क्वाड के जरिए चीन की घेराबंदी।
जापान की राजधानी टोक्यों में हुए क्वाड सम्मेलन से भारत,जापान,अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुखों से चीन को दी कूटनीतिक पटखनी।
क्वाड क्या है?
क्वाड एक चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता है जिसमें चार देश शामिल हैं- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका। यह एक रणनीतिक सुरक्षा वार्ता है जिसे सदस्य देशों के बीच वार्ता द्वारा बनाए रखा जाता है। क्वाड शिखर सम्मेलन पहली बार 2007 में स्थापित किया गया था।
इसी कड़ी 2022 का क्वाड सम्मेलन जापान की राजधानी टोक्यो में संपन्न हुआ। यहां से क्वाड देशों ने चीन को न केवल घेरा बल्कि उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र के सहारे अपने पैर पसार रहे चीन को क्वाड देशों ने साफ संदेश दिया। इन्होंने कहा की जिस तरह चीन हिंद प्रशांत क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है उसे उसके मंसूबो में कामियाबी मिलने वाली नही है। इन्होंने कहा कि क्वाड देश हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टोक्यो में मंगलवार जब क्वाड देशों के प्रमुख नेताओं, पीएम नरेन्द्र मोदी,जापान के पीएम फुमियो किशिदा, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज की शिखर बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया और इशारे ही इशारे में न केवल चीन पर बल्कि उसके सहयोगियों जैसे म्यांमार और पाकिस्तान सरकार पर भी तलख टिप्पणी की।
पीएम मोदी ने इस संगठन को के ना केवल हिंद प्रशांत का रक्षा कवच कहा बल्कि एक सकारात्मक ताकत भी बताया। वही अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस संगठन को मजाक में ना लेने की सलाह दी उन्होंने कहा कि क्वाड अपने उद्देश्यों को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध हैं।
चर्चाओ का चला लम्बा दौर।
पीएम मोदी ने अपने दो दिन के दौरे में लगभग 29 सभाओं में भाग लिया जिसमे व्यापार, सुरक्षा और विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे अहम मुद्दे शामिल थे। इसके साथ ही पीएम मोदी ने क्वाड देशों के प्रमुखों के साथ भी टू प्लस टू चर्चा की। इस चर्चा में क्या रहा खास-
भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू चर्चा।
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई जिनमें से कई मसलों पर सहमति बनती दिखाई दी। इनमें 5g,6g, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीक जैसे मुद्दे पर सहमति बनी है यह सहमति विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र भारत अमेरिका के संबंध को ओर मजबूत करेगी। वही पीएम मोदी ने अमेरिकी रक्षा कंपनियों को भारत में निवेश करने को आमंत्रित किया है और कहा के को मैक इन इंडिया के तहत भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम कर ओर आत्मनिर्भर भारत का मार्ग सुगम बनाएं। जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूती मिलेगी।
भारत और जापान की टू प्लस टू चर्चा।
पीएम मोदी ने जापान के पीएम फुमियो किशिदा के साथ न केवल चर्चा की बल्कि रात्रि भोज भी किया। टू प्लस टू चर्चा में भारत और जापान ने कई अहम मुद्दों पर अपनी सहभागिता रखी। वही रक्षा उत्पादन के साथ सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने की बात पर सहमति बनी।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी हुई टू प्लस टू चर्चा।
जापान, अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों के साथ टू प्लस टू चर्चा करने के बाद पीएम मोदी ने क्वॉड देशों के चौथे देश ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज के साथ भी टू प्लस टू चर्चा में भाग लिया। जहां दोनो देशों के प्रमुखों ने कई जरूरी और अहम मुद्दों पर चर्चा की। इन मुद्दो में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी समेत कई आर्थिक और रणनीतिक मुद्दो पर बात हुई। हालाकि ध्यान देने बात यह है की ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने मुलाकात से एक दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के पीएम पद की सपथ ली थी। और उन्होने पीएम के साथ मुलाकातों के अनुभवो को अपने ट्विटर अकाउंट से साझा भी किया और कहा के उनकी ओर पीएम मोदी से मुलाकात साकर्तमक रही। हम दोनो मिलके भारता और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
क्वॉड ने पहली बार आतंकवाद के खिलाफ खुल के की निंदा।
क्वाड देशों ने आतंकवाद के खिलाफ खुल के बयान दिया और कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकवादियों और आतंकी संगठनों पर कारवाही करने में एक दूसरे की मद्द करेंगे। इन सभी आतंकवाद से जुड़ी घोषणाओं के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हुए है।
क्वाड सम्मिट का भारत के लिए क्या रहा सकारात्मक परिणाम।
क्वाड के 2022 सम्मेलन के तुरंत बाद भारत के लिए एक अच्छी खबर आई जो की बाइडन द्वारा दी गई। इस खबर में बाइडन ने भारत को बहरीन स्थित (सीएमएफ) कंबाइन मैरीटाइन फोर्स में सहयोगी के रूप में शामिल करने की घोषणा की। सीएमएफ गहरे समुंद्र में आतंकी गतिविधियों को रोकने वाला एक अभियान हैं जो अमेरिका द्वारा संचालित है।
क्वाड की अगली बैठक 2023 में ऑस्ट्रेलिया में होनी है।