वर्तमान में बदायूं की मर्डर मिस्ट्री और भी उलझती जा रही है! बदायूं में दो मासूम बच्चों का डबल मर्डर इस समय सुर्खियों में है। बच्चों का बेरहमी से कत्ल करने वाला साजिद पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। मौके पर मौजूद उसका साथी जावेद फरार हो गया था। उसने गुरुवार रात बरेली में सरेंडर कर दिया था। बाद में बदायूं पुलिस उसे ले आई। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लेकिन इससे पहले पुलिस से हुई पूछताछ में उसने कुछ राज उगले थे। सरेंडर करने से पहले भी उसने एक वीडियो में वारदात के बारे में कुछ कहा था। लेकिन इस सब बातों से पूरी गुत्थी ऐसी उलझी कि खुद पुलिस कह रही है कि जरूरत हुई तो जावेद का नार्को टेस्ट कराया जाएगा। जावेद के सरेंडर के समय एक वीडियो बनाया गया था। इसमें वह अपनी पहचान बता रहा है। बहुत मुमकिन हो कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद को सुरक्षित रखने के लिए ऐसा किया हो। इस वीडियो में वह कह रहा है, मेरा कोई कसूर नहीं था। जो कुछ किया वह साजिद ने किया है, मैं बेकसूर हूं। मुझे पुलिस के पास ले चलो मैं जावेद हूं।’ घटना के बारे में वह कहता है कि मुझे कुछ नहीं पता मैं घबरा कर भाग गया था, बाद में मेरे पास लोगों के फोन आए कि तेरे भाई ने यह कर दिया। जबकि पुलिस की पूछताछ में उसने कहा, मैं बाइक लेकर घर के बाहर खड़ा था। जब साजिद खून से सने चाकू और कपड़ों में बाहर आया तो मैं घबराकर भाग गया।
मारे गए बच्चों की मां का कहना था कि साजिद अपनी गर्भवती पत्नी की डिलिवरी की बात कहकर पांच हजार रुपये उधार लेने आया था। लेकिन खुद साजिद की पत्नी ने साफ किया कि वह प्रेग्नेंट नहीं है। पकड़े गए जावेद का कहना था कि इस परिवार से उन लोगों के अच्छे संबंध थे। पर साथ ही यह भी बताया कि साजिद मानसिक तौर पर परेशान रहता था। उसकी झांड़-फूंक भी करवाई गई थी लेकिन पीड़ित परिवार के किसी सदस्य ने इसका संकेत भी नहीं दिया।
पुलिस ने जावेद से पूछताछ के बाद बताया कि साजिद आक्रामक हो जाता था। वह तमंचा भी रखता था। कई बार वह जावेद पर भी हाथ उठा चुका था। लेकिन यह भी सवाल है कि ऐसा शख्स लंबे समय से नाई की दुकान कैसे चला सकता है और पड़ोस में रहने वाले परिवार का भरोसा इस कदर कैसे जीत सकता है कि वे उसे घर में बुलाकर न केवल उधार देने को राजी हो जाएं बल्कि चाय के लिए भी पूछें। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि वारदात से पहले साजिद नया चाकू खरीदकर लाया था। इस लिहाज से तो यह सोची-समझी साजिश लगती है।
सवाल उठता है कि कहीं यह सोची-समझी साजिश थी या फिर सनक में किया गया कत्ल। एक थ्योरी यह भी है कि साजिद के बच्चे नहीं थे। वे पैदा होते ही मर जाते थे इसलिए वह बच्चों से नफरत करता था इसीलिए उसने बच्चे मार दिए। लेकिन सवाल है कि अगर उसे बच्चों को मारना ही था तो घर में घुसकर क्यों मारता। वह जब उनका भरोसा जीत चुका था तो उन्हें बहाने से कहीं दूर ले जाकर उनकी हत्या कर सकता था। बहुत मुमकिन हो कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद को सुरक्षित रखने के लिए ऐसा किया हो। इस वीडियो में वह कह रहा है, मेरा कोई कसूर नहीं था। जो कुछ किया वह साजिद ने किया है, मैं बेकसूर हूं। मुझे पुलिस के पास ले चलो मैं जावेद हूं।’ घटना के बारे में वह कहता है कि मुझे कुछ नहीं पता मैं घबरा कर भाग गया था, बाद में मेरे पास लोगों के फोन आए कि तेरे भाई ने यह कर दिया।इन सभी सवालों से पुलिस का भी माथा घूम रहा है। इसीलिए पुलिस ने पकड़े गए साथी जावेद का नार्को टेस्ट तक कराने की बात कही है। जिस तरह से जावेद बाहर बाइक लेकर खड़ा था उससे यह भी अंदेशा होता है कि वह तैयार था कि जैसे ही साजिद बाहर आए उसे बाइक पर बैठाकर फरार हो जाए। लेकिन तुरंत पकड़े जाने और शोर मचने की वजह से वह ऐसा नहीं कर सका और खुद की भाग गया। बहरहाल, सच क्या है यह तो आगे की पुलिस कार्रवाई में ही पता चल पाएगा।