क्या देश में फिर दस्तक दे रहा है कोरोना?

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कोरोना फिर से देश में दस्तक दे रहा है! देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर एक बार तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार को कोविड-19 के 3,824 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर अब 18 हजार के पार पहुंच चुकी है।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आकंड़ों के अनुसार, देश में रविवार को 184 दिनों में कोरोना संक्रमण की एक दिन में बड़ी उछाल दर्ज की गई। देश में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर अब 18,389 हो गई है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,824 नए मामले सामने आए हैं। ये मामले पिछले छह महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा हैं।

ताजा संक्रमण के मामलों के साथ भारत का कोविड-19 टैली बढ़कर 4.47 करोड़ (4,47,22,605) पर पहुंच गया है। सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों में पांच मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,881 हो गई है। 24 घंटे के अंतराल में दिल्ली, हरियाणा, केरल और राजस्थान से एक-एक मौत की सूचना मिली है और एक की केरल द्वारा पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 रिकवरी दर 98.77 प्रतिशत दर्ज की गई। दैनिक सकारात्मकता दर 2.87 प्रतिशत और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.24 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4,41,73,335 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीके की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।

मार्च में कोरोना ने काफी तेज रफ्तार पकड़ ली। पिछले चार दिनों से लगातार देश में तीन हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 रिकवरी दर 98.77 प्रतिशत दर्ज की गई। दैनिक सकारात्मकता दर 2.87 प्रतिशत और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.24 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4,41,73,335 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीके की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है।आंकड़े बताते हैं कि मार्च के महीने में देश में संक्रमण के कारण मृत्यु के आंकड़ों में 114 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।

कोरोना मामलों के विशेषज्ञ कहते हैं, देश में कोरोना के इस बढ़ते संक्रमण के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.16 को कारण माना जा रहा है।स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 रिकवरी दर 98.77 प्रतिशत दर्ज की गई। दैनिक सकारात्मकता दर 2.87 प्रतिशत और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.24 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4,41,73,335 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीके की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। इसमें देखे गए म्यूटेशन इसे अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट्स से अधिक संक्रामकता वाला बनाते हैं। हालांकि इससे उन लोगों में गंभीर रोग विकसित होने का खतरा भी हो सकता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या फिर जो कोमोरबिडिटी का शिकार हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के इन नए वैरिएंट्स के कारण गंभीर रोगों का खतरा कम देखा जा रहा है। वैक्सीनेशन की दर ने इस तरह के जोखिम को कम कर दिया है। पर कोरोना वायरस श्वसन रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण लॉन्ग कोविड संक्रमण का खतरा बना हुआ है।स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 रिकवरी दर 98.77 प्रतिशत दर्ज की गई। दैनिक सकारात्मकता दर 2.87 प्रतिशत और साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2.24 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 4,41,73,335 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीके की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। ऐसे में कुछ लोगों में संक्रमण की स्थिति गंभीर रोग को बढ़ावा दे सकती है। बुजुर्ग, कॉमरेडिटी वाले लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की स्थिति का शिशु की सेहत पर असर पड़ने के भी प्रमाण मिले हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना न सिर्फ आपको, मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 टीके की 220.66 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। ऐसे में कुछ लोगों में संक्रमण की स्थिति गंभीर रोग को बढ़ावा दे सकती है। बुजुर्ग, कॉमरेडिटी वाले लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की स्थिति का शिशु की सेहत पर असर पड़ने के भी प्रमाण मिले हैं।बल्कि कोरोना के गंभीर रोगों के खतरे वाले लोगों को भी संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकता है। इसके लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।