क्या वर्ल्ड बैंक लिस्ट में भारत है अब भी पीछे?

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वर्ल्ड बैंक लिस्ट में भारत अब भी पीछे ही है! भारत दुनिया के उन देशों में है जो कम मध्यम आय समूह में आते हैं। वर्ल्ड बैंक की जून 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, भारत चार आय वर्ग में से ऊपर से तीसरे और नीचे से दूसरे स्थान पर है। विश्व बैंक दुनिया के देशों को चार आय समूहों में रखता है- कम आय, निम्न मध्यम आय, उच्च मध्यम आय और उच्च आय। क्या आप जानना चाहेंगे हमारे पड़ोसी देश चीन, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, म्यांमार किस आय समूह में आते हैं? खैर, ये जान लीजिए कि मालदीव इनकम ग्रुप के मामले में हमसे ऊपर है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 1980 के दशक के अंत से आय वर्गीकरण के लिहाज से देशों की स्थिति में काफी बदलाव आया है। 1987 में रिपोर्ट करने वाले 30% देशों को कम आय वाले समूह में रखा गया था जबकि 2022 में केवल 12% इस श्रेणी में आए। यह गिरावट दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग है, उप-सहारा अफ्रीकी क्षेत्र में कम आय वाले देशों का अनुपात 2022 में 74% से गिरकर 46% हो गया है। वहीं, पूर्वी एशिया प्रशांत में 26% से घटकर 3% और दक्षिण एशिया 100% से घटकर 13% हो गया है क्योंकि अर्थव्यवस्थाएं इस अवधि के दौरान उच्च श्रेणियों में चली गई हैं।

कोविड-19 महामारी से उबरने के साथ 2022 में आय समूह बदलने वाले देशों में लगभग सभी हाई लेवल इनकम ग्रुप में चले गए। प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के पैमाने पर लगभग 80% देशों ने 2022 में महामारी पूर्व की अवधि 2019 की तुलना में सुधार दिखाया। बीते वर्ष गुयाना और अमेरिकी समोआ दोनों उच्च-मध्यम से उच्च आय वर्ग में जा रहे हैं। गुयाना के प्रति व्यक्ति जीएनआई में बड़ी वृद्धि तेल और गैस उत्पादन की बढ़ती मात्रा के कारण है, जो 2022 में दोगुनी से अधिक हो गई है। 2021 में अल साल्वाडोर, इंडोनेशिया और वेस्ट बैंक एवं गाजा का जीएनआई ऊपरी मध्य आय सीमा के बहुत करीब था, इसलिए 2022 में मामूली जीडीपी ग्रोथ इन अर्थव्यवस्थाओं को इस श्रेणी में लाने के लिए पर्याप्त थी। साल्वाडोर की अर्थव्यवस्था में 2.6% रीयल जीडीपी वृद्धि देखी गई, जबकि इंडोनेशिया ने महामारी के बाद अपनी मजबूत सुधार जारी रखा और वास्तविक जीडीपी में 5.3% की वृद्धि हुई। 2021 में महामारी के बाद की मजबूत वृद्धि 7.9% के बाद 2022 में 3.9% की वृद्धि के दम पर वेस्ट बैंक और गाजा हाई मिडल इनकम ग्रुप में आ गया। पिछले वर्ष 2023 में गिनी और जाम्बिया निम्न आय से निम्न मध्यम आय वर्ग में चले गए। पिछले वर्ष जॉर्डन एकमात्र ऐसा देश रहा, जो आय समूह वाले वर्गीकरण में नीचे खिसक गया। ध्यान रहे कि ये वर्गीकरण हर साल 1 जुलाई को पिछले कैलेंडर वर्ष के प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय जीएनआई के आधार पर अपडेट किए जाते हैं। जीएनआई को अमेरिकी डॉलर में दर्शाया जाता है। वर्ल्ड बैंक का आय वर्गीकरण का उद्देश्य किसी देश के विकास के स्तर को दर्शाना है।

बता दे कि विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि दर के अनुमान को 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है और कहा है कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल की पृष्ठभूमि में देश ने अपने प्रदर्शन में लचीलापन दिखाना जारी रखा है। विश्व बैंक ने अप्रैल की अपनी रिपोर्ट में 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 6.6 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था। विश्व बैंक की मंगलवार को जारी ताजा भारत विकास अद्यतन आईडीयू के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान की प्रमुख छमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की दर से सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा।विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “भारत की वृद्धि दर जी-20 देशों में दूसरी सबसे अधिक और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के औसत से लगभग दोगुनी है। यह लचीलापन मजबूत घरेलू मांग, मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निवेश और मजबूत वित्तीय क्षेत्र से प्रेरित था।जुलाई को पिछले कैलेंडर वर्ष के प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय जीएनआई के आधार पर अपडेट किए जाते हैं। जीएनआई को अमेरिकी डॉलर में दर्शाया जाता है। वर्ल्ड बैंक का आय वर्गीकरण का उद्देश्य किसी देश के विकास के स्तर को दर्शाना है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का बैंक ऋण 15.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें 13.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधि 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मजबूत रहने की उम्मीद है और निवेश वृद्धि भी 8.9 प्रतिशत पर मजबूत रहने का अनुमान है।