क्या अब लोकसभा चुनावों पर नजर रख रही है मायावती?

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मायावती अब लोकसभा चुनावों पर नजर रख रही है! बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा चुनाव अपने बलबूते, पूरे दमखम से लड़कर सत्ता हासिल करने का आह्वान किया है। गुरुवार को मायावती ने कहा कि अगला आम चुनाव दिलचस्प और संघर्षपूर्ण साबित होगा, जिसमें बसपा की भी अहम भूमिका होगी। बसपा प्रमुख ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में पार्टी की उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड इकाइयों की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक में कहा कि सभी कार्यकर्ता पूरे दमखम और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाएं, ताकि लोकसभा चुनाव में बेहतर नतीजे हासिल कर ‘सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय’ की सरकार बनाई जा सके।

मायावती ने कहा कि केंद्र की और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी, जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली की वजह से राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। लोग किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं चाहते, बल्कि वह बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को आतुर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन हालात में अगला लोकसभा चुनाव संघर्षपूर्ण, व्यापक जनहित एवं देशहित में होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बसपा की भी अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में पार्टी को समय-समय पर दिए जा रहे जरूरी दिशा-निर्देशों पर ईमानदारी और निष्ठापूर्वक मेहनत करके अच्छा नतीजा हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चुनाव में अच्छे नतीजे मिलने से बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के ‘आत्मसम्मान और स्वाभिमानी आंदोलन’ को केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मजबूती मिलेगी। मायावती ने आगामी छह दिसंबर को डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस को पूरी मिशनरी भावना के अनुरूप आयोजित करने के निर्देश दिया। साथ ही कहा कि इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छह मण्डलों… आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ और सहारनपुर के लोग नोएडा में ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल ग्रीन गार्डेन’ में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि शेष 12 मण्डलों के लोग लखनऊ में डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल स्थित ‘डॉक्टर आम्बेडकर स्मारक’ में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

मायावती ने दावा किया कि बसपा आम्बेडकर के ‘आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान’ के कारवां को आगे बढ़ाने का दृढ़संकल्प रखने वाली देश की एकमात्र पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में जनता रोजगार, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत विभिन्न सुविधाओं के लिए तरस रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा भी सपा और कांग्रेस की तरह अपने काम के बल पर जनता से वोट मांगने की स्थिति में नहीं है, इसीलिए वह संकीर्ण, भड़काऊ एवं विभाजनकारी मुद्दों का सहारा ले रही है। उन्होंने आगाह किया कि इससे ख़ासकर बहुजन समाज के लोगों को बहुत सावधान रहना है और किसी तरह के बहकावे में नहीं आना है।

यहि नहीं चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बसपा ने अब लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इन राज्यों में चुनाव प्रचार करके लौटीं मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है। इसमें वह लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगी। इस बैठक में संगठन की समीक्षा के साथ प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी गहन चर्चा की उम्मीद है। पांच राज्यों में से चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में मायावती ने कई सभाएं कीं। लखनऊ लौटते ही अब उनका फोकस लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर है। इसके लिए उन्होंने गुरुवार को बैठक बुलाई है। इसमें राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। बैठक में सभी जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है। विधानसभा चुनाव के बाद से बसपा संगठन को मजबूत बनाने में जुटी है। बूथ स्तर तक कमिटियों के गठन के लिए नवंबर तक का समय दिया गया था। इसके साथ कैडर कैंप भी आयोजित किए गए। मायावती इस बैठक में संगठन की समीक्षा करेंगी। माना जा रहा है कि संगठन में कुछ बदलाव भी कर सकती हैं।

बसपा 6 दिसंबर को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस भी मनाएगी। इसकी तैयारियों के बारे में भी मायावती दिशा-निर्देश देंगी। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि बसपा को तीन दिसंबर के चुनाव नतीजों का भी इंतजार है, जबकि लोकसभा चुनाव में अभी कुछ वक्त है। ऐसे में परिनिर्वाण दिवस पर प्रदेश स्तर पर बड़े आयोजन या रैली की संभावना कम है। इसकी तैयारी के लिए वक्त भी कम है। ऐसे में मंडल स्तर पर ही परिनिर्वाण दिवस पर आयोजन किए जाएंगे। लखनऊ और नोएडा में दो बड़े आयोजन हो सकते हैं। लखनऊ में यहां के अलावा कानपुर और अयोध्या मंडल के कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा। नोएडा में पश्चिमी यूपी के पांच मंडलों का आयोजन होगा। अन्य 10 मंडलों के आयोजन मंडल स्तर पर ही होंगे।