नयी दिल्ली: मनरेगा घोटाले में झारखंड की निलंबित आइएएस अफसर पूजा सिंघल समेत सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया गया है। सिंघल के अलावे उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन जूनियर इंजिनियर रामविनोद सिन्हा, तत्कालीन असिस्टेंट इंजिनियर राजेंद्र जैन, तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजिनियर जयकिशोर चौधरी, खूंटी स्पेशल डिवीज़न के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजिनियर शशि प्रकाश के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग की धारा 3, 4 व पीसी एक्ट की संगत धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल की गई है। ईडी की टीम ने 60 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल करने का काम किया है। इससे पहले आईएएस पूजा सिंघल की ओर से आरोप पत्र दाखिल नहीं होने और अपने स्वास्थ्य को आधार बनाते हुए जमानत याचिका भी दाखिल की गयी थी। इस मामले में ईडी की विशेष अदालत द्वारा प्रवर्त्तन निदेशालय को जवाब देने का निर्देश दिया था। लेकिन ईडी की ओर से पिछली सुनवाई के दौरान तक जवाब दाखिल नहीं किया गया था, जिसके कारण मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई 12 जुलाई तक के लिए टाल दी गयी थी।
सूत्रों की मानें तो चाजर्शीट में राज्य के अलग-अलग खनन पदाधिकारियों से पूछताछ के विवरण का जिक्र है। चार्जशीट में यह भी जिक्र है कि किस तरह राज्य के विभिन्न जिले में अवैध वसूली का कथित जाल फैला हुआ है। वसूली का पैसा कैसे रांची में बैठे अधिकारियों तक पहुंचता था। जानकारी हो कि राज्य के अलग अलग जिलों के खनन पदाधिकारियों को भी रांची स्थित ईडी के जोनल कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई थी। खनन पदाधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। ईडी के आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खातों में उनकी सैलरी से 1.43 करोड़ रूपये अधिक थे। सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी और 19 जुलाई 2010 से 8 जून 2013 के बीच पलामू की डीसी थीं। ईडी ने इन तीनों कार्यकाल के दौरान पूजा सिंघल के अलग अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटायी। जांच में यह बात सामने आयी थी कि पूजा सिंघल व उनके पति अभिषेक झा के खाते में मनरेगा घोटाले के दौरान सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक आए थे। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच का है, जब सिंघल वहां की डीसी थी।
पूजा सिंघल और अन्य के खिलाफ यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिसमें झारखंड सरकार के पूर्व जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को ईडी ने 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। उससे पहले उसके खिलाफ राज्य सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद 2012 में एजेंसी द्वारा पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया था। सिन्हा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक धाराओं के तहत धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सिन्हा पर एक अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करते हुए कथित तौर पर जनता के पैसे की धोखाधड़ी करके उसे अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश करने का आरोप है। एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धन को खूंटी जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए रखा गया था। सिन्हा ने ईडी को बताया कि उसने जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी में से) का भुगतान किया है। बता दें कि, महज 21 साल में देश की प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा पास कर IAS कैडर में घुसने की सबसे कम उम्र होने के कारण पूजा सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ. पूजा सिंघल की पहली शादी IAS अधिकारी रहे राहुल पुरवार से हुई, लेकिन शुरू के वर्षों के दौरान ही कुछ निजी कारणों को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया और फिर तलाक होने के बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक झा से दूसरी शादी की. पढ़ाई से लेकर नौकरी तक सिंघल का करियर शानदार रहा है. पूजा सिंघल देहरादून में पैदा हुईं और गढ़वाल विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में वर्ष 2000 में वो IAS बन गईं.