नई दिल्ली : उत्तराखंड शासन के आईएएस अधिकारी व LDA के पूर्व सचिव रामविलास यादव के कई ठिकानों पर विजिलेंस का छापे के कार्रवाई चल रही है। उत्तराखंड विजिलेंस विभाग की टीम ने दून व लखनऊ में छापेमारी कर रही है। यादव के के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में 19 अप्रैल को मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मामले में शनिवार को उत्तराखंड विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की.लखनऊ के पुरनिया इलाके में आवास पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव हैं ।रामविलास के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज होने के बाद एक्शन की उम्मीद जग गयी थी। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही यादव ने तैनाती उत्तराखंड में करा ली थी।सूत्रों से प्राप्त ताजा जानकारी के मुताबिक, एलडीए के पूर्व सचिव रामविलास यादव के लखनऊ और देहरादून के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है. आईएएस यादव के खिलाफ बीते 19 अप्रैल को उनकी अकूत संपत्ति के लिए एक मुकदमा दर्ज हुआ था. आईएएस पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से 500 प्रतिशत से अधिक संपत्ति बनाई है.
रामविलास पूर्व में सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और एडिशन डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं। हालांकि वह वर्तमान में ग्राम विकास विभाग उत्तराखंड में सचिव के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी उनके खिलाफ सामाजिक कार्यक्रता हेमंत कुमार मिश्र की शिकायत के बाद की गई है। जांच की ही कड़ी में यह छापेमारी की कार्रवाई हो रही है। एक साथ कई ठिकानों पर जारी छापेमारी के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ बड़ा खुलासा हो सकता है। हालांकि जिस तरह से टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की है उसके बाद यह कार्रवाई देर तक चलने के भी आसार हैं इस मामले में आईएएस यादव को पूछताछ के लिए विजिलेंस टीम ने कई बार नोटिस जारी कर बुलाया भी था लेकिन मौके पर वो कभी उपस्थित नहीं हुए. प्रशासन इनकी अकूत संपत्ति के रहस्य को जानने के लगातार प्रयास किये लेकिन पूछताछ के लिए बनी तमाम कमेटियों को वो चकमा देते रहे और विजिलेंस से बचते रहे l
इस संबंध में योगी सरकार की ओर से पर्याप्त दस्तावेज भी उत्तराखंड सरकार को भेजे गए हैं. जांच पूरी होने पर अनियमितताएं और आय से अधिक संपत्ति का मामला सही पाया गया है. इस पर विजिलेंस ने जांच शुरू की तो आईएएस रामविलास यादव ने सहयोग नहीं किया. उन्होंने शासन से भी कहा कि विजिलेंस उनका पक्ष नहीं सुन रही है. बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर उत्तराखंड विजिलेंस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.