क्या कोरोना का XBB.1.16 वेरिएंट है ख़तरनाक?

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कोरोना का XBB.1.16 वेरिएंट वैज्ञानिकों ने खतरनाक बताया है! देश में कोरोना की रफ्तार फिर से टेंशन दे रही है। इस बार कोरोना मामलों के पीछे ओमिक्रोन के नए वेरिएंट XBB.1.16 को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस वेरिएंट का पहला मामला इस साल जनवरी में मिला था। देश में कोरोना के 60 फीसदी नए मामलों के पीछे यही वेरिएंट सामने आया है। स्थिति यह है कि जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल में से 50% पॉजिटिव आ रहे हैं। हालांकि, इस बात को लेकर आईसीएमआर की एक स्टडी में सामने आया है कि XBB.1.16 अधिक गंभीर नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ऐसे में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी कम है। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के केस बढ़े हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामलों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 के न्यूक्लियोटाइड और अमीनो एसिड्स में चेंज हुआ है। ऐसे में XBB.1.16 वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट काफी अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमीक्रोन का यह म्यूटेंट स्‍ट्रेन हाइब्रिड इम्‍यूनिटी को भी मात दे सकता है। वैक्सीन लगवाने के बाद बॉडी में डेवलप इम्‍यूनिटी भी नए वेरिएंट के संक्रमण नहीं रोक पाती है। हालांकि, इस वेरिएंट के गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता को लेकर रिसर्च हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वेरिएंट की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।

XBB.1.16 वेरिएंट BA.2.10.1 और BA.2.75 का रिइनकॉम्बेंट है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामलों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 के न्यूक्लियोटाइड और अमीनो एसिड्स में चेंज हुआ है। ऐसे में XBB.1.16 वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट काफी अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमीक्रोन का यह म्यूटेंट स्‍ट्रेन हाइब्रिड इम्‍यूनिटी को भी मात दे सकता है। वैक्सीन लगवाने के बाद बॉडी में डेवलप इम्‍यूनिटी भी नए वेरिएंट के संक्रमण नहीं रोक पाती है। हालांकि, इस वेरिएंट के गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता को लेकर रिसर्च हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वेरिएंट की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।इसके मूल वंश XBB की तुलना में SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन (E180V, F486P और K478R) में तीन और म्यूटेशन हैं। F486P म्यूटेशन XBB.1.5 के साथ शेयर किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन की स्थिति 478 पर म्यूटेशन कम एंटीबॉडी न्यूट्रलाइजेशन, बढ़ी हुई संप्रेषणीयता और रोगजनकता से जुड़ा हुआ है।

इस साल मार्च तक दुनिया के 21 देशों से ओमिक्रोन के वेरिएंट XBB.1.16 सिक्वेंस की सूचना मिली थी।पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामलों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 के न्यूक्लियोटाइड और अमीनो एसिड्स में चेंज हुआ है। ऐसे में XBB.1.16 वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट काफी अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमीक्रोन का यह म्यूटेंट स्‍ट्रेन हाइब्रिड इम्‍यूनिटी को भी मात दे सकता है। वैक्सीन लगवाने के बाद बॉडी में डेवलप इम्‍यूनिटी भी नए वेरिएंट के संक्रमण नहीं रोक पाती है। हालांकि, इस वेरिएंट के गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता को लेकर रिसर्च हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वेरिएंट की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। अमेरिका, सिंगापुर ऑस्ट्रेलिया में भी इस नए वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, अब तक की रिपोर्ट XBB.1.16 के कारण अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में भर्ती होने या मौतों में वृद्धि का संकेत नहीं देती हैं। इसके अलावा, वर्तमान में XBB.1.16 के लिए रोग की गंभीरता के स्टैंडर्ड पर कोई लैब रिपोर्ट नहीं आए हैं।

ओमिक्रोन के इस वेरिएंट से क्या देश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा है।पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामलों की संख्या 10 हजार को पार कर गई है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट XBB.1.16 के न्यूक्लियोटाइड और अमीनो एसिड्स में चेंज हुआ है। ऐसे में XBB.1.16 वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट काफी अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमीक्रोन का यह म्यूटेंट स्‍ट्रेन हाइब्रिड इम्‍यूनिटी को भी मात दे सकता है। वैक्सीन लगवाने के बाद बॉडी में डेवलप इम्‍यूनिटी भी नए वेरिएंट के संक्रमण नहीं रोक पाती है। हालांकि, इस वेरिएंट के गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता को लेकर रिसर्च हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वेरिएंट की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ने के बावजूद 2021 के डेल्टा लहर की आशंका नहीं है। हालांकि, देश में लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है। एक्सपर्ट लोगों को सजह रहने के साथ कोविड अनुरूप बिहेवियर जैसे मास्क लगाने, सैनिटाइजर यूज करने, सोशल डिस्टेंसिंग, रेगुलर हाथ धोने और भीड़भाड़ वाले एरिया में जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं।