Sunday, September 8, 2024
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गांधी परिवार और शेख हसीना का कितना पुराना संबंध?

क्या आप जानते हैं कि गांधी परिवार और शेख हसीना के बीच कई पुराने संबंध रह चुके हैं! राजनीतिक रिश्ते और कूटनीतिक संबंध का दो देशों के बीच भले ही बहुत अधिक महत्व हो लेकिन इन सब से इतर दोस्ती एक अलग ही मुकाम रखती है। दोस्ती के लिए आदमी राजनीति की भागदौड़, व्यस्त कार्यक्रम के बीच समय निकाल ही लेता है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुलाकात हुई। दोनों की मुलाकात के दौरान जो तस्वीर सामने आई वो एक अलग ही कहानी कह रही थी। शेख हसीना की नजरों में राहुल गांधी के लिए जो अपनापन था उसमें राजनीति के लिए दूर-दूर तक कोई जगह नहीं बन रही थी। वहीं, राहुल गांधी जिस आदर और श्रद्धा से शेख हसीना को देख रहे थे, वह बता रहा था कि वह किसी राजनीतिक हस्ती से नहीं बल्कि परिवार के बुजुर्ग से मिल रहे हैं। दोनों के मुलाकात के बीच दीवार पर बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर भी लटकी थी। यह महज एक तस्वीर भर नहीं थी बल्कि यह तीन पीढ़ियों के बीच रिश्ते की बुनियाद की गवाह के रूप में नजर आ रही थी।

1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में इंदिरा गांधी की क्या भूमिका थी इसके बारे में बहुत कुछ कहने की गुंजाइश नहीं है। बांग्लादेश की आजादी के बाद ही इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान की दोस्ती हुई थी। इस दोस्ती की बुनियाद वो जोखिम था जो इंदिरा गांधी का ने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई को समर्थन देकर उठाया था। इस दोस्ती की गहराई को ऐसे समझ सकते हैं कि इंदिरा अपने जीवन में सिर्फ पहली और आखिरी बार 1972 में बांग्लादेश गईं थी। वह भी उस दिन जब शेख मुजीबुर रहमान का जन्मदिन था। बांग्लादेश के तत्कालीन पीएम मुजीब खुद उनकी अगुवाई करने पहुंचे थे। इंदिरा जिस दिन बांग्लादेश पहुंची थी उस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया था। इस बात की जानकारी खुद शेख मुजीबुर रहमान ने दी थी। उनका कहना था कि यह अवकाश इंदिरा गांधी के बांग्लादेश दौरे के सम्मान में दिया गया है।

बांग्लादेश में 15 अगस्त 1975 को जब शेख मुजीबुर रहमान की हत्या हुई तो उस समय उनकी बेटी शेख हसीना अपने पति के साथ ब्रसेल्स में थीं। उन्हें वहां से पेरिस के लिए रवाना होना था। घटना की जानकारी मिलने के बाद इंदिरा गांधी तुरंत शेख हसीना और उनकी बहन को राजनीतिक शरण देने के लिए तैयार हो गईं। आमतौर पर किसी को भी भारत में राजनीतिक शरण देने की प्रक्रिया लंबी होती है। दिल्ली से संदेश गया कि शेख मुजीब की बेटियों और परिवार को तुरंत दिल्ली लाने की व्यवस्था की जाए। 24 अगस्त, 1975 को एयर इंडिया का विमान शेख हसीना और उनका परिवार को लेकर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंच गया था। इसके बाद जब इंदिरा गांधी ने शेख हसीना से मुलाकात की और पिता की हत्या को लेकर जानकारी दी। यह सुन शेख हसीना रोने लग गई थीं। ऐसे में इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को गले लगाकर दिलासा दिया था। इस मुलाकात के बाद शेख हसीना को दिल्ली में इंडिया गेट के पास पंडारा पार्क के पास फ्लैट दिया गया था।

राजीव गांधी के साथ ही शेख हसीना का सोनिया गांधी से बड़ा करीबी रिश्ता रहा है। 2010 में शेख हसीना ने सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की थी। वो तस्वीर भी अपनेपन की एक अलग ही कहानी कह रही थी। सोनिया से गले मिलते हुए शेख हसीने के चेहरे पर जो मुस्कान थी उसमें प्यार और अपनापन झलक रहा था। इसके बाद शेख हसीना जब 2019 में भारत दौरे पर आई थीं तो उस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान शेख हसीना और सोनिया गांधी की हाथ पकड़े एक तस्वीर काफी सुर्खियों में रही थी। फोटो से यह साफ झलक रहा था कि दोनों में कितना अपनापना है। यह अपनापन इंदिरा गांधी की दोस्ती और उस अपनेपन की अगली कड़ी थी जब शेख हसीना दिल्ली में रही थीं।

साल 2019 में जब शेख हसीना वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आई थी तो उस समय सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद दी। प्रियंका गांधी ने भी शेख हसीना के साथ बेहद ही गर्मजोशी से गले मिली थीं। मुलाकात के बाद प्रियंका ने ट्वीट किया था कि शेख हसीना जी गले मिलने का मैं लंबे समय से इंतजार कर रहा थी। प्रियंका गांधी शेख हसीना के मजबूती,यह अपनापन इंदिरा गांधी की दोस्ती और उस अपनेपन की अगली कड़ी थी जब शेख हसीना दिल्ली में रही थीं।

साल 2019 में जब शेख हसीना वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आई थी तो उस समय सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद दी। प्रियंका गांधी ने भी शेख हसीना के साथ बेहद ही गर्मजोशी से गले मिली थीं। मुलाकात के बाद प्रियंका ने ट्वीट किया था कि शेख हसीना जी गले मिलने का मैं लंबे समय से इंतजार कर रहा थी। प्रियंका गांधी शेख हसीना के मजबूती, लड़ने की ताकत जैसे गुणों की कायल हैं। प्रियंका ने कहा था कि वह हमेशा मेरे लिए एक महान प्रेरणा रहेंगी। उस मुलाकात के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे।लड़ने की ताकत जैसे गुणों की कायल हैं। प्रियंका ने कहा था कि वह हमेशा मेरे लिए एक महान प्रेरणा रहेंगी। उस मुलाकात के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे।

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