आज हम आपको पाकिस्तान की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे! गोलियों के तड़तड़ाहट की आवाज ऐसी जिसे आपने किसी फिल्म में सुना हो लेकिन यह हकीकत है पाकिस्तान की। पाकिस्तान में किस कदर हालात हैं यह बताने की जरूरत नहीं है और इसका एक सबूत फिर मिला। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ। इमरान पर एक हमलावर ने पिस्टल से कई गोलियां चलाईं। गोली इमरान के पैर में जा लगी और गनीमत है कि उनकी जान सलामत है। इस हमले के बाद का जो वीडियो सामने आया है उसे देखकर पाकिस्तान के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरेआम एके 47 से गोलियां चलाई जाती हैं। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं कई घायल हैं। इस घटना के बाद पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। राजनीतिक हो या आर्थिक या सुरक्षा का मसला हर मोर्चे पर पाकिस्तान इस वक्त कराह रहा है। पाकिस्तान की स्थिति को लेकर अमेरिका समेत दुनिया दूसरे देश अपनी चिंता जता चुके हैं।पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला हुआ और ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के किसी बड़े नेता पर यह पहली बार हमला हुआ है। दिसंबर 2007 की बात है जब पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी जाती है। रावलपिंडी में एक चुनावी रैली को संबोधित करके लौट रहीं बेनजीर भुट्टो पर गोलियों से हमला किया जाता है। इस हमले में उनकी जान चली जाती है। हमले के बाद हमलावर ने खुद को भी बम से उड़ा दिया। पाकिस्तान में नेताओं पर हमले और हत्या का इतिहास पुराना है। इसकी शुरुआत पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या से शुरू होती है। उस वक्त जो सिलसिला शुरू हुआ वह आज भी जारी है। नेताओं पर हमले के इतिहास के साथ ही पाकिस्तान आतंकियों के लिए भी कैसे पनाहगार बना हुआ है यह भी बताने की जरूरत नहीं।
भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देश भी पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने की बात कह चुके हैं। इसका समय-समय पर सबूत मिलते रहा है। सबसे बड़ा सबूत तो उस वक्त सामने आया जब दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकवादी ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा जाता है। अमेरिका की ओर से दुनिया के कोने-कोने में ओसामा बिन लादेन को खोजा जाता है और वह मिला पाकिस्तान में। 9/11 हमले का मास्टरमाइंट ओसामा बिन लादेन साल 2011 में पाकिस्तान में मारा जाता है। अमेरिका के इस ऑपरेशन में वह मारा जाता है। इसके बाद यह सवाल उठे कि आखिर वह छिपा भी था तो कहां। इसके साथ ही मुंबई हमला हो या पुलवामा अटैक पाकिस्तान का एक और खौफनाक चेहरा सामने आता है। मसूद अजहर हो या दाउद इब्राहिम कैसे इनको पाकिस्तान पालता रहा है यह सबने देखा। इसी का नतीजा है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को लेकर ऐसी बात कह दी जिससे वह तिलमिला उठा।
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया। बाइडन ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है जिसके पास बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं। बाइडन के बयान से एक बार फिर पाकिस्तान की पोल खुल गई। पाकिस्तान के परमाणु बम को लेकर कई बार यह आशंका व्यक्त की गई है कि यह आतंकियों के हाथ भी लग सकता है। अमेरिका इसी ओर इशारा कर रहा था। बाइडन के बयान पर पाकिस्तानी नाराज हो गए लेकिन सच्चाई बदलने वाली नहीं। पाकिस्तान के पास इस वक्त 150 से अधिक परमाणु हथियार हैं और यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि अगले दो-तीन साल में यह 200 के करीब पहुंचन सकता है। पाकिस्तान को लेकर दुनिया के कई देश आगाह कर रहे हैं। वहीं अमेरिका के बयान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु संपन्न देश है इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों या दूसरे पाकिस्तानी नेता इनकी बातों पर यकीन कौन करेगा।
पाकिस्तान अपना काम दूसरे देशों के साथ टांग फंसाकर चलाता रहा है। हाल ही में पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद वहां के आर्थिक हालात और भी खराब हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इसकी चिंता जता चुका है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान के सामने फूड क्राइसिस की स्थिति पैदा हो सकती है। हाल ही में श्रीलंका में क्या हुआ यह सबने देखा और कहा जा रहा कि पाकिस्तान की कभी स्थिति उससे भी बुरी हो सकती है यदि उसे चीन या अमेरिका से मदद मिलनी बंद हो जाए। अभी हाल ही में पाकिस्तान के पीएम चीन पहुंचे थे और चीन की ओर से मदद का आश्वासन मिला है। हालांकि चीन किस कीमत पर मदद करता है यह बात भी किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान पहले ही 23 अरब डॉलर के कर्ज तले दबा है और वहीं चीन यह कह रहा है कि पाकिस्तान को इकोनॉमिक कॉरिडोर और ग्वादर पोर्ट पर तेजी से काम करना चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे चलती आई है यह सबने देखा है। कभी अफगानिस्तान के बहाने अमेरिका तो कभी भारत के बहाने चीन से उधार लेता रहा है। चीन के राजनीतिक और आर्थिक हालात जैसे हैं उससे हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।
पाक के 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान का एक भी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। वहां की सेना और सरकार के बीच कैसे रिश्ते रहे हैं यह इतिहास गवाह है। इमरान खान गद्दी जाने के बाद सेना पर निशाना साध रहे हैं लेकिन पीएम रहते किस प्रकार वह सेना के दबाव में फैसले लिए सबने देखा। 1959 में आम चुनाव पाकिस्तान में होने वाले थे उससे पहले 7 अक्टूबर 1958 की रात पाकिस्तान की आर्मी ने सभी महत्वपूर्ण जगहों को अपने कब्जे में ले लिया और सुबह जब लोग उठे तब तक सैन्य कानून लागू हो चुका था।1977 में पाक में दोबारा आर्मी का शासन आ गया और यह 1985 तक चला। 1999 में एक झटके में परवेज मुशर्रफ ने नवाज की गद्दी कैसे पलट दी सबने देखा। कुछ समय पहले इमरान खान की कुर्सी चली जाती है। सेना से खटपट के बाद मामला और बिगड़ गया और आखिरकार सत्ता गंवानी पड़ी। पाकिस्तान में नई सरकार है लेकिन हालात संभाले नहीं संभल रहा। पाकिस्तान इस वक्त अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है ऐसा कहा जाए तो कुछ भी गलत नहीं है। वहां कब क्या होगा कुछ भी नहीं कहा जा सकता।