क्या वर्तमान में आरजेडी में हो रही है हलचल?

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वर्तमान में आरजेडी में हलचल हो रही है! बिहार में बनी महागठबंधन सरकार कार्यकाल संभालने के बाद से ही चर्चा में है। शपथ लेते ही दो मंत्रियों को लेकर विवाद हो गया। उसके बाद राजद की ओर से नीतीश को लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि जेडीयू ने राजद कोटे के मंत्री पर कार्रवाई की मांग कर दी। उसके बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मास लेवल पर लोगों को नाराज करने वाला बयान दे दिया। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी कि पूरे बिहार में उन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हो गये। उसके बाद जेडीयू ने खुद को राजद के स्टैंड से अलग कर लिया। मामला अभी कुछ शांत हुआ था कि चंद्रशेखर ने फिर एक बयान दे डाला। रामचरितमानस को लेकर उन्होंने फिर से विवादित बयान दिया। उसके बाद जेडीयू विधायक संजीव कुमार की ओर से उन्हें इस्लाम कबूल करने की सलाह दी गई। यहां तक तो ठीक था। उसके बाद राजद कोटे के मंत्री ने कैबिनेट में आने वाले प्रस्ताव को पहले ही मीडिया में लीक कर दिया। फिर क्या था नीतीश कुमार भड़क गये और इसे नियम के खिलाफ बताया। सियासी जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार बिल्कुल अनुशासन में चलते हैं। मुख्यमंत्री संवैधानिक प्रावधानों की कद्र करते हैं। नियम के खिलाफ कुछ भी होने से उन्हें अच्छा नहीं लगता। नीतीश कुमार ने उस बात पर आपत्ति जताई है जिसमें कैबिनेट में बिना पास हुए प्रस्ताव की जानकारी मीडिया को दे दी गई। नीतीश कुमार ने इस मामले को लेकर आरजेडी कोटे के मंत्रियों की क्लास लगा दी। इतना ही नहीं मंत्री इसराइल मंसूरी पर लगे हत्या के आरोप से नीतीश आहत हुए। उन्हें विधानसभा में विपक्ष के सामने झुकना पड़ा। नीतीश कुमार ने कहा कि वो मामले की जांच करवा लेंगे। उन्होंने कहा कि वे अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि मामले की जांच करें। इसराइल मंसूरी पर कांटी में प्रदर्शन कर रहे एक युवक की हत्या कराने का आरोप लगा है। जिसे लेकर विपक्ष हमलावर है।

बिहार में सात पार्टियों के महागठबंधन की सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने मंत्रिमंडल के राजद कोटे के मंत्रियों को ही नसीहत दे रहे हैं, ऐसे में कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं। नीतीश कुमार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयानों से पहले से ही नाराज है। इसके बाद मंत्री ने कैबिनेट की बैठक के पूर्व ही शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर कर दी, जो मुख्यमंत्री को नागवार गुजरी। मंत्री ने सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति नियमावली का ब्योरा कैबिनेट में जाने के पहले ही उनके स्तर पर लीक हो गया। इसके बाद नीतीश कुमार ने विधानसभा में ही उन्हें नसीहत दे दी। नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में बोलते हुए मंत्री की ओर इशारा करते हुए नसीहत देने के अंदाज में कहा कि कैबिनेट की बात पहले ही ये मीडिया में बता देते हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में भेजे जाने की बात सार्वजनिक नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब कैबिनेट में पास हो जाएगी तो घोषणा होती ही है।

उन्होंने कहा कि हम अखबार में देखे कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के हवाले से खबर छपी थी। शिक्षा मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि कैबिनेट में भेजे जाने की बात को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। संविधान में प्रावधान है, लेकिन अखबार में छपने लगा कि कैबिनेट में प्रस्ताव भेज दिया गया है तो यह गलत है। कहा जा रहा है कि मुजफ्फरपुर के कांटी में एक युवक की हत्या के मामले में मंत्री इसराइल अंसारी पर आरोप लगाए जाने के बाद भी मुख्यमंत्री की किरकिरी हो रही है। भाजपा द्वारा इस मामले को सदन में उठाए जाने के बाद नीतीश ने मंत्री को नसीहत दी है। ऐसा नही कि नीतीश की नाराजगी राजद के मंत्रियों सर ऐसे ही हुई है। कहा जा रहा है कि नीतीश के खिलाफ राजद के नेता बयान दे रहे हैं और राजद कारवाई तक नहीं कर पा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश भी मौका मिलते मंत्री को नसीहत देने से नहीं चूक रहे हैं। सियासी जानकार मानते हैं कि आरजेडी कोटे के मंत्रियों को नीतीश की नसीहत नागवार गुजर रही है। मंत्री काफी अंदर से नाराज हैं और तेजस्वी के सीएम बनने का इंतजार कर रहे हैं।