क्या आपने देखा मनोज बाजपेयी का ये वीडियो, अगर नही तो जल्द देखिए

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नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार मनोज बाजपेयी का आज (23 अप्रैल) जन्मदिन है। इसी बीच सोशल मीडिया पर मनोज बाजपेयी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में अभिनेता एक कविता के माध्यम से देश में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।

फिल्म निर्माता मिलाप जावेरी ने इस वीडियो को पहली बार 2020 में शेयर किया था, उस समय देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। वहीं, अब दोबारा उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर कविता को शेयर करते हुए लिखा कि ‘भगवान और खुदा’ 2020 में मेरा द्वारा लिखी गई और मनोज बाजपेयी द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से प्रदर्शित की गई कविता, उनकी उपस्थिति और अभिनय आज भी मेरे रोंगटे खड़े कर देता है। इसमें सभी भारतीयों और मनुष्यों के लिए और हमारे पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।

मनोज बाजपेयी लगभग दो मिनट के इस लंबे वीडियो में ‘भगवान और खुदा’ कविता पढ़ रहे हैं। इस वीडियो की शुरुआत ही शंख और अजान से होती है। इसके बाद वह कहते हैं, ‘भगवान और खुदा, आपस में बात कर रहे थे। मंदिर और मस्जिद के बीच एक चौराहे पर मुलाकात कर रहे थे, कि हाथ जोड़े हुए हों या दुआ में उठें कोई फर्क नहीं पड़ता है। कोई मंत्र पढ़ता है, तो कोई नमाज पढ़ता है।’ इस कविता के माध्यम से हिंदू और मुस्लिम के बीच की दूरी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश, गुजरात और दिल्ली में इन दिनों जो सांप्रदायिक टकराव की खबरें सामने आई हैं, उस बीच मनोज बाजपेयी का यह वीडियो लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इस वीडियो को लोग शेयर कर कविता की तारीफ कर रहे हैं। मिलाप जावेरी ने कविता के बारे में बात करते हुए कहा कि यह वीडियो भारतीय समाज के लिए आज फिर से प्रासंगिक बन गया है। हाल ही में कई जगह टकराव की खबरें भी सामने आई हैं, इसी कारण कविता फिर से प्रासंगिक हो गई। उन्होंने कहा कि इस कविता के जरिए वह बस ये बताना चाहते थे कि हम सब एक ही हैं।

आपको बता दें कि मनोज बाजपेयी और मिलाप इस कविता से पहले फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में काम कर चुके हैं। वहीं, मिलाप ने दोबारा कविता लिखे जान के बारे में कहा कि यह कविता मैंने अचानक लिखी थी। अगर फिर ऐसा कुछ होगी तो मैं जरूर लिखूंगा। यह मिलाप की दूसरी कविता थी, इससे पहले जॉन अब्राहिम ने उनकी कविता ‘मेरा भारत महान’ सबको सुनाई थी।