‘हिंसा का जवाब हिंसा ही होता है’ कहा गया है। इसमें कनाडा में ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ के चीफ हरदीप सिंह निज्जर की मौत से जुड़ी खबरें भी दिखाई गई हैं। भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक रहे निज्जर की पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। में ‘हिंसा का जवाब हिंसा ही होता है’ कहा गया है। इसमें कनाडा में ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ के चीफ हरदीप सिंह निज्जर की मौत से जुड़ी खबरें भी दिखाई गई हैं। भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक रहे निज्जर की पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था।

ऐसे में साफ है कि जयशंकर की चुनौती बड़ी है। उन्हें सहयोगी देशों के साथ भारत के संबंध को मजबूत करना है, साथ ही वहां भारत के खिलाफ बढ़ती नफरती सोच और खालिस्तानी तत्वों से भी निपटना है। रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले पर जयशंकर ने जिस तरह से भारत को घेरने के पश्चिमी देशों के प्लान को फेल किया, उससे बहुत कुछ साफ हो जाता है। खालिस्तानियों की हरकत पर मोदी के इस ‘मिसाइल मिनिस्टर’ के अगले रुख पर देश की नजरें होंगी।