क्या देश में नेपाल के जरिए हो रही है अवैध घुसपैठ?

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हाल ही में देश में नेपाल के जरिए अवैध घुसपैठ हो रही है! नेपाल के भारत का मित्र देश होने और बिना फेंसिंग के बॉर्डर होने का पूरा फायदा पड़ोसी पाकिस्तान और चीन उठाते हैं। भारत में घुसपैठ करने के लिए नेपाल को अपना जरिया बनाकर ये पड़ोसी मुल्क यहां अपने लोगों को भेजते हैं और गैरकानूनी गतिविधियां कराते हैं। हाल ही में सामने आए मामले में PUBG गेम खेलने के दौरान एक इंडियन से प्यार होने के बाद पाकिस्तानी महिला नेपाल के जरिए भारत पहुंच गई। यहां पर उसने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सचिन के साथ घर बसाने का सपना देख लिया और अपने साथ अपने बच्चों को भी लेकर आ गई। न कोई वैलिड डॉक्यूमेंट न ही वीजा और महिला आराम से बीते 50 दिनों से अपने भारतीय प्रेमी के साथ किराये पर कमरा लेकर रह रही थी। उसके पकड़े जाने के बाद जब पुलिस को उसके आने का रूट पता चला तो नोएडा पुलिस ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा और मंत्रालय को भी पत्र लिखकर नेपाल के रास्ते से आने वाले एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा कड़ी करने की गुहार लगाई। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस ने कई चीनी नागरिकों को नेपाल के जरिए भारत में एंट्री कर यहां अवैध तरीके से रहने के बाद पकड़ा है।

बीते 6 जुलाई को नेपाल के रास्ते भारत आकर ग्रेटर नोएडा में रह रहे चीन के दो नागरिकों- डेंग चोंकों और मैग हाउजे को स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ ने गुरुवार देर शाम गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से फर्जी आधार और पैन कार्ड बरामद किया गया है। दस दिन पहले एसटीएफ ने दो ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जो चीन के नागरिकों का भारतीय पासपोर्ट बनवाते थे।

मैग हाउजे उन्हीं आरोपियों का साथी है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि बैग हाउजे ओप्पो फैक्ट्री में नौकरी करता था। अक्टूबर 2022 में पुलिस ने उसको बिना वीजा के पकड़ा था। उसको उसके देश चीन वापस डिपोर्ट कर दिया गया था। चीन पहुंचने के बाद वह टूरिस्ट वीजा पर नेपाल आया। वहां से बस में सवार होकर महाराजगंज बार्डर के रास्ते वह फिर से ग्रेटर नोएडा आ गया और यहां अवैध रूप से रहने लगा। जांच में पता चला है कि आरोपी ने खुद के आदि शर्मा नाम का फर्जी आधार कार्ड बना लिया था। ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 2 थाना बीटा-2 विला नं.0-23 ग्रीन बुड फेस में रह रहा था।

आशंका है कि उसने चीन के कई अन्य लोगों का भी फर्जी दस्तावेज तैयार किया है। दोनो की वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है, जिनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए डिटेन्शन सैन्टर आर.के. पुरम नई दिल्ली भेजा गया। उसको उसके देश चीन वापस डिपोर्ट कर दिया गया था। चीन पहुंचने के बाद वह टूरिस्ट वीजा पर नेपाल आया। वहां से बस में सवार होकर महाराजगंज बार्डर के रास्ते वह फिर से ग्रेटर नोएडा आ गया और यहां अवैध रूप से रहने लगा। जांच में पता चला है कि आरोपी ने खुद के आदि शर्मा नाम का फर्जी आधार कार्ड बना लिया था। ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 2 थाना बीटा-2 विला नं.0-23 ग्रीन बुड फेस में रह रहा था।पाकिस्तान और चीन से अवैध रूप से भारत आने वाले लोगों के लिए नेपाल सेफ पैसेज बनता जा रहा है। चाइनीज नागरिक नेपाल के जरिए भारत आने को सबसे आसान और सेफ पैसेज मानते हैं। कुछ दिनों पहले ही बॉर्डर पर चीनी नागरिकों को वापस जाते समय एसएसबी के जवानों ने गिरफ्तार कर लिया था। वे बिना वीजा के 18 दिनों तक दिल्ली- एनसीआर में घूमते रहे।भारत और नेपाल के बीच मैत्री संबंध होने के चलते और सबसे बड़ी बात है कि कोई भी फेंसिंग इन के बॉर्डर के बीच में नहीं की गई है जिसके चलते लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं और खासतौर से जो विदेशी घुसपैठिए हैं उनके लिए एक आसान रास्ता बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर चेकिंग होती है लेकिन कई बार यह घुसपैठिए वहां से सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर भारत में प्रवेश कर जाते हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान का बॉर्डर भारत से सटा हुआ है वह इंच बाय इंच पैरामिलिट्री और आर्मी के निगरानी में रहता है इसीलिए वहां से इस तरीके की गतिविधियां कर पाना आसान नहीं है।