क्या रूस यूक्रेन वार में हो रही है भारतीयों की तस्करी?

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वर्तमान में रूस यूक्रेन वार में भारतीयों की तस्करी हो रही है! रूस में नौकरी दिलाने के नाम पर भारतीयों की अवैध तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने देश में भारतीयों की अवैध तस्करी में शामिल एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है और एक साथ देश के सात शहरों में दस से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई। ये छापे इस तस्करी के कारोबार में शामिल एजेंटों और कंपनियों पर किए गए थे। जिन शहरों में छापेमारी हुई उनमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, अंबाला, चंडीगढ़ और मदुरै शामिल हैं। सीबीआई जांच में दुबई के रहने वाले फैसल खान नाम के एक शख्स की संलिप्तता का पता चला है। बताया जा रहा कि आरोपी को बाबा के नाम से भी जाना जाता है। फैसल खान बाबा व्लॉग्स नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता है। ये एक्शन तब हो रहा जब यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए बहला-फुसलाकर ले जाए गए हैदराबाद के एक व्यक्ति की रूस में दुखद मौत हो गई। इसके अतिरिक्त, पंजाब और हरियाणा के सात लोग जो शुरू में पर्यटकों के रूप में रूस गए थे, उन्हें धोखे से यूक्रेन जंग में हिस्सा लेने के लिए भेज दिया गया था।

जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद के 30 वर्षीय युवक मोहम्मद अफसान को धोखे से रूस-यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेजा गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। इस शख्स के मारे जाने के एक दिन बाद ही सीबीआई ने जांच तेज कर दिया है। जिसमें वीजा एजेंट्स के छापेमारी की गई। बताया जा रहा कि मोहम्मद अफसान को कथित तौर पर रूसी सेना में शामिल होने के लिए धोखे से भेजा गया और फिर यूक्रेन के साथ वॉर जोन भेज दिया गया। यह सूचना सामने आने के एक दिन बाद कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग में धोखे से हैदराबाद गए एक व्यक्ति की मौत हो गई। सीबीआई ने गुरुवार को एक मामला दर्ज किया। इसी के बाद देश में भारतीयों की तस्करी में शामिल एजेंटों और फर्मों पर सात शहरों में छापेमारी शुरू कर दी। ऐसा माना जाता है कि लगभग दो दर्जन भारतीयों को ज्यादा सैलरी वाली नौकरी पाने के बहाने धोखा देकर रूस में युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। उधर, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध क्षेत्र में फंसे 20 भारतीयों के एक ग्रुप ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इस संबंध मे एक मैसेज भेजा गया है।

भारत के हैदराबाद शहर के रहने वाले 30 साल के असफान की रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई ह। असफान को सिक्योरिटी हेल्पर की नौकरी बताते हुए रूसी सेना में शामिल किया गया था लेकिन धोखा देते हुए उसे यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में भेज दिया गया। यूक्रेन के एक हमले में उसकी मौत हो गई। मोहम्मद असफान के हाल हीं मे ये बताया था कि एजेंट झूठ बोलकर उसको ले गया है और रूसी सेना में भर्ती करा दिया है। परिवार ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी से मदद की अपील भी की थी। ओवैसी ने इसके बाद मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर असफान के बारे में जानकारी चाही तो अधिकारियों ने युद्ध क्षेत्र में उसकी मौत की पुष्टि की।

रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भारतीय की ये पहली मौत नहीं है। फरवरी के आखिर में रूस में एक भारतीय की मौत हुई थी। 23 साल का ये युवक गुजरात का रहने वाला था और सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में शामिल हुआ था। हमले से बचकर निकले एक अन्य भारतीय कर्मचारी ने बताया कि 21 फरवरी को यूक्रेनी हवाई हमले में रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त किया गया गुजरात का 23 वर्षीय व्यक्ति मारा गया। उसको रूस-यूक्रेन सीमा पर डोनेट्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया था। उसको फायरिंग करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी, उसी समय मिसाइल से हमला हुआ। इस हमले में युवक की जान चली गई।

विदेश मंत्रालय ने भी स्वीकार किया कि कुछ युवाओं को रूसी सेना में शामिल किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इस बात को स्वीकारा था कि कुछ भारतीयों को कुछ एजेंटों के जरिए रूसी सेना में भर्ती किया गया। इनको बाद में रूस-यूक्रेन युद्ध में उतार दिया गया। ये डील के खिलाफ था क्योंकि भारतीय नागरिकों को रूसी सेना के साथ सहायक नौकरियों के लिए बुलाया गया था। रूस में जाकर फंसे भारतीय युवाओं के परिवार लगातार भारत सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं। इन परिवारों की केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से मांग है कि रूस में फंसे को वापस लाया जाए और धोखे से इनको भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई हो। परिवारों के मुताबिक इन एजेंटों ने युवाओं सेना के सहायक के रूप में नौकरी मिलने की बात की थी, जिसका लड़ाई से कोई संबंध नहीं होगा। रूस पहुंचने के बाद इनको सेना में शामिल कर लड़ने के लिए भेजा जा रहा है।