इंदिरा गांधी और राहुल गांधी अब एक ही पथ पर चलने लगे हैं! कांग्रेसी आजकल सड़कों पर हैं। उनका दावा महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल का है। हालांकि, असल मसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का विरोध है। मंगलवार को सोनिया दूसरी बार ईडी अफसरों के सामने पेश हुईं। इधर संसद से विजय चौक तक कांग्रेस सांसदों ने मार्च निकाला। बाद में राहुल गांधी समेत सभी सांसद यहीं धरने पर बैठक गए। दिल्ली पुलिस ने कुछ देर बाद सभी को हिरासत में ले लिया। धरने पर बैठे राहुल गांधी की एक तस्वीर कांग्रेसी खूब वायरल कर रहे हैं।
पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक फोटो ट्वीट की गई है। एक तरफ इंदिरा हैं और दूसरी तरफ आज के राहुल गांधी। कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम लिखती है कि ‘इतिहास दोहरा रहा है…।’ पर क्या सच में ऐसा है? क्या इंदिरा भी तब प्रवर्तन निदेशालय या किसी सरकारी एजेंसी के खिलाफ धरने पर बैठी थीं?
राहुल के अनुसार, वह ‘बेरोजगारी’ और ‘महंगाई’ जैसे मसलों के खिलाफ धरने पर बैठे। पुलिस हिरासत में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘सभी सांसद यहां पर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात की लेकिन ये (पुलिस) लोग हमें बैठने नहीं दे रहे हैं और हमें हिरासत में ले रहे हैं।’
राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि उनका विरोध-प्रदर्शन महंगाई और बेरोजगारी जैसे मूलभूत मुद्दों पर है। इसके बावजूद, कांग्रेस सांसदों के हाथ में जो तख्तियां थीं उनपर प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ स्लोगन लिखे थे। महंगाई, बेरोजगारी का जिक्र नहीं था अलबत्ता लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के हाथ में सोनिया गांधी की एक तस्वीर जरूर थी जिसपर ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ था। प्रदर्शन में शामिल ज्यादातर कांग्रेस सांसदों व अन्य नेताओं ने महंगाई, बेरोजगारी छोड़कर सोनिया गांधी की ईडी से पूछताछ के खिलाफ ही बयान दिए हैं।
किसने क्या कहा?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘ये मोदी जी और अमित शाह जी की साजिश है कि विपक्ष को खत्म करना और हमारी आवाज बंद करना है। हम इससे डरने वाले नहीं है… हम लड़ते रहेंगे।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘देश का हर नागरिक डरा हुआ है। बार-बार सोनिया जी को बुलाना… क्या पूछताछ करते हैं? इन्हें क्यों टारगेट बना रहे हैं।’कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, ‘कांग्रेस को राजघाट पर सत्याग्रह की इजाजत नहीं दी गई। महात्मा गांधी की समाधि पर सत्याग्रह की इजाजत नहीं देना, लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।’
सचिन पायलट ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने ठान रखी है कि वे एजेंसियों का गलत उपयोग करके विपक्ष की आवाज़ को कुचलने और कांग्रेस के नेताओं को टारगेट करेंगे। हम पूछताछ से नहीं डर रहे हैं,केस में कोई दम नहीं है, लगातार हर बात का जवाब दिया जा रहा है लेकिन इन एजेंसी का दुरुपयोग हो रहा है। लोकतंत्र में प्रदर्शन करना, अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।’इंदिरा गांधी की वह तस्वीर मशहूर फोटोग्राफर रघु राय ने खींची थी। उनकी किताब A Life in the Day of Indira Gandhi में यह तस्वीर भी छपी है। धरने पर बैठीं इंदिरा की यह फोटो 1977 के आम चुनाव के नतीजे आने के बाद की है। इंदिरा को खुफिया एजेंसी IB से लेकर कई कांग्रेसियों ने भरोसा दिया था कि उनकी सत्ता में वापसी होगी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। स्वतंत्रता के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर हुई। इंदिरा खुद रायबरेली सीट से चुनाव हार गई थीं। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। यह बात दीगर है कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और इंदिरा कुछ साल बाद सत्ता में वापस लौटीं।
हमेशा से ही करते रहे हैं दादी को याद
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दादी इन्दिरा गांधी की तर्ज पर कांग्रेस को मजबूत करने का एलान करते हुए कहा कि अब वह हर सप्ताह जनता दर्शन करेंगे। रैम्प पर टहल टहलकर कार्यकर्त्ताओं के सवालों का जवाब देते हुए गांधी से एक कांग्रेसी ने पूछा था कि इन्दिरा गांधी से कोई भी मिल सकता था लेकिन अब आपके परिवार से कोई सामान्यजन मिल ही नहीं सकता। उनका कहना था कि अब वह हर सप्ताह जनता दर्शन करेंगे।
गांधी ने प्रधानमंत्री की नीतियों को गरीबों के खिलाफ ठहराते हुए कहा कि मोदी जी ने उद्योगपतियों के 52 हजार करोड रूपए के कर्ज माफ कर दिए। यह मीडिया में भी नही आता। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि रोहित वेमुला ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या हुई थी। मै दो बार उसके दोस्तों से मिला। वह शिक्षा चाहता था। उन्होंने कहा कि 27 सालों में जो सरकारें आई उसने पूरे राज्य के लिए नहीं बल्कि एक छोटे हिस्से में काम किया। यूपी का विकास तब होगा जब पूरा राज्य एक साथ खड़ा होगा। यहां उत्तर प्रदेश में बिजली है नहीं तो उद्योग कोई क्योंं लगाएगा।
गांधी ने कटाक्ष किया कि बब्बर शेर ने कितने लोगों को रोजगार दिया। युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि यह सेलफोन जो आपकी जेब है जिससे आप सेल्फी ले रहे है वह मोदी की नहीं कांग्रेस की देन है। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा और सपा प्रदेश में सांप्रदायिक सौहाद्र बिगाडना चाहते हैें। लोगों को आपस मे भिडाकर वोट हासिल करना चाहते हैं। लोगों को इनसे सावधान रहना होगा। कांग्रेस सरकार बनाने के लिए यह चुनाव लड़ रही है।कांग्रेस की सरकार बनी तो बिजली,विकास और सड़क के लिए सोचना नहीं होगा। यहां से जाकर अपने-अपने जिलों में लोगों को मैसेज दे कि कांग्रेस आपके लिए है। कांग्रेस कमजोर नहीं है। इस तरह के पहले कार्यक्रम में गांधी ने कार्यकर्त्ताओं के 50 चुनिन्दा सवालों के जवाब दिए। बारिश की वजह से अपेक्षा से कम कार्यकर्त्ता आए लेकिन मौजूद लोगों के सवालों का गांधी ने बखूबी जवाब दिया।