Saturday, January 11, 2025
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क्या अब विपक्ष पूरी तरह से बिखर चुका है?

अब विपक्ष पूरी तरह से बिखर चुका है! जब पूरे देश और दुनिया के कई हिस्सों से आए रामभक्त अयोध्या में इकट्ठा हो गए तब विपक्ष पूरी तरह बिखर गया। विपक्ष के नेता एक-दूसरे से अलग विभन्न कार्यक्रमों में मशगूल रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी असम के नगांव जिले में वशिष्ठ संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान बोर्डोवा सत्र बटाद्रवा थान के बाहर धरने पर बैठ गए, जब उनका काफिला तीर्थ स्थान के रास्ते में पुलिस की बैरिकेड से टकरा गया। राहुल ने रास्ता रोक रहे पुलिसकर्मियों से पूछा, ‘मुझे यहां आमंत्रित किया गया है और अब प्रशासन कह रहा है कि मैं नहीं जा सकता। हाथ जोड़कर पूछता हूं, मेरा क्या अपराध है? मैं क्यों नहीं जा सकता?’ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को राहुल को सलाह दी थी कि अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले तक बोर्डोवा सत्र में न जाएं। सत्र प्रबंधन ने एक पत्र जारी किया जिसमें उसने अयोध्या समारोह से जुड़े पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी शाम 3 बजे तक परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते।

उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में अपनी ‘संप्रीति रैली’ का समापन भाजपा से एक सवाल करके किया। गोदावरी नदी के किनारे रामकुंड और कलाराम मंदिर में एक घंटे से अधिक समय बिताया और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाने के लिए ‘महाआरती’ की। उनकी पत्नी रश्मि, बेटे आदित्य और तेजस के साथ-साथ पार्टी के कई नेता उनके साथ थे। उधर, एनसीपी चीफ शरद पवार समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने कहा कि जब भीड़ कम हो जाएगी तो वो मंदिर जाएंगे।ममता ने बीजेपी से पूछा, ‘क्या आप महिला विरोधी हैं?’ ममता बनर्जी ने सबसे एकजुट रहने का आह्वान किया। ममता ने कालीघाट मंदिर में पूजा के बाद अपनी यात्रा शुरू की। बता दें कि रविवार को राहुल को सलाह दी थी कि अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले तक बोर्डोवा सत्र में न जाएं। सत्र प्रबंधन ने एक पत्र जारी किया जिसमें उसने अयोध्या समारोह से जुड़े पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी शाम 3 बजे तक परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता ठुकराने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव कार्यक्रम में शामिल तो नहीं हुए लेकिन एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम द्वारा परिकल्पित राम राज्य की ओर जाने वाले मार्ग का अनुसरण करेगा।’ फिर एक गुरुद्वारा, एक चर्च और एक मस्जिद पर रुकने के बाद लगभग एक लाख की भीड़ को संबोधित करने से पहले उन्होंने उन विपक्षी दलों को निशाना बनाया जो बीजेपी के सामने खड़े नहीं होते। वहीं, शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गोदावरी नदी के किनारे रामकुंड और कलाराम मंदिर में एक घंटे से अधिक समय बिताया और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाने के लिए ‘महाआरती’ की। उनकी पत्नी रश्मि, बेटे आदित्य और तेजस के साथ-साथ पार्टी के कई नेता उनके साथ थे। उधर, एनसीपी चीफ शरद पवार समारोह में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने कहा कि जब भीड़ कम हो जाएगी तो वो मंदिर जाएंगे।

यूपी कांग्रेस नेताओं ने अभिषेक के समारोह पर रणनीतिक चुप्पी साध रखी जबकि आचार्य प्रमोद कृष्णम और पूर्व सांसद निर्मल खत्री समेत पार्टी के कई अन्य नेता समारोह में शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय दिनभर वाराणसी के पास अपने गृहनगर में रहे। कृष्णम ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘यह दिन सनातन धर्म की जीत और भारत में रामराज्य की स्थापना का प्रारंभ है। मुझे इसका हिस्सा बनकर खुशी हो रही है।’ बता दे कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को राहुल को सलाह दी थी कि अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले तक बोर्डोवा सत्र में न जाएं। सत्र प्रबंधन ने एक पत्र जारी किया जिसमें उसने अयोध्या समारोह से जुड़े पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी शाम 3 बजे तक परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता ठुकराने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव कार्यक्रम में शामिल तो नहीं हुए लेकिन एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम द्वारा परिकल्पित राम राज्य की ओर जाने वाले मार्ग का अनुसरण करेगा।’ वहीं, आरजेडी के संरक्षक लालू प्रसाद भी न्योता मिलने के बाद भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूर रहे।

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