वर्तमान में गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा खतरे में है! लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। एक के बाद एक इस गैंग के गैंगस्टर्स को पकड़ा जा रहा है। अब बिश्नोई गैंग के कुल 17 गैंगस्टर्स के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल कर ली है। एनआईए की इस हिट लिस्ट में सबसे खतरनाक नाम है लखबीर सिंह लांडा। लांडा के पाकिस्तान से सीधे-सीधे कनेक्शन सामने आए हैं। कौन है ये गैंगस्टर। कैसे ये बिश्नोई गैंग से जुड़ा? क्या है इसका पाकिस्तान से रिश्ता? लखबीर सिंह लांडा पंजाब का रहने वाला है। तरनतारन में इसका घर था, लेकिन साल 2017 में ये कनाडा फरार हो गया था। साल 2011 से ही इसने पंजाब में जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया था। कॉन्ट्रेक्ट किलिंग, किडनैपिंग, हथियार सप्लाई और ड्रग्स सप्लाई के 20 से ज्यादा केस इसपर दर्ज थे। पुलिस को इसकी तलाश थी, लेकिन फिर ये कनाडा फरार हो गया और वहीं से अपने गैंग को मजबूत करने लगा। ये लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करने लगा।
दरअसल लांडा के आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा से अच्छे संबंध हैं। दोनों तरनतारन के ही रहने वाले हैं और रिंडा के कहने पर ही लांडा कनाडा फरार हुआ था। कनाडा में उसने खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ संपर्क किया। इसके अलावा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस से भी इसके लिंक सामने आए हैं। ISI की मदद से ही ये बिश्नोई गैंग के लिए पाकिस्तान से हथियार सप्लाई करवाता है।
साल 2022 में मोहाली में पुलिस हेडक्वार्टर में हुए हमले में भी लखबीर सिंह लांडा का ही हाथ था। पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर 9 मई की शाम करीब पौने 8 बजे एक रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था। ये धमाका काफी तेज था, बिल्डिंग के पूरे शीशे टूट गए थे। बाद में जब जांच शुरू हुई तो CCTV कैमरों से पता चला कि हेडक्वार्टर के पास से एक कार जाती देखी गई थी। उसी कार से कुछ लड़कों ने हेडक्वार्टर पर लॉन्चर से रॉकेट दागा था। इस मामले की छानबीन के बाद पता चला कि इस हमले का मास्टर माइंड कनाडा में बैठा लांडा ही है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर ये धमाका किया गया था।
साल 2022 नवंबर में शिवसेना के नेता सुधीर सूरी की अमृतसर में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी भी लखबीर सिंह लांडा ने ही ली। लांडा ने कनाडा से ही एक ईमेल करके लिखा कि ये हत्या उसके भाइयों ने ही की है। दरअसल पंजाब में लखबीर सिंह लांडा ने अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा किया हुआ है। प्रीत सिंह शेखों नाम का गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा के कहने पर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और दूसरे अपराधों को अंजाम देता है।
अब एनआईए ने इस गैंगस्टर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। और जल्द इसकी कनाडा में गिरफ्तारी को लेकर कदम उठाए जा सकते हैं। एनआई ने कुल 38 गैंगस्टर्स के खिलाफ चार्जशीट दायर की है जिनमें 17 लॉरेंस बिश्नोई गैंग के हैं जबकि 21 बंबीहा गैंग से हैं। अब देखना ये है कि विदेशों से दहशत फैला रहे ये गैंगस्टर कब भारत लाए जाते हैं।
यहि नहीं आपको बता दें कि अमृतसर में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ के बाद दो गैंगस्टर पकड़े गए. ये एनकाउंटर एक ढाबे पर हुआ है. कनाडा बेस्ड गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा के इशारे पर काम करते हैं दोनों गैंगस्टर. स्पेशल सेल ने राजन भट्टी और छीना को पकड़ लिया है. बता दें, फायरिंग में दिल्ली पुलिस का एक सिपाही जख्मी भी हो गया है! गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस ने कनाडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा के दो कथित सहयोगियों को पंजाब से गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह दावा किया. अधिकारियों के मुताबिक लखबीर सिंह लांडा के दोनों सहयोगियों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर निवासी राजन भट्टी और फिरोजपुर निवासी कंवलजीत सिंह उर्फ चिन्ना के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के उपायुक्त मनीषी चंद्रा ने कहा कि खालिस्तानी आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने भट्टी को गिरफ्तार किया है. वह पंजाब के वांछित गैंगस्टरों में से एक है और एक अन्य भगोड़े अपराधी लांडा हरिके का करीबी सहयोगी है!
भट्टी 15 से अधिक मामलों में शामिल था और पंजाब के मोहाली में दर्ज एक मामले में वांछित था. पुलिस ने बताया कि लखबीर सिंह लांडा और हरविंदर सिंह रिंडा के निर्देश पर पंजाब में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और लोगों को निशाना बनाकर हत्या करने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस उपायुक्त चंद्रा ने कहा कि भट्टी द्वारा किए गए खुलासों और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर कंवलजीत सिंह को पंजाब पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में भी गिरफ्तार किया गया था!
भट्टी पंजाब में ड्रोन के माध्यम से मादक पदार्थ और आग्नेयास्त्र प्राप्त करने और भेजने के लिए कंवलजीत को निर्देश दे रहा था. चंद्रा ने कहा कि लांडा हरिके ने भट्टी और कंवलजीत को पंजाब में दो लक्ष्यों को पूरा करने का भी निर्देश दिया था. कंवलजीत को एक साथी के साथ अमृतसर के एक होटल में घेर लिया गया था. छापेमारी के लिए संयुक्त टीम गठित की गई है. अधिकारियों ने बताया कि घेरे जाने के बाद दोनों संदिग्धों ने पुलिस दल पर गोलियां चलाईं और भागने की कोशिश की. कुछ देर चली मुठभेड़ में कांस्टेबल योगेश घायल हो गया. हालांकि कंवलजीत को पकड़ लिया गया, लेकिन उसका साथी भागने में सफल रहा!