हमारे वैदिक विज्ञान में कई प्रकार की औषधियों का वर्णन किया गया है, जो हमें कई बीमारियों से मुक्ति दिला सकते हैं! मेलाज्मा मुख्य रूप से एक साधारण समस्या है जो कि मिलेनन पिग्मेंट के अधिक स्राव होने की वजह से होता है। इसमें चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। आधुनिक शोध से पता चला है कि 50 प्रतिशत महिलाएं मेलाज्मा की समस्या से परेशान हैं। कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद मेलाज्मा की समस्या खत्म हो जाती है और कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद मेलाज्मा की समस्या बढ़ जाती है। आप चाहें तो मेलाज्मा का इलाज घर पर ही कर सकते हैं।यह समस्या मुख्यतः सूर्य की किरण के कारण होती है इसलिये मेलाज्मा एक साधारण समस्या मानी जाती है। नीचे बताए गए आयुर्वेदिक उपायों में मेलाज्मा को ठीक करने के बहुत आसान-आसान उपाय बताए गए हैं।
मेलाज्मा क्या है?
मेलाज्मा चेहरे पर पड़ने वाले भूरे या ग्रे रंग के निशान या धब्बे होते हैं। जो 20 से 50 वर्ष की महिलाओं में अधिक होते हैं।
मेलाज्मा के प्रकार
मेलाज्मा मुख्यतः तीन प्रकार के नजर होते हैंः-सेंट्रोफेशियल- सेंट्रोफेशियल मेलाज्मा में माथे, ऊपरी होंठ, नाक और ठोढ़ी पर निशान दिखाई पड़ते हैं।
मलार- मलार मेलाज्मा में मुख्यतः गालों के ऊपरी भाग में निशान दिखाई पड़ते हैं।
मेंडिबुलर- मेंडिबुलर मेलाज्मा में मुख्यतः जबड़ा में निशान दिखाई पड़ते हैं।
हमारे शरीर में तीन दोष वात, पित्त और कफ होते हैं। जब यह संतुलित अवस्था में होते हैं तब शरीर को स्वस्थ रखते हैं। यदि यह तीन दोष असंतुलित हो जाते हैं तब शरीर में रोग उत्पन्न कर देते हैं। इसी प्रकार पित्त दोष के असंतुलित होने की वजह मेलाज्मा होता है जिसमें चेहरे पर गहरे भूरे या ग्रे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। मेलाज्मा होने के मुख्य ये कारण होते हैंः-सूरज की रोशनी- सूरज की रोशनी में अधिक समय तक रहने से मेलाज्मा होता है। सूरज की रोशनी मेलाज्मा होने का सबसे बड़ा कारण है। मेलाज्मा सबसे ज्यादा गर्मियों में होते हैं क्योंकि गर्मियों में मिलेनिन पिगमेंट का चेहरे पर ज्यादा स्राव होता है, जिसकी वजह से चेहरे पर धब्बे ज्यादा दिखाई देने लगते हैं।
गर्भ निरोधक गोलिया– गर्भ निरोधक गोलियां ज्यादा खाने से भी महिलाओं को मेलाज्मा की समस्या होती है, क्योंकि गर्भ निरोधक गोलियां लेने से महिला के शरीर में कई हार्मोन बदलाव होने लगते हैं। इसके कारण मेलाज्मा की समस्या हो जाती है।
अन्य कारण– हार्मोन्स रिपलेसमेंट थेरेपी, आनुवांशिक ज्यादा एण्टी बायोटिक, स्टेराइड आदि से भी मेलाज्मा की शिकायत हो सकती है।
क्या है उपाय?
नींबू के रस को रुई में लेकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक छोड़ दें। इसे फिर 2 मिनट तक हल्के हाथ से मालिश करें और गुनगुने पानी से धो लें।
नींबू का रस प्राकृतिक रुप से त्वचा का रंग हल्का करता है। नींबू की अम्लीय प्रकृति मेलाज्मा के गहरे धब्बों को कम करने का काम करती है।
एप्पल साईडर विनेगर 1 छोटा चम्मच पानी में मिलाकर मेलाज्मा के धब्बों पर लगाएं। इसे हवा में 10 मिनट के लिए सूखने दें। उसके बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें। एप्पल साईडर विनेगर में ऐसीटिक एसिड मौजूद होता है जो एक शक्तिशाली ब्लीच के रुप में काम करता है। ये त्वचा के दाग धब्बों को हटाकर त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है।
1 छोटे चम्मच हल्दी में 2 बड़े चम्मच दूध में मिलाकर दाग-धब्बों पर 20 मिनट तक लगाकर गुनगुने पानी से धो लें। हल्दी के एण्टी-ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करते हैं।
एलोवेरा जेल में पाली सैक्राइड होता है जो मेलाज्मा के दाग हटाकर त्वचा की असली चमक वापस ले आता है। इसके साथ ही ये मृत त्वचा को निकाल देता है।सबसे पहले एलोवेरा को आधा काटकर उससे जेल निकाल लें फिर इस जेल को मेलाज्मा के दाग धब्बों में लगाकर हल्के हाथ से मालिश कर 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद ताजे पानी से चेहरे को धो लें।
विटामिन C और विटामिन E युक्त आहार- ये विटामिन्स एण्टी आक्सीडेंट युक्त तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषित करते हैं और मेलाज्मा को बढ़ने से रोकते है। ये विटामिन इन आहार जैसे- खट्टे फल, कीवी, बादाम, मछली में पाएं जाते हैं।
फलों का जूस- सुबह के समय एक गिलास संतरे के रस को रोज पीने से मेलाज्मा की समस्या से बचाव होता है।
पानी अधिक पिएं- पानी अधिक पिएं क्योंकि पानी अधिक पीने से मेलाज्मा के दाग-धब्बे कम होते हैं।
सनक्रीन का प्रयोग- पूरे समय (30 या अधिक एसपीएफ) के सनक्रीन का प्रयोग क्योंकि सूर्य की किरण की वजह से मेलाज्मा होता है। इसलिए धूप में बाहर निकलने से पहले एसपीएफ सनक्रन लगाएं। जिंक आक्साइड या लाइटेनिपमडाइ ऑक्साइड युक्त सनक्रीन सबसे अच्छी होती है।
फल जैसे संतरा, सेब, अंगूर और सब्जियां जैसे- ब्राकोली, पत्ता गोभी, अंकुरित चने आदि खाने में शामिल करना चाहिए।
फोलिक एसिड युक्त भोजन जैसे- खट्टे फल, हरे पत्तेदार सब्जियाँ और साबुत अनाज खाना चाहिए, क्योंकि फोलिक एसिड की कमी के कारण मेलाज्मा बढ़ सकता है।
एस्ट्रोजन हार्मोन्स के अत्याधिक स्राव को रोकने के लिए रेशे युक्त आहार खाना चाहिए।