चीन द्वारा कोरोना वायरस ने भारत में साल 2019 को दस्तक दी थी जिसकी शुरुआत चीन से हुई और धीरे-धीरे सभी देशों में वायरस का प्रभाव बढ़ता गया जिसकी चपेट में लाखों करोड़ों लोग आ गए. कोविड-19 के बढ़ने से सभी देशों की हालात बिगड़ते जा रहे थे जिसके वजह से कई देशों ने लॉकडाउन लगाने का फ़ैसला लिया था. साल 2020 के साल में कई लोगों ने अपनी जान गवाई थी. इसके बाद कई देशों ने वायरस से छुटकारा पाने के लिए वैक्सीन बनाना तैयार किया जिससे लोगों की जान बचाई जा सकते हैं और साल 2021 के आते-आते भारत में वैक्सीन की एंट्री हो चुकी थी और लोगों को यह वैक्सीन लगायी जाने लगी थी लेकिन अभी हाल ही में आया हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है जिसकी वजह कोरोना की वैक्सीन बताई जा रही है. आइए जानते हैं इस बारे में.
साल 2021 के अप्रैल माह में कोरोना ने अपना ख़तरनाक रूप ले लिया था जिसके बाद भारती हैं आम लोगों को वैक्सीन लगाना महत्वपूर्ण हो गया था. इस साल देश भर में कई लोगों ने अपने ज़हन करवाई थी ऐसा कहना ग़लत नहीं होगा कि हर घर में किसी न किसी की मौत कोविड-19 के इस महामारी ज़रूर हुई थी. हर घर में मातम का माहौल पसरा हुआ था सभी लोग अपने घरों में बंद थे लोग सामान्य ज़िंदगी जीने को तड़प रहे थे. बहुत से लोगों ने अपनो को खोया था और इस गम में लीन थे. आपको बता दें कि कोरोना वायरस से बहुत लोगों की जान गई लेकिन अब मौत हार्ट अटैक से भी हो रहे हैं जिसका आंकड़ा ज़्यादा संख्या में हैं. अब सवाल यह उठ रहे हैं कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए जो वैक्सीन लोगों को दी गई थीं उसी वैक्सीन से हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं.
इस मामले को बेहतर तरीक़े से जानने के लिए (ICMR) इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च इस पर स्टडी कर रहा है. इस स्टडी की शुरुआती रिपोर्ट पिछले कुछ समय से पेंडिंग है. इसे प्रकाशित करने से पहले आईसीएमआर अब तक सामने आए निष्कर्षों की समीक्षा कर रहा है. (ICMR) इस रिपोर्ट को लेकर काफी गहन अध्ययन कर रहा है. तो ऐसे में कोशिश है कि इसके आंकड़े तभी सार्वजनिक किए जाएं जब वो पूरी तरह से पुष्ट हों. ऐसा माना जा रहा है इस स्टडी की रिपोर्ट साल 2023 के जुलाई में दी जाएगी. इस स्टडी में (ICMR) इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च टीका करण और बढ़ते दिल के मामलों को समझने की कोशिश कर रहा है कि आख़िर वैक्सीन लेने के बाद हार्ट अटैक के मामलों में इतनी बढ़ोतरी क्यों और कैसे हुई है.
जानिए किस सवाल का जवाब (ICMR) इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ढूंढ रही है
1. क्या लोगों की मौत टीकाकरण के बाद नेचुरल कारणों से हुई है?
2. क्या कोविड को रोकने के लिए बनाया गया टीका मौत के लिए जिम्मेदार था?
3. क्या जान गंवाने वाला मरीज कोविड के गंभीर स्टेज पर था या लंबे समय से उससे पीड़ित तो नहीं था?
इस स्टडी को पूर्ण रूप से करने के लिए ICMR में क़रीब 40 अस्पतालों से रजिस्ट्रेशन की जानकारी ली है इनमें इससे कई मरीज़ का डेटा (AIIMS) ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के अस्पताल से भी दिया गया है कि आपको बताते हैं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ 14, हज़ार लोगों के सैंपल से 600 मौत कि सूचना मिली है. (ICMR) क़रीब तीन चार महीने से इस पर स्टडी कर रहा है और यह जानने की कोशिश कर रहा है कि अचानक हार्ट अटैक के मामले में इतनी तेज़ी कैसे आई है. वैसे तो रिपोर्ट 6 महीने में आने वाली थी लेकिन अब बताया जा रहा है कियह रिपोर्ट जुलाई के महीने में आ जाएगी साथ ही हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया द्वारा कहा गया है कि वैक्सीन के आंकड़े उनके पास मौजूद है. हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने यह भी कहा था कि दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों के आंकड़ों की समीक्षा AIIMS दिल्ली द्वारा भी की जा रही है. मांडविया ने माना था कि कोरोना वैक्सीन निर्माण को न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी बढ़ाया गया था.
इंडियन हार्ट एसोसिएशन द्वारा बताया गया कि, बीते सालों में 50 वर्ष से कम उम्र के 50% फीसदी और 40 साल से कम उम्र के 25% फीसदी लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम देखा गया है. मतलब, नौजवानों में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं और महिलाओं के मुकाबले पुरुष दिल की बीमारी से ज्यादा ग्रसित हो रहे हैं. दिल की बीमारियों के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर, तनाव, मोटापा और अनियमित जीवन शैली बड़ा कारण नजर आती हैं.