भारत में बना पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत आज भारतीय नौसेना में शामिल हो गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोच्चि में एक भव्य समारोह में आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना शामिल किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में नौसना के ध्वज का अनावरण किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम पिनाराई विजयन और अन्य की मौजूदगी रही।। यहां नौसेना सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया नौसेना के नए ‘बाहुबली’ से रूबरू कराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही कहा। वह कोच्चि में आईएनएस विक्रांत को नौसेना में कमिशन कराने पहुंचे थे
मोदी ने आईएनएस विक्रांत की खूबियां भी गिनाई और भारत की ऐतिहासिक विरासत से भी परिचित कराया। पीएम ने कहा वेदों और पुरातन शास्त्रों में अलग-अलग प्रकार की नावों के बारे में बताया गया है। छत्रपति शिवाजी के समुद्री सामर्थ्य का जिक्र करते हुए मोदी ब्रिटिश राज तक आए। बकौल मोदी, ‘INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है।’ पढ़िए मोदी के हवाले से आईएनएस विक्रांत की खासियतें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में कहा कि ‘हमारे यहां नौकाओं और जहाजों से जुड़े श्लोकों में बताया गया है हमारे शास्त्रों में कितना वर्णन है मृगिका, तरुणीलोला, गत्वरा, गामिनी, जंगाला, प्लाविनी, धारिणी, वेगिनी हमारे यहां जहाजों और नौकाओं के अलग-अलग आकार और प्रकार होते थे। हमारे वेदों में भी नौकाओं और जहाजों और समुद्र से जुड़े कितने ही मंत्र आते हैं। वेदिक काल से लेकर गुप्त काल और मौर्य काल तक, भारत के समुद्री सामर्थ्य का डंका पूरे विश्व में बजता था। INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों में पहली प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। INS विक्रांत के नौसेना में शामिल होने से इसकी क्षमता और मजबूत होगी।
INS विक्रांत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में किया गया है. कुल 2.5 एकड़ के क्षेत्रफल वाले आईएनएस विक्रांत की लंबाई 860 फीट, बीम 203 फीट, गहराई 84 फीट और चौड़ाई 203 फीट है. विक्रांत के ऊपर 30 से 35 विमानों को तैनात किया जा सकता है. 45 हजार टन के डिस्प्लेसमेंट वाला विक्रांत 52 km प्रतिघंटे की रफ्तार समंदर पर दौड़ सकता है. बराक मिसाइलों से लैस इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर ब्रह्मोस जैसी सुपर सोनिक मिसाइलों को भी तैनात किया जा सकता है, जिसके लिए इंटीग्रेशन का काम किया जा रहा है विक्रांत को 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देने के लिए जनरल इलेक्ट्रिक टरबाइन लगाये गए हैं. इस एयरक्राफ्ट कैरियर की स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर है. जबकि इसकी सेलिंग रेंज 15 हजार KM है. इसके साथ ही इस पर 76 mm की 4 ओटोब्रेडा ड्यूल पर्पज कैनन लगाये गए हैं. यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट्स, मिसाइलों और फाइट्स जहाजों को मार गिराने की क्षमता रखता है. 76 फीसदी स्वदेशी उपकरणों से निर्मित इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 4 AK 630 प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगाई गई आईएनएस विक्रांत को बनाने में 21 हजार टन से ज्यादा स्पेशल ग्रेड स्टील का इस्तेमाल हुआ है। इसमें 2,600 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इलेक्ट्रिक केबल्स लगे हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर पर 150 किलोमीटर से ज्यादा लंबी पाइपलाइन बिछी है। आईएनएस विक्रांत की इसकी ऊंचाई 61.6 मीटर है यानी यह करीब 15 मंजिला इमारत जितना है। 262.5 मीटर लंबे आईएनएस विक्रांत पर 1600 क्रू मेंबर आराम से रह सकते हैं। वैसे विक्रांत पर 2,300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। फिलहाल आईएनएस विक्रांत पर MiG-29K लड़ाकू विमान और केए-31 हेलिकॉप्टर्स का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीज़न और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा। लेकिन, आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है।इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा। पीएम मोदी ने कहा, अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा। आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।