Monday, December 23, 2024
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क्या अब उत्तराखंड में होने वाले हैं पांच धाम?

अब उत्तराखंड में पांच धाम बनने वाले है! उत्तराखंड के लाल और देश के पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव सैंण बिरमोली में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति के तौर पर मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। जनरल रावत 11/5 गोरखा राइफल्स में थे। गोरखा रेजीमेंट में होने के कारण नेपाल का भी उनसे अगाध स्नेह है। भारतीय सेना में गोर्खा रेजीमेंट के योगदान और बलिदान का स्वर्णिम इतिहास रहा है। जनरल रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भी गोर्खा रेजीमेंट ही थे। यही कारण है कि पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू के सहयोग से जनरल रावत के गांव सेवा में मंदिर बनाया जा रहा है। सैंण गांव में मंदिर बनाने की अनुमति पशुपति क्षेत्र विकास कोष काठमांडू नेपाल की ओर दी गई है। यहां पर मंदिर बनाने का उद्देश्य जनरल रावत के गांव को एक आदर्श गांव बनाने के साथ ही वहां से पलायन को रोकना भी है। जनरल रावत की स्मृति में बनने वाले पशुपतिनाथ मंदिर के लिए भूमि पूजन 18 मई को भूमि पूजन किया गया था। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा यहां पर भूमि पूजन किया गया था। इस संबंध में निवृत्ति यादव ने बताया कि 8 दिसंबर 2021 को जब हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल रावत की मौत हुई थी तो कई दिनों तक समाचारों में उनके गांव और अधूरे सपने को लेकर चर्चाएं होती रही। जनरल रावत अपने गांव लौट कर अपने गांव का विकास करना चाहते थे, लेकिन उससे पहले ही अनहोनी हो गई।

निवृत्ति यादव ने बताया कि वे महाराष्ट्र के लातूर जिले से हैं और रूरल डेवलपमेंट विभाग से जुड़े हुए हैं। जनरल रावत के निधन और उनके अधूरे सपने ने उनको काफी पेरशान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने रक्षा मंत्रालय से संपर्क किया और जनरल रावत के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए अपना प्रस्ताव रखा। उन्हें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिलवाया गया और तत्कालीन पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे से भी बात करी। इसके बाद ही जनरल रावत के सपने को पूरा करने के लिए काम शुरू किया गया।

उन्होंने बताया कि डॉ. हरिवंश राय बच्चन प्रबोधन प्रतिष्ठान ने 2 साल पहले जनरल रावत के सैंण बिरमोली गांव को गोद लिया था। इसके बाद से गांव के विकास के लिए काम किया जा रहा है। इस गांव से पलायन रोकना, मूलभूत सुविधाएं जुटाना संस्थान का उद्देश्य है। प्रदेश सरकार द्वारा भी संस्थान को सहयोग दिया जा रहा है। सैंण गांव में जनरल रावत के चाचा भारत सिंह रावत ने पशुपतिनाथ मंदिर बनाने के लिए 15 नाली जमीन ट्रस्ट को दी है। मंदिर के ट्रस्ट में भरत सिंह रावत का परिवार को शामिल किया गया है।

निवृत्ति यादव ने बताया, ये माना जाता है कि चारधाम यात्रा के बाद भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के बिना यात्रा पूरी नहीं होती है। जनरल रावत का संबंध कोटद्वार से था तो उनके गांव में पशुपतिनाथ मंदिर बन रहा है। चारधाम यात्रा के लिए भी इसी मार्ग से होकर जाना होता है। इस तरह से चारधाम यात्रा करने के बाद तीर्थयात्री पौड़ी के सैंण गांव में पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन कर अपनी यात्रा को पूरा करने का पुण्यलाभ अर्जित कर सकेंगे। वहीं जनरल रावत के गांव में तीर्थयात्रियों के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे।

यहां पर बनने वाले पशुपतिनाथ मंदिर में देवभक्ति और देशभक्ति का संगम होगा। इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का संबंध मजबूत करने का एक और जरिया बनेगा। भारत में बनने वाला पशुपतिनाथ का यह पहला मंदिर है। मंदिर में शालिग्राम पत्थर निर्मित शिवलिंग, नंदी महाराज, भोलेनाथ का डमरू और त्रिशूल पशुपतिनाथ ट्रस्ट काठमांडू की ओर से डॉक्टर मिलिंद कुमार थापा के सहयोग से दिया जा रहा है। इस तरह से अयोध्या में श्रीराम और सीता माता की मूर्ति के लिए शालिग्राम पत्थर लाया गया है, वैसे ही उत्तराखंड के पशुपति नाथ मंदिर में नेपाल के शालिग्राम पत्थर से बने शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा।

निवृत्ति यादव के अनुसार मंदिर का ढांचा नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की जैसा ही होगा। मंदिर के लिए लकड़ी का जो भी काम होगा वह नेपाल से तैयार हो आएगा, जबकि पत्थर का काम राजस्थान के कारीगर करेंगे। मंदिर की स्थापना के लिए आगामी 4 नवंबर को देहरादून से घोषणा की जाएगी। इसके लिए बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देहरादून आ रहे हैं। पशुपतिनाथ मंदिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में 2 नवंबर को सचिवालय के पास स्थित जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा तक सनातन कलश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद 3 नवंबर को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में राष्ट्रभक्ति योग महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

4 नवंबर को स्पोर्ट्स कॉलेज में ही बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित नरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार आयोजित किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ ही स्वामी चिदानंद सरस्वती और प्रदेश के मंत्री, विधायक, सांसद भी मौजूद रहेंगे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा अपने दरबार के जरिए पौड़ी में जनरल बिपिन रावत के गांव में पशुपतिनाथ मंदिर बनाने की घोषणा की जाएगी।

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