अक्सर आपने देखा होगा कि कान में बहुत ज्यादा दर्द होता है! आज के समय प्रदूषण काफी ज्यादा हो गया है और वातावरण भी शांत नहीं है। हमेशा आपके कानों में कुछ न कुछ आवाज जाती ही है। शहरों में रहने वालों को कान में दर्द की समस्या ज्यादा होती है, क्योंकि यहां हमेशा कंपनी, वाहनों, लाउडस्पीकर की आवाज कानों तक जाती है। प्रदूषण भी कानों तक जाती है, जिससे कान में दर्द की समस्या होती है। कान दर्द की समस्या बहुत ही ज्यादा असहनीय होती है। इस दर्द से राहत पाना बहुत ही मुश्किल होता है। इससे मानसिक रूप से आप परेशान हो जाते हैं। इसके लिए दवा और कई ड्राप आप तत्काल राहत पाने के लिए कान में डालते हैं। लेकिन इसका एक प्राकृतिक उपाय भी है, योग। अगर आप नियमित योग करते हैं तो कान में दर्द की समस्या नहीं होगी। अगर दर्द है तो भी वह छूट जाएगा।
एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आप समय-समय पर हम कान की साफ सफाई नहीं करेंगे तो कान दर्द की समस्या होगी। वहीं ग्रामीण इलाकों का वातावरण शांत रहता है, जिससे कान में दर्द की समस्या नहीं होती है। हम आपको बताएंगे कैसे योगिक क्रिया से कान को साफ रखा जाता है, जिससे कानों में दर्द की समस्या नहीं आती है।
कभी-कभी हमारे कान में सन-सन की आवाज आती है, या कभी-कभी कान सुन्न पड़ जाते हैं। ऐसा कान के अंदर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक नहीं होने से या कान के अंदर की गंदगी के कारण होता है। इसे हम योग क्रिया से भी ठीक कर सकते हैं।
एक्सपर्ट बताते हैं कि कभी-कभी माचिस की तिली या अन्य चीजों को कान में डालकर लोग इसकी सफाई करते हैं। लेकिन कान की सफाई का ये गलत तरीका है। संभव है कि माचिस की तिल्ली का बारूद कान में फंस सकता है। इससे कान में संक्रमण की संभावना होती है। ऐसे में सही यही होगा कि कान की सफाई के लिए भी आप ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाएं। नहीं तो इससे हो सकता है आपके कानों के अंदर पर्दे इत्यादि में चोट लग जाए या घाव हो जाए। इसलिए कान में किसी चींज को नहीं डालना चाहिए। कानों की सफाई के लिए कर्ण रंध्र धौति क्रिया करनी चाहिए।
पहले हाथों को अच्छे से धो लें, अगर नाखून बढ़ें हैं तो इसे काट लें
एक पानी की कटोरी रख लें उसमें अंगुली डूबोकर भिंगा लें
इसके बाद अंगुली कानों में डालें और कान की नली के पास घुमाएं। इसे आराम से करना है, अंगुली को अंदर की तरफ प्रेशर देकर नहीं करना चाहिए।
नहाने से पहले इस योग क्रिया को करें
कान की ऊपरी सतह पर अंगुली को घुमाएं, जिससे कान का बल्ड सर्कुलेशन ठीक रहेगा
बिना कान में किसी चीज को डाले कानों की सफाई हो जाएगी
कान में दर्द की समस्या नहीं होगी
कम सुनाई देने की समस्या नहीं होगी
ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहेगा
एक्सपर्ट बताते हैं कि कर्नापीड़ासन शब्द का मतलब ही होता है कान की पीड़ा से छुटकारा देने वाला योगासन। इस योग से कान का दर्द कम होता है। कान साफ रहता है। सुनाई हमेशा ठीक से देता है। इस आसन को बैठकर, खड़े होकर व लेटकर भी कर सकते हैं।
पीठ के बल लेट जाएं
हाथों को शरीर की तरफ करके पैरों को सीधा ऊपर ऊठाएं
अब पैर और हाथ को एक लाइन में रखें
सांस लेते हुए पैर को आसमान की तरफ ऊठएं
सिर के पीछे पैर को ले जाने की कोशिश करें
कंधों पर अपने शरीर को पूरा भार दें, इस क्रम में जमीन पर आपके हाथ सीधे होने चाहिए
इसे हलासन की स्थिति कहते हैं, फिर वापस अपने पैरों के घुटनों को मोड़ लें
घुटने मुड़ जाने के बाद यह कानों तक आ जाएंगे और कान घुटनों में छुप जाएंगे
इस दौरान नाक की तरफ देखें
कुछ देर इस स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लें
वापस से सांस छोड़ते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं! एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन को करने से कान में दर्द की समस्या नहीं होगी। कान का बल्ड सर्कुलेशन ठीक रहेगा। आस-पास प्रदूषित वातावरण कान को इफेक्ट नहीं करेगा। इसके साथ लिवर इससे ठीक रहता है।सबसे पहले पेट के बल लेटें
इस अवस्था में पैर ताने रखें, इसमें थोड़ा गैप रखें
दोनों पैर को मिलाएं और 90 डिग्री में सीधा रखें
दोनों हाथों को छाती के पास लाकर हथेली को नीचे टिकाएं
हाथ को कंधों के नीचे रखकर गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को पेट को ऊपर उठाएं
इस दौरान ऊपर देखने की कोशिश करें
कुछ समय तक इसी मुद्रा बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें
अब सांस छोड़ते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं
इसे तीन से चार बार कर सकते हैं!