Sunday, December 22, 2024
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क्या महाराष्ट्र में विकास कर रही है शिंदे सरकार?

महाराष्ट्र में शिंदे सरकार क्या विकास कर रही है, इस बात पर उद्धव गुट के द्वारा सवाल उठाया गया है! पंढरपुर और दहेगांव गांवों का दौरा करने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार उत्सव-प्रेमी सरकार है। इसमें घोषणाओं की अधिक बारिश होती है, जबकि उनके कार्यान्वयन के लिए सूखा पड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि आयोजनों को मनाया जाना चाहिए, लेकिन सरकार को कम से कम यह देखना चाहिए कि राज्य में लोग संतुष्ट हैं या नहीं।

महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बाद राज्य में विपक्ष की भूमिका में आ गए उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार की रविवार को आलोचना की है। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार उत्सव प्रेमी सरकार है। इसमें योजनाओं का एलान तो होता है लेकिन धरातल पर नहीं उतारा जाता। उन्होंने हाल ही में हुई बारिश के प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद ये बातें कहीं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इससे हुए नुकसान के आकलन की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाए।

गौरतलब है कि राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने रविवार को बारिश से प्रभावित औरंगाबाद जिले के पंढरपुर और दहेगांव गांवों का दौरा किया। यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए वर्तमान राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार में घोषणाओं की बाढ़ आ गई है, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिए सूखा पड़ा है। मौजूदा सरकार को यह देखना पसंद नहीं है कि लोग खुश और संतुष्ट हैं या नहीं।

इस दौरान ठाकरे ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष द्वारा निर्धारित राहत मानदंडों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार को इन मानदंडों को बदलने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि ये पुराने हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को फसल बीमा के ‘बीड पैटर्न’, जिसे 80-110 फॉर्मूला भी कहा जाता है, के कार्यान्वयन पर केंद्र के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करनी चाहिए।

इस दौरान मांग करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिंदे सरकार को राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करना चाहिए।इस दौरान मांग करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिंदे सरकार को राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई इस बारिश से प्रभावित हुए किसानों को  मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने चाहिए।इससे पहले, गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने भूमि विकास बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कुल 964.15 करोड़ रुपये के फसल ऋण को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।  इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई इस बारिश से प्रभावित हुए किसानों को  मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने चाहिए।इससे पहले, गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने भूमि विकास बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कुल 964.15 करोड़ रुपये के फसल ऋण को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। 

इस बीच भोसरी प्लॉट मामले पर एनसीबी नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि भोसरी प्लॉट मामले में मुझपर कुछ आरोप लगे थे। ACB इसकी जांच कर रही थी,इस दौरान मांग करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिंदे सरकार को राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई इस बारिश से प्रभावित हुए किसानों को  मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने चाहिए।इससे पहले, गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने भूमि विकास बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कुल 964.15 करोड़ रुपये के फसल ऋण को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।  जिस पर 2018 में ACB ने मामला तथ्यहीन कहा था। अब इसकी फिर से जांच की मांग की गई। ACB पहले ही पुणे जिला सत्र न्यायालय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है कि मामले में कोई सच्चाई नहीं है।

एकनाथ खडसे ने कहा कि ACB ने जांच के बाद इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी और कहा था कि इसे बंद करना चाहिए।इस दौरान मांग करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिंदे सरकार को राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई इस बारिश से प्रभावित हुए किसानों को  मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये देने चाहिए।इससे पहले, गुरुवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने भूमि विकास बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कुल 964.15 करोड़ रुपये के फसल ऋण को माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।  अब 4 साल बीत चुके हैं और वापस हेमंत गावंडे ने फिर से जांच का आग्रह किया गया है। फिर से यह मामला पूणे के कोर्ट में चल रहा था जिसमें पूणे कोर्ट ने निर्णय दिया है और टिप्पणी करते हुए कहा है कि ACB की टीम सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम कर रही है।

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