एशिया कप शुरू होने वाला है. क्रिकेट प्रशासकों के लिए गोल्डेन वक्त आने वाला है क्योंकि जल्द ही भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होगीं. क्रिकेट के इतिहास में रोमांच तब चरम पर होता है कि जब भारत-पाक एक दूसरे से भिड़ते हैं. मैच कोई भी जीते लेकिन यह तय है कि इतिहास लिखा जायेगा. इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं, ऐसे दो मैच जब पूरी दुनिया ने कहा इससे रोचक कुछ नही, इससे बेहतर कुछ नही.
भारत-पाकिस्तान 2003 वर्ल्ड कप, सेमीफाइनल
साउथ अफ़्रीका में हो रहे विश्व कप में भारत और पाकिस्तान दोनो ने शानदार प्रदर्शन किया. सेमीफाइनल के स्टेज पर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. पाकिस्तान टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने जा रहा था. पाकिस्तान की शुरुआत शानदार रही, भारत के लिए जो डर था वही हुआ. सईद अनवर का बल्ला आग उगल रहा था. क्या जहीर, क्या नेहरा और क्या श्रीकांत सबकी गेंदों को अनवर ने बाउण्ड्री लाईन के बाहर भेजा. 7 चौकों की मदद से सईद अनवर ने अपना शतक पूरा किया. पाकिस्तान के लिए बुरी बात यह रही कि अनवर के बाद पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज 35 रन के आकड़े की छू नही पाया. भारत के तरफ से जहीर और नेहरा ने 2-2 विकेट लिए और श्रीकांत को एक विकेट मिला.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने अच्छी शुरूआत की लेकिन वीरेंद्र सहवाग 21 रनकर बनाकर पवेलियन लौट गए. दूसरे तरफ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने मौर्चा संभाला. सचिन ने 75 गेंदों में 12 चौके और 1 छक्के की मदद से 98 रन की पारी खेली. सौरव गांगुली को छोड़कर बाकि हर बल्लेबाज ने बढ़िया प्रदर्शन किया. मोहम्मद कैफ ने 35, युवराज सिंह ने 50 और राहुल द्रविड ने 44 रन का योगदान दिया था.
भारत ने इस मैच को 26 गेंद रहते 6 विकेट से जीत लिया.
भारत-पाकिस्तान 2007 टी-ट्वेंटी फाइनल
जब टीम के सभी दिग्गज बाहर थे तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पहले ही टी-ट्वेंटी विश्व कप में झंडा गाड़ते हुए चैंपियन बनी. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय की शुरुआत बहुत अच्छी नही रही. युसुफ पठान ने शुरुआत तो विस्फोटक की लेकिन जल्दी ही 15 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. दूसरे तरफ टीम इंडिया के कर्णधार गौतम गंभीर शानदार फार्म में दिखे. गंभीर ने 54 गेदों में 8 चौके और 2 छक्के की मदद से 75 रन बनाए. अंत में रोहित शर्मा ने भी तेजतर्रार पारी खेली. रोहित ने 16 गेदों पर 2 चौके और 1 छक्के की मदद से 30 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली.
पाकिस्तान के तरफ से सोहेल तनवीर ने 2 विकेट झटके. इसके अलावा उमर गुल और मोहम्मद आसिफ ने भी 1-1 विकेट लिए.
लक्ष्य का पिछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नही रही और मोहम्मद हफीज सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. हफीज के साथी ओपनर इमरान नजीर ने दूसरे तरफ से मोर्चा संभाला. नजीर ने 14 गेदों में 4 चौके और 2 छक्के की मदद से 34 रन की पारी खेली. नजीर की पारी से पाकिस्तान को एक आत्मविश्वास मिला लेकिन दूसरे तरफ से कोई बड़ी देखने को नही मिल रही थी. तभी पाकिस्तान के धोनी कहे जाने वाले मिस्बाह ने कुछ अच्छे शाट लगाकर मैच में रोमांच ला दिया.
अंतिम ओवर का रोमांच ही क्रिकेट की दुनिया का सार है. पाकिस्तान को जीतने के लिए 12 रन की जरूरत थी और भारत को सिर्फ एक विकेट मैच जीता देता. भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पास यह मौका था कि वह आखिरी ओवर हरभजन सिंह से कराते. लेकिन नए-नवेले कप्तान धोनी ने जोगिंदर शर्मा पर दांव खेला. जोगिंदर शर्मा ने पहले गेंद को वाईड लाइन से बाहर फेंका. जिससे अब 6 गेंद में 11 रन चाहिए था. अगली गेंद जोगिंदर शर्मा ने फूलटास फेंका जिसको मिस्बाह ने छः रन के लिए खेल दिया. अब ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान ने लगभग मैच जीत लिया है. लेकिन अगले ही गेंद पर मिस्बाह स्कूप खेलने के चक्कर में श्रीशांत को कैच दे बैठे और पाकिस्तान का सपना चूर हो गया. भारत ने पहले बार ही हो रहे टी-ट्वेंटी इंटरनेशनल विश्व कप को जीत लिया. इरफ़ान पठान को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच भी मिला. इनके अलावा आरपी सिंह ने भी शानदार गेंदबाजी की. आरपी ने 4 ओवर ने 26 रन देकर 3 विकेट लिए. इस मैच की खासियत यह थी कि भारत पहली बार किसी बड़े टुनामेंट में सचिन के बिना खेल रही थी. युवा टीम और युवा कप्तान से किसी को बहुत उम्मीदें नही थी लेकिन भारत ने इतिहास रच दिया.