सभी देश अपनी बाहरी सीमा की ताकत बढ़ाने में लगे हुए हैं! अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायल पहुंचे। जहां उनकी पहली मुलाकात बेन-गुरियन हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज के साथ हुई। गैंट्ज राष्ट्रपति जो बाइडेन को आयरन बीम लेजर डिफेंस सिस्टम सहित इजरायल के कई लेटेस्ट हथियार दिखाएं। हाई पावर वाला लेजर इंटरसेप्टर इजरायल की मल्टीलेयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नया सदस्य है। यह दुश्मन की मिसाइल समेत ड्रोन जैसे छोटे खतरों को भी नेस्तनाबूद कर सकता है। यह सिस्टम दो से चार सेकंड के भीतर 7 किमी तक की दूरी पर किसी भी हवाई लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने ट्वीट कर बताया था कि उनके देश ने आयरन बीम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उन्होंने इस डिफेंस सिस्टम का एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें डायरेक्ट एनर्जी वेपन दुश्मन के एक ड्रोन को जलाकर राख करता दिखाई दिया था।
बाइडेन के सामने प्रदर्शन का क्या है कारण?
नफ्ताली बेनेट ने अपने ट्वीट में लिखा कि यह दुनिया की पहली ऊर्जा-आधारित हथियार प्रणाली है जो आने वाले यूएवी/ड्रोन, रॉकेट और मोर्टार को नष्ट करने के लिए लेजर का इस्तेमाल करती है। बड़ी बात यह है कि इसके एक शॉट की कीमत मात्र 3.50 डॉलर है। यह किसी साइंस फिक्शन की तरह लग सकता है, लेकिन यह वास्तविक है। भविष्य के युद्धक्षेत्रों के लिए लेजर जैसे गाइडेड एनर्जी वेपन का इस्तेमाल काफी महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। जो बाइडेन के सामने आयरन बीम सिस्टम का प्रदर्शन संकेत देता है कि अमेरिका और इजरायल इन तकनीकों पर अधिक सहयोग करेंगे। इजरायल और अमेरिका पहले से भी डिफेंस सेक्टर में बड़े भागीदार हैं। इजरायलर के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को विकसित करने में अमेरिका ने भी करोड़ों डॉलर का निवेश किया हुआ है।
उदाहरण के लिए ताइवान के साथ चीन के संघर्ष में अमेरिका को बाहरी अंतरिक्ष से फिर से प्रवेश करने वाली मिसाइलों, समुद्र की सतह के नजदीक उड़ान भरने वाली एंटी शिप क्रूज मिसाइलों, ड्रोन स्वार्म्स का मुकाबला करने की आवश्यकता होगी। इनमें से ड्रोन स्वार्म्स को पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ रोकना मुश्किल होगा। डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स की कम ऑपरेशन लागत और असीमित फायरिंग की क्षमता इसे बजट के दृष्टिकोण से भी अच्छा बनाती है। एक मिसाइल इंटरसेप्टर की कीमत सैकड़ों-हजारों डॉलर होती है, जबकि आयरन बीम की एक शॉट की लागत 3.50 डॉलर मात्र है। ऐसे में अमेरिका दुनियाभर में मौजूद अपने सैन्य अड्डों की सुरक्षा के लिए इजरायल से इस डिफेंस सिस्टम को खरीद सकता है।
आयरन बीम को इजरायली एयर डिफेंस के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इजरायल आयरन डोम का इस्तेमाल नहीं करेगा। आयरन बीम की रेंज 7 किलोमीटर तक ही है। ऐसे में यह सिस्टम इजरायल की वर्तमान एयर डिफेंस सिस्टम जैसे आयरन डोम, ऐरो-2 ऐरो-3, डेविड्स स्लिंग को रिप्लेस नहीं कर सकता है। इसके बावजूद गाजा पट्टी, सीरिया या लेबनान से आने वाले कम दूरी के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स या मिसाइलों को आसानी से यह मार गिरा सकता है।
कब आया था आयरन बीम?
इजरायल ने आयरन बीम डॉयरेक्ट एनर्जी वेपन एयर डिफेंस सिस्टम को 11 फरवरी 2014 को सिंगापुर एयर शो में पहली बार प्रदर्शित किया था। इस सिस्टम को इजरायल की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनी राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने बनाया है। आयरन बीम फायरिंग के 4-5 सेकंड के भीतर हवाई टॉरगेट को नष्ट करने के लिए फाइबर लेजर का इस्तेमाल करता है। इसे स्टैड अलोन वेपन की तौर पर या बाकी एयर डिफेंस सिस्टम के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।इजरायल के पास चार तरह की एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही मौजूद हैं। इसके बावजूद इजरायली सेना आयरन बीम का इस्तेमाल कर रही है। इसका सबसे बड़ा फायदा कम ऑपरेटिंग कॉस्ट है। इसके लिए बस एक जनरेटर की जरूरत ही होती है। दूसरा फायदा यह है कि इसे आबादी वाले इलाके में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में हवा में अगर किसी ऑब्जेक्ट को यह सिस्टम नष्ट करता है तो उसका मलबा आबादी के ऊपर कम मात्रा में ही गिरेगा। आयरन बीम के एक शॉट को फायर करने की लागत 2000 डॉलर है, वहीं इजरायल के बाकी एयर डिफेंस सिस्टम की एक शॉट को फायर करने की कीमत 100000 से 150000 डॉलर है।आयरन बीम फायरिंग के 4-5 सेकंड के भीतर हवाई टॉरगेट को नष्ट करने के लिए फाइबर लेजर का इस्तेमाल करता है। इसे स्टैड अलोन वेपन की तौर पर या बाकी एयर डिफेंस सिस्टम के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।