वर्तमान में बीजेपी शाही घरानों के जरिए राजनीतिक खेल रही है !लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज है। बीजेपी समेत सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं। बीजेपी इस बार 400 से ज्यादा सीटों पर जीत का दावा कर रही है। बीजेपी ने इस टारगेट को पूरा करने के लिए जीतोड़ मेहनत शुरू कर दी है। बीजेपी एक सटीक रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। उसी के तहत बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में पूर्व शाही परिवारों के 10 से अधिक वंशजों को चुनावी मैदान में उतारा है। शाही परिवारों को चुनावी मैदान में उतारने के साथ ही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी अक्सर समाजवादी पार्टी, राजद, द्रमुक और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाती है, लेकिन खुद ही राजघरानों के सहारे चुनावी रण जीतने का प्रयास कर रही है। दरअसल बीजेपी ने उन सीटों पर राजघरानों के वारिसों को उतारा है जहां उसका प्रभाव कम है। आगामी लोकसभा चुनावों में, 10 से अधिक शाही वंशज बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से कुछ राजनीति में नए हैं। इस कदम का उद्देश्य पूर्व शाही परिवारों से जुड़े मतदाताओं को आकर्षित करना है। ओडिशा में बीजेपी ने राजघरानों से संबंध रखने वाले दो लोगों को अपना प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने पटनागढ़-बोलांगीर से लोकसभा सीट संगीता कुमारी सिंह और कालाहांडी लोकसभा सीट से मालविका केशरी देव को टिकट दिया है। संगीता की शादी कनकवर्धन सिंह देव से हुई है। उनका परिवार लंबे समय से सियासत से जुड़ा हुआ है। कनकवर्धन के दादा राजेंद्र नारायण सिंह देव स्वतंत्रता पार्टी के सदस्य थे। वह 1967 में एंटी कांग्रेस वेव के दौरान राज्य के सीएम बने। संगीता बोलांगीर से बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं। दूसरी तरफ मालविका के पति अर्का केशरी देव पहले बीजद में थे। इन दोनों ने सितंबर 2013 में बीजेपी की सदस्यता ली। अर्का कालाहांडी रियासत के प्रमुख प्रताप केशरी देव के पोते हैं। वह साल 2014 में कालाहांडी से चुनाव जीत चुके हैं। इससे पहले 1957, 1962, 1967 और 1971 में प्रताप केशरी इस सीट से स्वतंत्रता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए। वह 1977 में निर्दलीय चुनाव जीते थे।
राजस्थान में बीजेपी ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वह झालावार-बारा लोकसभा सीट से चार बार के सांसद हैं। वसुंधरा सिंधिया राजघराने से संबंध रखती हैं। राजस्थान में बीजेपी ने राजसामंद सीट से मेवाड़ राजघराने की महिमा को टिकट दिया है। महिमा के पति विश्वराज सिंह नाथद्वारा से विधायक हैं। राजसामंद से पहले दिया कुमारी सांसद थीं। अब वह राजस्थान की डिप्टी सीएम हैं। एमपी में बीजेपी ने गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया है। पंजाब में पटियाला से परनीत कौर को उतारा गया है। वह पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। परनीत 1999 से 2014 तक कांग्रेस के टिकट पर पटियाला से सांसद थी।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने कृष्णानगर लोकसभा सीट से राजमाता अमृता रॉय को टिकट दिया है। उनके सामने टीएमसी की महुआ मोइत्रा हैं। कर्नाटक में बीजेपी में मैसूरु लोकसभा सीट पर प्रताप सिम्हा की जगह यदूवीर कृष्णदत्त चामराजा वडियार को टिकट दिया है। वह मैसूर राजपरिवार से संबंध रखते हैं। उत्तराखंड की टिहरी गढ़वाल सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद और पूर्ववर्ती टेहरी-गढ़वाल साम्राज्य की रानी माला राज्य लक्ष्मी शाह (73 वर्ष) को टिकट दिया है। उनका परिवार लंबे समय से सियासत से जुड़ा हुआ है। कनकवर्धन के दादा राजेंद्र नारायण सिंह देव स्वतंत्रता पार्टी के सदस्य थे। वह 1967 में एंटी कांग्रेस वेव के दौरान राज्य के सीएम बने। संगीता बोलांगीर से बीजेपी के मौजूदा सांसद हैं। दूसरी तरफ मालविका के पति अर्का केशरी देव पहले बीजद में थे। इन दोनों ने सितंबर 2013 में बीजेपी की सदस्यता ली।उनका जन्म काठमांडू में हुआ था और उन्होंने 1975 में टेहरी-गढ़वाल के महाराजा मनुजेंद्र शाह साहिब बहादुर से शादी की थी।
नॉर्थ ईस्ट के राज्य त्रिपुरा में ईस्ट त्रिपुरा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने महारानी कीर्ति सिंह देबबर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। इन दोनों ने सितंबर 2013 में बीजेपी की सदस्यता ली।उनका जन्म काठमांडू में हुआ था और उन्होंने 1975 में टेहरी-गढ़वाल के महाराजा मनुजेंद्र शाह साहिब बहादुर से शादी की थी।वह त्रिपुरा के माणिक्य वंश से संबंध रखती हैं और उनकी शादी छत्तीसगढ़ के कवर्धा के राजपरिवार में हुई है। उनके पति योगेश्वर राज सिंह कांग्रेस में रह चुके हैं। वह टिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रद्योत किशोर मनिया देबबर्मा की बहन हैं।