क्या मोदी सरकार में सब कुछ बदलने वाला है?

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हाल ही में मोदी सरकार अपनी कैबिनेट में बदलाव करने वाले हैं! 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के स्तर पर काफी कुछ बदल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को मंत्रिपरिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। इस बीच अटकलें जोरों पर हैं कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया जा सकता है। भाजपा संगठन में बदलाव भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी कौन सा बड़ा फैसला लेने वाले हैं। 2024 के आम चुनाव में जाने से पहले भाजपा, एनडीए और सरकार के स्तर पर अहम बदलाव के अपने मायने हैं। कई राज्यों में चुनाव भी होने हैं और कुछ राज्यों से सरकार में प्रतिनिधित्व ज्यादा तो कुछ से कम है। ऐसे में क्या यह सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी फेरबदल करने जा रही है? प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और RSS के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ 6 घंटे तक बैठक की है। इसके बाद 3 जुलाई की मीटिंग के बारे में जानकारी सामने आई। यह घटनाक्रम पहले के ऐसे ही सिक्वेंस की याद दिलाता है जब गहन विचार-विमर्श के बाद सरकार में बदलाव देखे गए थे। कुछ वैसा ही इस बार भी होने की संभावना जताई जा रही है।

बदलाव की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि अनुमान लगाए गए हैं कि लीडरशिप 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और संगठन का पुनर्गठन चाहता है।  2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा लीडरशिप ने रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक समीकरणों को कसौटी पर कसा जा रहा है। यह काम ऐसे समय पर किया जा रहा है जब विपक्षी दल एकजुटता का फ्रंट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

पार्टी के एक सूत्र ने बताया है कि कुछ दिनों के अंतराल के बाद पीएम अपने मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ बैठक करने वाले हैं। ऐसे में आप इसके उद्देश्य को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते हैं। उधर, मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि कई राज्य मंत्री भी बदले जा सकते हैं। एक कैबिनेट मंत्री को वापस संगठन में भेजा जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव होने पर पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व कम होने के आसार हैं। चुनावी राज्यों खासकर छत्तीसगढ़ के सांसद को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

हाल में पीएम मोदी ने बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए के पुनर्गठन पर काफी जोर दिया था।मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि कई राज्य मंत्री भी बदले जा सकते हैं। एक कैबिनेट मंत्री को वापस संगठन में भेजा जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव होने पर पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व कम होने के आसार हैं। चुनावी राज्यों खासकर छत्तीसगढ़ के सांसद को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में पार्टी तमाम विकल्पों पर काम कर रही है। पुराने सहयोगियों को न्योता दिया जा रहा है जिसमें तेलुगु देशम पार्टी , शिरोमणि अकाली दल और यूपी-बिहार की स्थानीय राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि इन पार्टियों के वापस एनडीए में आने को लेकर भी कैबिनेट में बदलाव हो सकता है। वैसे भी यह इस सरकार का आखिरी फेरबदल होगा। इसी साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख राज्यों में चुनाव होने हैं। इसके बाद अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। संभावना यह भी है कि चिराग पासवान को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्रालयों में शिवसेना शिंदे पार्टी का भी अभी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में इस पर भी बात बन सकती है। इधर, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे दिल्ली में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलने वाले हैं।तीन जुलाई की पीएम की बैठक प्रगति मैदान में नए बने कन्वेंशन सेंटर में होने की संभावना है। यहां सितंबर में जी20 शिखर बैठक का आयोजन किया जाएगा। वैसे, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल को लेकर काफी समय से अटकलें लगाई जा रही हैं।

मॉनसून सत्र से ठीक पहले की यह कवायद महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में गृह मंत्री अमित शाह,मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि कई राज्य मंत्री भी बदले जा सकते हैं। एक कैबिनेट मंत्री को वापस संगठन में भेजा जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव होने पर पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व कम होने के आसार हैं। चुनावी राज्यों खासकर छत्तीसगढ़ के सांसद को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष नड्डा और भाजपा महासचिव संगठन बी. एल. संतोष ने संगठन और राजनीतिक मुद्दों पर कई दौर की बैठकें की हैं। भाजपा को लोकसभा चुनाव के साथ-साथ राज्यों के चुनाव की भी तैयारी करनी है।