क्या अमृतपाल सिंह सच में ISI एजेंट?

0
222

अमृतपाल सिंह को ISI एजेंट कहा जा रहा है! पाकिस्तान देश में आतंकवाद फैलाने का कोई मौका नहीं चूकना चाहता। जब कश्मीर में उसकी दाल नहीं गल रही तो अब उसने चुना है पंजाब को। पाकिस्तान ने अमृतपाल सिंह के जरिए पंजाब में चली है नई चाल। खबरे सामने आ रही हैं कि पंजाब पुलिस से भागते फिर रहे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के चीफ़ अमृतपाल सिंह के पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से सीधे संबंध हैं। या यूं कहें कि ISI के कहने पर ही पंजाब में दहशत फैलाने काम कर रहा है खालिस्तानी समर्थक अमृत पाल सिंह। आईएसआई पंजाब में अमृतपाल के जरिए किस मकसद को पूरा करना चाहती है ये हम आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले जान लीजिए पंजाब पुलिस की नाक में दम करने वाला और खुद को जरनैल सिंह भिंडरावाले का वारिस कहने वाला ये खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह है कौन। अमृतपाल सिंह अमृतसर के पास जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। गांव के स्कूल से 12वीं पास करने के बाद ये दुबई चला गया और वहां जाकर ट्रक चलाने लगा। करीब दस सालों तक ये दुबई में ही रहा और यहां ये आईएसआई के कुछ लोगों के संपर्क में आया।

2021 में देश में हुए किसान आंदोलन के दौरान ये दुबई छोड़कर वापस भारत आ गया और किसान आंदोलन में हिस्सा लेने लगा। दरअसल किसान आंदोलन के दौरान दीप सिंह सिद्धू का नाम सामने आया था। दीप सिंह ने दिल्ली के लालकिला में चढ़कर खालिस्तान का झंडा फहराया था। दीप सिंह ने ही ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन को तैयार किया, लेकिन कुछ समय बाद दीप सिंह की सड़क हादसे में मौत हो गई और फिर ‘वारिस पंजाब दे’ की कमान अमृतपाल सिंह ने ले ली। दीप सिंह की मौत के बाद से इसने ही इस संगठन में नए लोगों को जोड़ने का काम शुरू किया है। ये इंटरनेट के जरिए पंजाब के युवाओं से जुड़ता है और उन्हें अपने संगठन में आने के लिए कहता है। इसका मकसद एक है, ज्यादा से ज्यादा लोगों का ब्रेन वॉश करके देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करना। यहां तक शिवसेना के एक नेता की मौत में भी अमृतपाल का नाम सामने आया था और इसे कुछ समय के लिए नजरबंद भी किया गया था।

अपनी कट्टरपंथी बातों को लेकर ये अक्सर चर्चा में रहा। यहां तक कि इसने गृह मंत्री अमित शाह को धमकी तक दे डाली थी। पंजाब में कोहराम फैलााने वाले खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह ही खुद की छवि गढ़ने की कोशिश करने वाले अमृतपाल सिंह का मकसद है पंजाब में हालात बेकाबू करना। दरअसल जब दस सालों तक पंजाब का ये खालिस्तानी नेता यूएई में रहा तो इसके तार आईएसआई से जुड़ने लगे। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के दौरान जानबूझकर ये वापस भारत आया। आईएसआई पंजाब में धर्म के नाम पर नफरत का माहौल पैदा करना चाहती है और इस काम में उसका मोहरा बना है अमृतपाल सिंह। भिंडरावाले की छवि इसलिए तैयार की गई है कि ज्यादा से ज्यादा भोले-भाले लोगों को इस जाल में फंसाया जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल सिंह के संगठन को भी आईएसआई फंडिंग कर रही है।

इतना ही नहीं पंजाब के इस संगठन का प्लान सिर्फ राज्य तक ही सीमित नहीं है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की मदद से आईएसआई दिल्ली में हमले की योजना भी बना रही थी। आईएसआई पंजाब में धर्म के नाम पर नफरत का माहौल पैदा करना चाहती है और इस काम में उसका मोहरा बना है अमृतपाल सिंह। भिंडरावाले की छवि इसलिए तैयार की गई है कि ज्यादा से ज्यादा भोले-भाले लोगों को इस जाल में फंसाया जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल सिंह के संगठन को भी आईएसआई फंडिंग कर रही है।इस काम के लिए लगातार इस संगठन को भारी फंडिंग हो रही थी। संगठन के खातों की जांच की जा रही है, ये पता लगाया जा रहा है कि विदेशों में इसमें कितना पैसा आया है।

पंजाब पुलिस को जब खुफिया एजेंसी से ये जानकारी हाथ लगी तो अमृतपाल सिंह और वारिस पंजाब दे संगठन के दूसरे लोगों को गिरफ्तार करने का फैसला लिया गया पुलिस ने अब तक इस संगठन के 78 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अमृतपाल सिंह फिलहाल भागने में कामयाब हो गया है। पंजाब पुलिस जल्द से जल्द इस कट्टरपंथी नेता को गिरफ्तार करना चाहती है ताकि आईएसआई के नापाक मंसूबों पर पानी फेरा जा सके।