सेम सेक्स मैरिज को 30 से ज्यादा देश मान्यता दे चुके हैं! समलैंगिक विवाह को भारत में अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने मंगलवार से ऐसी मांग करती याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। दुनियाभर में देखें तो सेम सेक्स मैरिज के लिए सपोर्ट बढ़ता जा रहा है। 2001 में नीदरलैंड्स पहला देश बना जिसने समलैंगिक शादी की अनुमति दी। इसके बाद से 33 अन्य देशों ने ऐसे कानून बनाए। अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसी शादियों की वैधता से जुड़े कानून है। अमीर देशों के समलैंगिक रिश्तों को मानने की संभावना ज्यादा रहती है, उनके यहां LGBTQ+ कम्युनिटी को बाकी दुनिया से ज्यादा अधिकार मिलते हैं। हालांकि, एक आंकड़ा यह भी है कि दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल आधे ही समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत देते हैं। कुछ देशों में पूर्ण कानूनी मान्यता नहीं है मगर सिविल यूनियन की इजाजत है।
ईस्टर्न यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बड़े भूभाग में से केवल दो देशों- साउथ अफ्रीका और ताइवान ने ही सेम सेक्स मैरिज को लीगल किया है। ऊपर के मैप में लाल रंग वाले देशों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे रखी है।दुनियाभर में देखें तो सेम सेक्स मैरिज के लिए सपोर्ट बढ़ता जा रहा है। 2001 में नीदरलैंड्स पहला देश बना जिसने समलैंगिक शादी की अनुमति दी। इसके बाद से 33 अन्य देशों ने ऐसे कानून बनाए। अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसी शादियों की वैधता से जुड़े कानून है। अमीर देशों के समलैंगिक रिश्तों को मानने की संभावना ज्यादा रहती है, उनके यहां LGBTQ+ कम्युनिटी को बाकी दुनिया से ज्यादा अधिकार मिलते हैं। हालांकि, एक आंकड़ा यह भी है कि दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल आधे ही समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत देते हैं। ग्रे शेड में दर्शाए गए देशों में ऐसा कोई कानून नहीं है। नॉर्थ और साउथ अमेरिका के ज्यादातर देशों ने सेम सेक्स मैरिज को लीगल स्टेटस दे रखा है। वहीं, यूरोप के कुछ देशों में भी समलैंगिक कपल्स शादी कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा प्राप्त है।
अमेरिकी सर्वे एजेंसी Gallup के अनुसार, भारत उन देशों में से एक है जहां समलैंगिक रिश्तों को लेकर लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आया है।दुनियाभर में देखें तो सेम सेक्स मैरिज के लिए सपोर्ट बढ़ता जा रहा है। 2001 में नीदरलैंड्स पहला देश बना जिसने समलैंगिक शादी की अनुमति दी। इसके बाद से 33 अन्य देशों ने ऐसे कानून बनाए। अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसी शादियों की वैधता से जुड़े कानून है। अमीर देशों के समलैंगिक रिश्तों को मानने की संभावना ज्यादा रहती है, उनके यहां LGBTQ+ कम्युनिटी को बाकी दुनिया से ज्यादा अधिकार मिलते हैं। हालांकि, एक आंकड़ा यह भी है कि दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल आधे ही समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत देते हैं। अमेरिकी सर्वे एजेंसी Gallup के अनुसार, भारत उन देशों में से एक है जहां समलैंगिक रिश्तों को लेकर लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आया है। भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है मगर शादी को कानूनी वैधता हासिल नहीं है। अफ्रीका के 30 से ज्यादा देशों में समलैंगिकता पर प्रतिबंध है।
2019 में प्यू रिसर्च ने 34 देशो में सर्वे किया। इसमें 52% लोगों ने कहा कि होमोसेक्सुएलिटी को स्वीकार करना चाहिए। Ipsos ने 2021 के सर्वे में पाया कि 70% लोगों ने कहा कि सेम सेक्स कपल्स को शादी की इजाजत होनी चाहिए।भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है मगर शादी को कानूनी वैधता हासिल नहीं है।दुनियाभर में देखें तो सेम सेक्स मैरिज के लिए सपोर्ट बढ़ता जा रहा है। 2001 में नीदरलैंड्स पहला देश बना जिसने समलैंगिक शादी की अनुमति दी। इसके बाद से 33 अन्य देशों ने ऐसे कानून बनाए। अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसी शादियों की वैधता से जुड़े कानून है।
अमीर देशों के समलैंगिक रिश्तों को मानने की संभावना ज्यादा रहती है, उनके यहां LGBTQ+ कम्युनिटी को बाकी दुनिया से ज्यादा अधिकार मिलते हैं। हालांकि, एक आंकड़ा यह भी है कि दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल आधे ही समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत देते हैं।दुनियाभर में देखें तो सेम सेक्स मैरिज के लिए सपोर्ट बढ़ता जा रहा है। 2001 में नीदरलैंड्स पहला देश बना जिसने समलैंगिक शादी की अनुमति दी। इसके बाद से 33 अन्य देशों ने ऐसे कानून बनाए। अधिकतर पश्चिमी देशों में ऐसी शादियों की वैधता से जुड़े कानून है। अमीर देशों के समलैंगिक रिश्तों को मानने की संभावना ज्यादा रहती है, उनके यहां LGBTQ कम्युनिटी को बाकी दुनिया से ज्यादा अधिकार मिलते हैं। हालांकि, एक आंकड़ा यह भी है कि दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से केवल आधे ही समलैंगिक जोड़ों को शादी की इजाजत देते हैं। अफ्रीका के 30 से ज्यादा देशों में समलैंगिकता पर प्रतिबंध है। 2019 में प्यू रिसर्च ने 34 देशो में सर्वे किया। इसमें 52% लोगों ने कहा कि होमोसेक्सुएलिटी को स्वीकार करना चाहिए। Ipsos ने 2021 के सर्वे में पाया कि 70% लोगों ने कहा कि सेम सेक्स कपल्स को शादी की इजाजत होनी चाहिए।