रूस यूक्रेन का सफाया करने के लिए स्ट्रैटजिक बॉम्बर बना रहा हैं! यूक्रेन संकट के बीच रूस अपने नए स्ट्रैटजिक बॉम्बर पर तेजी से काम कर रहा है। इस विमान में लगने वाले उपकरणों की टेस्टिंग काफी गुप्त तरीके से की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह रूस का पहला प्योर स्टील्थ एयरक्राफ्ट होगा। यह बॉम्बर इतना घातक होगा कि अमेरिका की कोई भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे पकड़ नहीं पाएगा। इस बॉम्बर से परमाणु मिसाइलों सहित कई तरह के ड्रोन को भी दागा जा सकेगा। इस विमान का प्रोटोटाइप बनाने पर काम पिछले कई साल से जारी है। पीएके डीए विमान के लिए इन दिनों कंपोनेंट तैयार करने का काम आखिरी दौर में है। रूसी रिसर्च एंड प्रोडक्शन एंटरप्राइज ज़्वेज़्दा के जनरल डायरेक्टर सर्गेई पॉज़्डन्याकोव ने कहा कि हमने लंबी दूरी तक मार करने वाले पीएकए डीए स्टील्थ बॉम्बर के इजेक्शन सीट का परीक्षण शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि सभी काम पहले से तय किए गए शेड्यूल के अनुसार ही हो रहे हैं। इस विमान के लिए सभी पुर्जे 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है।
PAK-DA रूस का पहला लंबी दूरी का रणनीतिक बमवर्षक विमान बनेगा। इस विमान को रूसी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी टुपोलेव डिजाइन ब्यूरो बना रही है। पीएके-डीए बमवर्षक को रूसी वायु सेना में पहले से मौजूद Tu-160 ‘ब्लैकजैक’, Tu-22M और 1950 के दशक के Tu-95 से बदला जाएगा। ये तीनों बमवर्षक वर्तमान में रूसी वायु सेना की रीढ़ हैं। इनमें से सबसे पहले Tu-95 को सेवा से हटाया जाएगा, जबकि बाकी के दोनों बमवर्षक पीएके-डीए के कमीशनिंग के सापेक्ष में रिटायर किए जाएंगे। रूसी वायु सेना यह नहीं चाहती कि उनके बेड़े से सभी पुराने बमवर्षकों को एक झटके में हटा दिया जाए। इससे रूस के परमाणु ट्राइड पर भी असर पड़ सकता है।
रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव ने इस साल फरवरी में कज़ान में टीयू-160 प्लांट का दौरा करते समय कहा था कि पीएके डीए के साथ अपग्रेडेड टीयू-160एम को भी बनाया जाएगा। टीयू-160 के अपग्रेडेड वेरिएंट टीयू-160एम ने अपनी पहली उड़ान 2021 में भरी थी। मंटुरोव ने ने रूसी मीडिया से बात करते हुए कहा था कि PAK-DA बमवर्षक अपनी पहली उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह जैसे ही अपने परीक्षणों के सभी चरणों को पास कर जाएगा, वैसे ही इसकी सीरियल प्रोडक्शन भी शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में Tu-160M और PAK-DA का एक साथ उत्पादन किया जाएगा।
PAK-DA बमवर्षक को बनाने के काम मई 2020 में शुरू हुआ था। रूस का दावा है कि लंबी दूरी का यह स्टील्थ बमवर्षक अपनी पहली परीक्षण उड़ान मार्च 2025 में भरेगा। इसके 2028-2029 तक सीरियल प्रोडक्शन में जाने की उम्मीद है। इज़वेस्टिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस विमान का प्राइमरी परीक्षण में शुरू कर दिया जाएगा, जबकि स्टेट परीक्षण फरवरी 2026 तक होगा। दूसरे स्टेज के परीक्षण के दौरान बमवर्षक में पायलट को बचाने वाली प्रणाली को भी टेस्ट किया जाएगा, जिसमें इजेक्शन सीट प्रमुख है। इसके लिए रूसी सरकारी कंपनी पहले 12 सीटों का निर्माण करेगी। शुरुआत में पीएके डीए बमवर्षक के तीन प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किए जाएंगे।
इस विमान को उड़ा रहे पायलटों को बचाने के लिए एक नया बड़ा पैराशूट भी विकसित किया जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब बॉम्बर के पायलट विमान से कूदते हैं तो वे समुद्र के सतह से 1000-1500 मीटर की अत्याधिक ऊंचाई पर होते हैं। ऐसे में उनके नीचे गिरने की रफ्तार काफी तेज होती है। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए बड़े गुंबद वाले स्पेशल पैराशूट की जरूरत होगी। सीटों में एक नई इजेक्शन कंट्रोल यूनिट भी होगी क्योंकि केबिन को दो नहीं बल्कि चार पायलटों और उनकी सीटों को सेट किया जाएगा।
रूस का फ्लाइंग-विंग डिजाइन का PAK-DA बमवर्षक 30 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। यह 23 टन के अपने इंजन के साथ सबसोनिक गति से उड़ सकता है।ऐसा इसलिए है क्योंकि जब बॉम्बर के पायलट विमान से कूदते हैं तो वे समुद्र के सतह से 1000-1500 मीटर की अत्याधिक ऊंचाई पर होते हैं। ऐसे में उनके नीचे गिरने की रफ्तार काफी तेज होती है। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए बड़े गुंबद वाले स्पेशल पैराशूट की जरूरत होगी। सीटों में एक नई इजेक्शन कंट्रोल यूनिट भी होगी क्योंकि केबिन को दो नहीं बल्कि चार पायलटों और उनकी सीटों को सेट किया जाएगा। अगस्त में प्रकाशित पॉपुलर मैकेनिक्स के एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रूस का पीएके डीए बमवर्षक अमेरिकी B-2 स्पिरिट की तुलना में लंबी दूरी तक यात्रा कर सकता है। रूस के पास हवा में ईंधन भरने के लिए कम टैंकर विमान हैं। ऐसे में इस विमान को ज्यादा ईंधन के साथ उड़ान भरने योग्य बनाया गया है।