वर्तमान में होटल डील में लूट बढ़ रही है! जगन्नाथ पुरी में दर्शनों के लिए देशभर से लोग आते हैं और होटल्स की काफी डिमांड है, लेकिन अब यहां से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। 100 लोगों को एक होटल की डील दी गई। एक ही होटल के लिए अलग-अलग जगह से करीब 100 लोगों ने बुकिंग करवाई, लेकिन जब वो यहां आए तो पता चला कि वो होटल यहां है ही नहीं। किसी ने 3 दिन के लिए रूम बुक करवाए थे, किसी ने 4 दिन के लिए। पेमेंट हो चुकी थी, लेकिन होटल हो तब तो रुके। दरअसल इन लोगों ने ऑनलाइन डील ली थी। स्टील डील के नाम से इन्हें सस्ती डील प्रोवाइड की गई, लेकिन उसका नतीजा इतना खतरनाक होगा ये कोई सोच भी नहीं सकता था। जो पैसे गए वो तो गए ही, साथ ही यहां आकर नया होटल खोजना एक बड़ा काम था। खैर इस मामले में जांच चल रही है, लेकिन आप होटल बुक करवाने से पहले ये पांच बातें ध्यान में जरूर रखिए ताकि आपको भी इन 100 लोगों की तरह न रोना पड़े। किसी भी डील को वेंडर से लेने से पहले उस होटल के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी कर लें। होटल की वेबसाइट जरूर चेक कर लें। कई बार होटल की नकली वेबसाइट भ बनी रहती है इसलिए वेबसाइट को ध्यान से पढ़ें। उसमें लोगों को रिव्यूज जरूर देखें। अगर आपको वेबसाइट पर थोड़ा भी शक हो रहा है तो बुकिंग न करवाएं।
आप किससे बुकिंग करवा रहे हैं ये काफी ज्यादा मैटर करता है। बड़ी वेबसाइट जैसे यात्रा डॉट कॉम, मेक माइ ट्रिप, थॉमस कुक जैसे वैंडर्स बुकिंग करवाने पर धोखे की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं। ये खुद उन होटल्स को चेक करते हैं जिनकी डील ये कस्टमर को देते हैं, जबकि छोटी वेबसाइट्स ऐसा नहीं करती और कई बार उन्हें भी पता नहीं होता कि वो गलत डील दे रहे हैं।
जब भी आप होटल की डील करें ये ध्यान रखें कि वो डील मार्केट रेट से बहुत ज्यादा अलग न हो। कई बार सस्ती डील देकर लोगों को लुभाने की कोशिश की जाती है। आखिर में ऐसी डील किसी साजिश का हिस्सा होती हैं। स्टील डील के नाम ये चेक कर लें कि कोई आपको ठग न रहा हो। बड़ी वेबसाइट ऐसी डील देती हैं तो वो बल्क में डील खरीदती हैं, लेकिन छोटी वेबसाइट्स के लिए ये आसान नहीं होता और ये ठगने का एक तरीका होता है। जिस होटल की डील आप ले रहे हैं उस होटल का फोन नंबर जरूर लें। इंटरनेट पर भी होटल के फोन नंबर मौजूद होते हैं। आप फोन करके चेक करें कि वो होटल सही है। जो डील आपको दी जा रही है वो वाकई में है या नहीं। इससे ये बात भी क्लीयर हो जाएगी कि वो होटल मौजूद भी हैं कि नहीं। जैसा पुरी वाले केस में हुआ। होटल ही नहीं था, लेकिन डील दे दी गई।
एसएसएल यानी Secure Sockets Layer। जब आप किसी डील के लिए पेमेंट मोड पर जाए तो उसके एड्रेस पर एसएसएल जरूर चेक करें। सेफ पेमेंट मोड के यूआरएल में “https://” जरूर होगा। अगर ऐसा नहीं है तो इस पर पेमेंट करने से बचें। ये आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। फर्जी यूआरएल में अक्सर ये नहीं होता। यहि नहीं गुजरात के अलावा दूसरे राज्यों के 20 लोगों को ढाई करोड़ रुपये का चूना लगा दिया गया है। ये साइबर क्रिमिनल्स लोगों को पैसा इनवेस्ट करने के लिए अट्रैक्ट करते हैं। दरअसल ये पूरी सोची समझी साजिश के तहत किया जाता है। टेलीग्राम में ये बकायदा विज्ञापन देते हैं। जिसमें इनकी फर्जी कंपनी का नाम, इनके काल सेंटर्स के नंबर मौजूद होते हैं जिससे लोगों को लगता है कि ये कोई बड़ी कंपनी हैं।
इसके बाद ये लोग यूजर्स को कॉन्टेक्ट करते हैं। इसमें बताया जाता है कि अगर आप मेक माई ट्रिप ट्रैवल वेबसाइट पर किसी होटल को रेटिंग देंगे तो उसके बदले में 500 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक दिए जाएंगे। मेक माय ट्रिप कंपनी का नाम लेकर ये लोगों को अपने विश्वास में लेते हैं। ये लोगों को फर्डी मेंबर भी बना देते हैं और रिव्यू और रेटिंग के बदले पैसे भी दे देते हैं। ये सारी बातें यूजर्स का विश्वास बढ़ाती हैं और फिर शुरू होता है आगे का खेल। जब लोग मेंबर बनकर रिव्यू दे देते हैं तो उसके बाद ये उन्हीं यूजर्स को डायमंड मेंबर बनने का लालच देते हैं। उन्हें बताते हैं कि अगर वो डायमंड मेंबर बनकर कंपनी में पैसा इनवेस्ट करते हैं तो उनके पैसे पर काफी ज्यादा रिटर्न कंपनी उन्हें देगी। इसी तरह गुजरात के एक शख्स को इन लोगों ने अपने जाल में फंसाया कुछ समय तक तो रिव्यू के नाम पर ये पैसा देते रहे, लेकिन फिर ज्यादा लालच देकर डायमंड पैकेज में इन्वेस्ट करने के लिए कहा, लेकिन उसके बाद ये लोग गायब हो गए। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में करवाई और फिर जांच शुरू हुई।