अंतर्राष्ट्रीय नर्स डे दुनियाभर में नर्सों के योगदान के सम्मान और जश्न मनाने के लिए एक खास दिन है। यह साल दुनियाभर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हर साल 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर मनाया जाता है। इस खास दिन को इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा चुना गया था और 1974 से आधिकारिक तौर पर हर साल नर्स डे 12 मई से मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की प्रेरणा ब्रिटिश नर्स और समाज सुधारक फ्लोरेंस नाइटिंगेल हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। साल 2022 की नर्स दिवस की थीम हैट- ””नर्स: ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड अदर राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ”।
क्यों 12 मई की तिथि को चुना गया ?
नर्स दिवस का दिन आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल को समर्पित है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने ही नोबेल नर्सिंग सेवा की शुरुआत की थी. फ्लोरेंस नाइटिंगेल एक ब्रिटिश महिला थीं, जिन्हें युद्ध में घायल व बीमार सैनिकों की सेवा में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया था. नाइटिंगेल लालटेन लेकर रात में भी अस्पताल में मरीजों का हाल देखने के लिए जाया करती थीं और उनकी हर संभव मदद करती थीं. फ्लोरेंस नाइटिंगेल को ‘लेडी विद् द लैंप’ के नाम से जाना जाता था. फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म 12 मई को हुआ था, इसलिए साल 1974 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने 12 मई को उनकी जयंती के दिन अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की. इंटरनेशनल नर्सेज डे का उद्देश्य दुनिया भर में नर्सों को सम्मानित कर उनके महत्व पर प्रकाश डालना है। जो आज के समय में यानी कोरोना काल के समय में इनके महत्व के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
क्या है महत्व इंटरनेशनल नर्सिंग डे का
विश्व के सभी हेल्थ वर्कर में आधे से ज्यादा योगदान नर्सों का है लेकिन तब भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनिया भर में नर्सों की बेहद कमी है, विशेष रूप से लो इनकम देशों और मिडिल इनकम वाले देशों में 5.9 मिलियन और नर्स की आवश्यकता है। इनका महत्व हमें कोरोना के दौरान और अधिक देखने को मिला जब पूरी दुनिया के लिए किसी भी धन से ज्यादा जरूरी हो गया था हेल्थ। इस त्रासदी के समय मेडिकल स्टाफ खासतौर पर डॉक्टरों और नर्सों ने अपनी चिंता छोड़ मानव जाति को बचाने में अपनी सारी शक्ति लगा दी। लेकिन डॉक्टर को तो हर कोई क्रेडिट देता है लेकिन नर्सों को अक्सर वो सम्मान और क्रेडिट नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए।
‘इंटरनेशनल नर्सेज डे’ नर्स को करें सम्मान
हमारे देश में ही बल्कि पूरी दुनिया में डॉक्टर और नर्स एक सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल पेशा है। हमें इनके पेशा और इनकी हिम्मत कोरोना काल में देख चुके हैं, कैसे अपने बारे में बिना सोचे लोगों की उस घड़ी में नर्सों ने सेवा किए थे, जब लोग एक दूसरे के पास आने से भी डरते थे।नर्सों के जरिए ही हॉस्पिटलों में मरीज की अच्छे से देखभाल होती है. एक नर्स ही होती है जिसके ऊपर मरीज के दवा, साफ-सफाई से लेकर उपचार तक पूरी जिम्मेदारी होती है. नर्स हर वक्त एक कठीन वातावरण में काम करती है. ऐसे में हम सभी को आज के दिन अपने आस-पास नर्स का सम्मान करना चाहिए. इंटरनेशनल नर्सेज डे 2022 अधिक महत्व रखता है। उनको किसी भी स्थिति में अपनी अमूल्य सेवाओं के लिए दुनिया भर की सभी नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
क्या है इस बार की थीम
आपको बता दें, हर साल इस दिन के लिए निर्धारित एक थीम रखा जाता है। नेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने ‘इंटरनेशनल नर्सिंग डे’ की थीम रखी है- Nurses: A Voice to Lead Invest in nursing and respect rights to secure global health. इस अर्थ है कि नर्सेस: नेतृत्व के लिए एक आवाज नर्सिंग में निवेश करें और ग्लोबल हेल्थ को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें.