यह सवाल उठना लाजिमी है कि बीजेपी हर बार चुनाव कैसे जीत पा रही है! पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस के मुकाबले BJP राज्यों में अपनी सत्ता बचाने में ज्यादा सफल रही है। बीते हफ्ते आए चुनाव परिणाम ने इस बात को फिर साबित किया है। BJP जहां डेढ़ दशक की सत्ता के बाद भी मध्य प्रदेश में सत्ता बचाने में सफल रही तो वहीं, कांग्रेस महज पांच साल की सत्ता के बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार नहीं बचा पाई। कांग्रेस बीते 13 वर्षों में एक भी राज्य में सरकार बचाने में सफल नहीं रही। BJP का रेकॉर्ड लगभग 50 फीसदी से भी ज्यादा रहा। इसी बात को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाया। पिछले हफ्ते पार्टी की संसदीय दल की मीटिंग में मोदी ने BJP की इस प्रो-इनकंबेंसी पर विस्तार से बात की। उन्होंने मीटिंग में आंकड़ों के साथ अपने नेताओं की जानकारी दी कि राज्यों में BJP की सरकार रिपीट होने का रेकॉर्ड 58 फीसदी हैं, जबकि कांग्रेस की सरकार केवल 18 फीसदी ही रिपीट होती है। उन्होंने पिछले कई सालों का रेकॉर्ड पेश किया। इसमें उन्होंने बताया कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस को 40 बार राज्यों में चुनाव का सामना करना पड़ा और इनमें पार्टी को केवल सात बार ही सफलता मिली। वहीं, BJP को 39 बार के चुनावों में से 22 बार सफलता मिली। क्षेत्रीय दलों की भी सफलता दर जरूर इसी मुताबिक रही।
2011 में असम में तरुण गोगोई सरकार के बाद कांग्रेस ने अब तक किसी सरकार को बचा रखने में सफल नहीं हुई है। मतलब 2014 के बाद कांग्रेस ने एक भी मौके पर ऐसी जीत नहीं हासिल की। BJP की बात करें तो पार्टी ने 2014 के बाद से अब तक गुजरात में दो बार सत्ता बचाने के अलावा हरियाणा, असम, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सरकार को चुनाव में बचाने में सफल रही। हालांकि BJP इसी दौरान कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में सरकार बचाने में विफल भी रही, लेकिन फिर भी कांग्रेस के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा। क्षेत्रीय दलों का रेकॉर्ड भी बेहतर रहा है। लेकिन इस बार के. चंद्रशेखर राव भी अपने खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को बचाने में सफल नहीं रहे। अगर आंकड़े देखें तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ 2014 के बाद BJP ऐसा करने में सफल हुई है। मोदी प्रभाव से पहले भी इस मोर्चे पर BJP का प्रदर्शन बेहतर रहा है। हां, इतना जरूर था कि 2014 से पहले कांग्रेस भी कई राज्यों में सरकार को बचाने में सफल रहती थी। 1990 से 2014 के बीच कांग्रेस ने छह राज्यों में सरकार को बचाने में सफल रही तो BJP इसी दौरान 4 राज्यों में ऐसा करने में सफल थी।
कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने एनबीटी से कहा कि उनकी सरकारों की एंटी इनकंबेंसी के पीछे गुटबाजी एक बड़ा कारण है। जहां-जहां कांग्रेस सरकार बनी वहां लगातार गुटबाजी बड़ा सिरदर्द रही। इससे आम जनमानस के पीछे निगेटिव नैरेटिव बना। जैसे राजस्थान में गहलोत बनाम सचिन हो या छत्तीसगढ़ में बघेल बनाम सिंहदेव। पंजाब में अमरिंदर बनाम नवजोत सिंह सिद्धू भी इसी लिस्ट में शामिल था। वहीं, BJP ने संगठित होकर काम करने में सफलता पाई। यह तथ्य इसलिए भी सही लगते हैं कि BJP को कर्नाटक जैसे राज्यों में गुटबाजी का सामना करना पड़ा और वहां पार्टी को हार मिली।
एक्सपर्ट ने कहा कि तमाम आंकड़ों में भी यह बात सामने आती रही है। जब भी हम देश में सबसे लोकप्रिय सीएम के लिए नियमित सर्वे करते हैं तो अक्सर क्षेत्रीय दल और BJP के सीएम इस लिस्ट में सबसे ऊपर रहते हैं। कांग्रेस के CM इसमें कई बार पीछे रह जाते हैं। इससे भी बड़ा दिलचस्प पहलू इसमें यह रहता है कि अगर कुछ कांग्रेस के CM इसमें आगे आते भी हैं तो उनके सरकार के कामकाज से लोगों की शिकायत रहती है।सत्ता बचाने के अलावा हरियाणा, असम, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सरकार को चुनाव में बचाने में सफल रही। हालांकि BJP इसी दौरान कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में सरकार बचाने में विफल भी रही, लेकिन फिर भी कांग्रेस के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा। क्षेत्रीय दलों का रेकॉर्ड भी बेहतर रहा है। कुल मिलाकर पांच साल संपूर्ण गवर्नेंस करने का नैरेटिव स्थापित करने में जहां BJP सफल है वहीं कांग्रेस असफल साबित हो रही है, जिसका सबूत पिछले दस सालों के ट्रेंड में भी दिख रहा है।