CAA के तहत नागरिकता के लिए कैसे किया जा सकता है आवेदन?

0
113

आज हम आपको बताएंगे कि CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है! भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 यानी सीएए को देशभर में लागू कर दिया गया है। भारत सरकार ने इसके लिए अनिवार्य नियमों को अधिसूचित कर दिया। खबर लिखे जाने तक नियमों की डिटेल जानकारी नहीं आने से अभी नियमों में स्पष्टता नहीं है कि देश की नागरिकता पाने के लिए भारत के तीन पड़ोसी मुल्कों से भारत आने वाले छह अल्पसंख्यक कम्युनिटी के नागरिकों को भारत की नागरिकता कैसे मिलेगी। सीएए लागू करने के लिए हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी यह घोषणा की थी कि देश में आम चुनावों की घोषणा होने से पहले सरकार देशभर में सीएए लागू करने की घोषणा कर देगी। इसके लिए सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर सीएए लागू करने के संबंध में मैसेज पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। जिसमें कहा गया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 सीएए-2019 के लिए नियमों को आज नोटिफाई कर दिया जाएगा। यह नियम भारतीय नागरिकता पाने वाले पात्रों को आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। सीएए के तहत इन तीन पड़ोसी मुल्कों से भारत में शरण लेकर रह रहे हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का काम करेगा। इसमें गैर-मुस्लिमों को देश की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता लेने के लिए भारत सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है। जिसके माध्यम से ऐसे तमाम शरणार्थी देश की नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।यानी सीएए के तहत जो भी भारतीय नागरिकता पाने के लिए पात्र होंगे। उन्हें इसके लिए किसी ऑफिस में नहीं जाना होगा, बल्कि सबकुछ ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा।

सीएए किसके लिए जरूरी होगा? इसके जवाब में अधिकारियों ने बताया कि सीएए भारत के तीन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित भारत आए फिलहाल उन शरणार्थियों के लिए है। जो की 31 दिसंबर 2014 से पहले तक भारत में शरण लेने के लिए आ चुके हैं। यह कानून उन विदेशी नागरिकों को भारत की नागरिकता देने का अधिकार देने वाला कानून है। सीएए के तहत इन तीन पड़ोसी मुल्कों से भारत में शरण लेकर रह रहे हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का काम करेगा। इसमें गैर-मुस्लिमों को देश की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता लेने के लिए भारत सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है। जिसके माध्यम से ऐसे तमाम शरणार्थी देश की नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।

सीएए की अधिसूचना जारी होते ही बीजेपी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया- जो कहा सो किया… मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी। इसमें टाइम लाइन भी दी गई है। जिसमें कहा है कि सीएए 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 में संसद में पेश किया गया। यह 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा और इसके अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही सीएए कानून बना और आज केंद्र सरकार ने सीएए की अधिसूचना जारी कर दी। यह नियम भारतीय नागरिकता पाने वाले पात्रों को आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। यानी सीएए के तहत जो भी भारतीय नागरिकता पाने के लिए पात्र होंगे। उन्हें इसके लिए किसी ऑफिस में नहीं जाना होगा, बल्कि सबकुछ ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा।दरअसल सीएए बीजेपी का चुनावी वादा भी रहा है। बीजेपी को पश्चिम बंगाल में इससे फायदे की उम्मीद है। इससे पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय को नागरिकता मिलेगी और वहां मतुआ समुदाय की 10 लाख से ज्यादा आबादी है। 2019 में बीजेपी में मतुआ समुदाय से वादा किया था कि सीएए से उन्हें नागरिकता दी जाएगी। लेकिन यह अभी तक लागू नहीं हो पाया था।

चुनाव से ठीक पहले इसकी अधिसूचना से बीजेपी को उम्मीद है कि मतुआ समुदाय उनके साथ रहेगा। पश्चिम बंगाल के नादिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों की कम से कम चार लोकसभा सीट में यह समुदाय जीत-हार तय कर सकता है। देश की नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता लेने के लिए भारत सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है। जिसके माध्यम से ऐसे तमाम शरणार्थी देश की नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।बंगाल से आए मुस्लिम इसके विरोध में हैं और पश्चिम बंगाल में उनकी भी बड़ी संख्या है। माना जा रहा है कि सीएए लागू होने के बाद वोटों को ध्रुवीकरण हो सकता है।