यह सवाल उठना लाजिमी है कि G20 के बाद अब पीएम मोदी को विपक्ष कैसे हरा पाएगा! पिछले एक साल से G20 शिखर सम्मेलन को लेकर काफी बेसब्री थी और इसका अंत जिस तरह से हुआ, उसे भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। यूं तो यह ग्लोबल कूटनीतिक आयोजन था, लेकिन चुनावी साल में हर मुद्दे की अंतिम परिणति राजनीतिक मुद्दे में हो ही जाती है। ऐसे में BJP इस आयोजन का बड़ा सियासी लाभ लेने की कोशिश जरूर करेगी। दूसरी ओर विपक्ष अब सियासत की पिच पर अपने मुद्दों को लाने की पुरजोर कोशिश करेगा। यानी अगले कुछ दिनों तक दोनों ओर से अपने-अपने मुद्दों पर टिके रहने और उसे लेकर एक दूसरे पर हमला तेज करने का सिलसिला शुरू हो सकता है। अगले ही हफ्ते संसद का स्पेशल सेशन भी है। माना जा रहा है कि पांच दिनों के इस सेशन में नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार G20 सम्मेलन और चंद्रयान-3 की सफलता पर खास चर्चा कर सकती है। G20 सम्मेलन के बाद उसे सियासी तौर पर भुनाने की BJP की मंशा यूं ही नहीं है। पिछले कुछ सालों में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के पीछे एक बड़ा कारण उनकी मजबूत ग्लोबल छवि भी रही है। ‘विश्व में मोदी ने भारत का मान बढ़ाया’- यह बात दूर-दूर तक पहुंची है और इसका सियासी लाभ भी हुआ है। यह बात कई ओपिनियन पोल और सर्वे में भी आ चुकी है। 2014 के बाद एक बड़ा फैक्टर जो सामने आया और जो पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण बना, वह था ग्लोबल स्तर पर भारत की ताकत बढ़ना। विदेश में मोदी की बड़ी रैलियां और कई ग्लोबल इवेंट्स में भारत के हस्तक्षेप को देश की बढ़ती ताकत के रूप में पेश किया गया। चाहे यूक्रेन युद्ध के समय वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने का मसला हो या कोविड के दौरान दुनिया भर में टीका भेजने की पहल, इन सबमें नरेंद्र मोदी की ग्लोबल इमेज निखर कर सामने आई।
तमाम सर्वेक्षणों में आया कि नरेंद्र मोदी सबसे ताकतवर ग्लोबल लीडरों में शामिल हैं। एक बड़ा बदलाव यह भी आया कि अब तक ग्लोबल इवेंट और डिप्लोमेसी आम जनता तक नहीं जाती थी। लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुआई में BJP इसे नीचे लोगों तक ले जाने में सफल रही। अब जब भारत में सबसे बड़ा कूटनीतिक इवेंट हुआ, जिसमें विश्व के तमाम ताकतवर नेता जुटे, तो BJP को पूरी उम्मीद है कि जल्द शुरू हो रहे चुनावी सीजन में यह मोदी के ग्लोबल फैक्टर को और मजबूत ही करेगा।
BJP का दावा है कि G20 में भारत की इस कामयाबी के बाद उनका कद और बड़ा होगा। दरअसल, सम्मेलन से पहले भारत पर दोनों ओर से बहुत दबाव था। इसमें एक ओर अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी देश थे तो दूसरी ओर रूस और चीन। यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिकी पक्ष का अपना आग्रह था और रूस का अपना। लेकिन अब संदेश है कि मोदी ने इस दबाव के सामने झुकने से इनकार किया और अपने हिसाब से चीजें तय कीं। बड़ी बात यह रही कि इसमें उन्हें सफलता भी मिली। यही कारण है कि अब BJP की पुरजोर कोशिश होगी कि इन घटनाक्रमों और ग्लोबल कूटनीति पर ब्रैंड मोदी के प्रभाव का असर देश के अंदर सुदूर इलाकों तक जाए।
दरअसल, 2019 आम चुनाव में मोदी की लीडरशिप में BJP को मिली शानदार जीत के बाद हुई तमाम रिसर्चों पर भी गौर करें तो उसमें एक प्रमुख फैक्टर नरेंद्र मोदी की दुनिया में इमेज भी थी। पार्टी ने दावा किया कि पूरी दुनिया में मोदी को सम्मान से देखा जाता है और वह एक मजबूत नेता हैं। इसमें चंद्रयान-3 की सफलता जैसे मुद्दे भी जुड़ जाते हैं। कुल मिलाकर इतना तो तय है कि अगले कुछ महीनों में BJP एक बार फिर से ‘मोदी ने भारत का मान बढ़ाया’ वाली इमेज मजबूत करने की कोशिश करेगी। यही नहीं, 2024 के आम चुनाव में भी वह इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। पीएम मोदी की इस ग्लोबल इमेज से BJP जिस तरीके से सियासी प्रीमियम लेने की कोशिश कर रही है, विपक्ष अभी तक इसका काउंटर नहीं कर पाया है। G20 की सफलता के बाद जब BJP इस इमेज को और आक्रामक तरीके से वोटरों तक लेकर जाएगी, जाहिर है तब विपक्ष को इसे काउंटर करना होगा। वैसे, विपक्ष को इतना तो अंदाजा लग ही चुका है कि इस पिच पर पीएम मोदी पर सवाल उठाकर या उनका मजाक बनाकर उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिल रही। इसलिए इस बार उनकी रणनीति कुछ बदली-बदली भी दिख रही है।
इसी रणनीति के हिसाब से विपक्ष ने पिछले कुछ महीनों में सियासी मुद्दों की पिच तैयार करने की कोशिश की है। इसमें उसे कुछ हद तक सफलता भी मिली है। चाहे गठबंधन का नाम इंडिया रखना हो, या फिर जाति जनगणना, महंगाई-रोजगार सहित महिलाओं को हर महीने सैलरी देने जैसा दांव, विपक्ष BJP को काउंटर करने की कोशिश कर रहा है। इसके पीछे मूल मंशा यही है कि इस बार गेम उनकी पिच पर ही हो, न कि BJP की पिच पर। 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक को जब BJP ने चुनावी मुद्दा बनाया, तो विपक्ष भी कहीं न कहीं उसी पिच पर खेलता देखा गया था और बुरी तरह परास्त भी हुआ। इस बार विपक्ष ऐसी कोई गलती करने के मूड में नहीं है।