क्या अब देश में बढ़ने वाली है कड़ाके की ठंड?

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अब देश में कड़ाके की ठंड बढ़ने वाली है! जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी शुरू हो गई है। वहीं, पंजाब-हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में गुरुवार को बारिश होने से तापमान में कुछ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब में पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, मोहाली, रूपनगर और राजपुरा में बारिश हुई। हरियाणा में अंबाला और पंचकूला में भी बारिश हुई। दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में भी भारी बारिश रेकॉर्ड की गई। उधर कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में गुरुवार को बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश हुई। इससे घाटी में तीन सप्ताह से चल रहे शुष्क मौसम से लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग और सोनमर्ग में गुरुवार सुबह बर्फबारी हुई। श्रीनगर सहित घाटी के अधिकतर हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। बारिश की वजह से घाटी में पिछले तीन सप्ताह का शुष्क मौसम का दौर समाप्त हो गया। वहीं, बारिश और बर्फबारी की वजह से घाटी में ठंड बढ़ गई। घाटी में कई स्थानों पर रात के तापमान में वृद्धि हुई है, लेकिन गुलमर्ग में बुधवार देर रात पारा शून्य से नीचे पहुंच गया था। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस, काजीगुंद में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस और गुलमर्ग में पारा शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

चेन्नई और इसके आसपास के जिलों में बारिश के बाद राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर पानी भर गया है। बारिश की वजह से चेन्नई और इसके पड़ोसी जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और सुबह कार्यालय जाने वालों लोगों को यहां कोयम्बेडु और माम्बलम जैसी जगहों पर पानी की वजह से गुजरना मुश्किल हो गया। राज्य में भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर आपदा प्रतिक्रिया टीम को तैयार रखा गया है। दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली के लोगों को कंपकंपी वाली ठंड नहीं सताएगी। ऐसा इसलिए होगा कि दिसंबर के पहले हफ्ते में बादलों की आंखमिचौली जारी रहेगी। बादल छा जाने के बाद रात के समय धरती ठंडी नहीं हो पाती। बादलों की वजह से गर्मी ऊपर नहीं जा पाती और वह धरती की सतह के आसपास ट्रैप होकर रह जाती है। यही वजह है कि बादलों और बारिश के दौरान न्यूनतम तापमान में इजाफा होता है। धूप न होने की वजह से अधिकतम तापमान में जरूर गिरावट आती है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी हल्के बादल छाए रहेंगे। इसके बाद दो दिसंबर को आसमान साफ रहेगा। लेकिन तीन और चार दिसंबर को फिर से आंशिक बादल देखने को मिलेंगे। पांच दिसंबर को फिर से आसमान साफ रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। शुक्रवार को आंशिक बादल रहेंगे। सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है। अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद दो से छह दिसंबर तक अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 से 12 डिग्री तक रह सकता है। दिसंबर के पहले हफ्ते में भी लोगों को कंपकंपी वाली ठंड नहीं सताएगी। ऐसा इसलिए होगा कि दिसंबर के पहले हफ्ते में बादलों की आंखमिचौली जारी रहेगी। बादल छा जाने के बाद रात के समय धरती ठंडी नहीं हो पाती। बादलों की वजह से गर्मी ऊपर नहीं जा पाती और वह धरती की सतह के आसपास ट्रैप होकर रह जाती है। यही वजह है कि बादलों और बारिश के दौरान न्यूनतम तापमान में इजाफा होता है। धूप न होने की वजह से अधिकतम तापमान में जरूर गिरावट आती है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी हल्के बादल छाए रहेंगे। इसके बाद दो दिसंबर को आसमान साफ रहेगा। लेकिन तीन और चार दिसंबर को फिर से आंशिक बादल देखने को मिलेंगे। पांच दिसंबर को फिर से आसमान साफ रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। शुक्रवार को आंशिक बादल रहेंगे। सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है। अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद दो से छह दिसंबर तक अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 से 12 डिग्री तक रह सकता है।

प्रदूषण में कमी के लिए दिल्ली और एनसीआर को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। लेकिन सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने के साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। दिल्ली-एनसीआर में भी आपस में तालमेल नहीं दिख पाता। पिछले तीन बरसों से ग्रैप को पूर्वानुमान के आधार पर लागू किया जा रहा है। लेकिन अभी तक मौसम एजेंसियां इसका सही आकलन नहीं कर पाती। इसकी वजह से जब ग्रैप लगाना होता है, तो उस दौरान वह लग ही नहीं पाता। गाड़ियों का प्रदूषण, पराली के प्रदूषण में कोई कमी नहीं आ रही है। ग्रैप को लेकर दिल्ली में नियम लागू हो जाते हैं, एनसीआर में नहीं हो पाते। नवंबर खत्म हो गया, लेकिन अब भी दिल्ली में घोषणा के अनुरूप पर्यावरण सेवा बस नहीं चल पाई। गाड़ियों को निकलने से कम करने के लिए अब पार्किंग फीस बढ़ा ही नहीं पाते। इन हालात में नवंबर में प्रदूषण की वजह से लोग दिल्ली छोड़कर चले जाना ही बेहतर समझते हैं।